ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश अलीगढ़किसान के बेटे ने नीट में सूबे में हासिल किया दूसरा स्थान

किसान के बेटे ने नीट में सूबे में हासिल किया दूसरा स्थान

प्रतिभाओं को कभी भी सुविधाओं का मुंह नहीं देखना पड़ता है। जब मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा है, तो कोई भी बाधा उसे मुकाम हासिल करने से नहीं रोक सकती है। ऐसा ही साबित कर नीट की मेडिकल प्रवेश परीक्षा...

किसान के बेटे ने नीट में सूबे में हासिल किया दूसरा स्थान
हिन्दुस्तान टीम,अलीगढ़Fri, 23 Jun 2017 10:56 PM
ऐप पर पढ़ें

प्रतिभाओं को कभी भी सुविधाओं का मुंह नहीं देखना पड़ता है। जब मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा है, तो कोई भी बाधा उसे मुकाम हासिल करने से नहीं रोक सकती है। ऐसा ही साबित कर नीट की मेडिकल प्रवेश परीक्षा में किसान के बेटा ब्रज का टॉपर बन गया। एएमयू से 12वीं करने वाले भुवनेश शर्मा ने नीट में जहां सूबे में दूसरा , वहीं देश में 19वां स्थान हासिल कर परचम फहरा दिया। भुवनेश ने छात्रों के लिए संदेश दिया कि मेहनत करें और हौसला रखें, तो सफलता जरूर मिलेगी। भुवनेश शर्मा मूलरूप से बुलंदशहर के पहासू क्षेत्र के एक गांव फतेहाबाद के रहने वाले हैं। उनके परिवार में पिता राजमणि शर्मा, मां मीना शर्मा और एक भाई व एक बहन हैं। उनके पिता एक किसान हैं और गांव में ही खेती करते हैं। जबकि उनकी मां गृहणी हैं। भुवनेश ने दसवीं तक की पढ़ाई बुलंदशहर के शिकारपुर से की। दसवीं में उन्होंने 10 सीजीपीए हासिल किए। हालांकि उनके मामा डॉ. नरेश शर्मा अलीगढ़ में रहते हैं। इसलिए उन्होंने आगे की पढ़ाई के लिए अलीगढ़ को चुना। उन्होंने 11वीं की प्रवेश परीक्षा दी और उनका चयन एएमयू के प्लस टू ब्वॉयज स्कूल में हो गया। जहां से उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई की और उसके साथ ही अलीगढ़ में सर्वर क्लासेज से कोचिंग शुरू की। एएमयू में 12वीं की परीक्षा में उन्होंने 88.6 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। जबकि नीट की परीक्षा में उन्होंने ऐसी बाजी मारी, जिससे अलीगढ़ के साथ ही एएमयू और अपने माता-पिता का नाम प्रदेश और देश में रोशन कर दिया। शुक्रवार को जारी नीट के परिणाम में उन्हें प्रदेश में दूसरा और देश में 19 वां स्थान मिला है। भुवनेश ने बताया कि उनका पढ़ाई को लेकर हमेशा से काफी रुझान रहा है। 12वीं की परीक्षा और नीट के लिए समयबद्ध तरीके से पढ़ाई करते रहे। उनका कहना है कि छात्रों को मेहनत लगातार करते रहनी चाहिए। सफलता मिले या न मिले, लेकिन निराश होकर रास्ता नहीं बदलना चाहिए।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें