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तहसील दिवस में सोते रहे अधिकारी

सीएम योगी चाहें जो करें, लेकिन कुछ अधिकारी हैं, जो कि सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे। सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट तहसील दिवस में भी कुछ अधिकारी सोने से बाज नहीं आ रहे हैं। बहरहाल तहसील दिवस में एसएसपी...

तहसील दिवस में सोते रहे अधिकारी
हिन्दुस्तान टीम,अलीगढ़Tue, 18 Jul 2017 10:55 PM
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सीएम योगी चाहें जो करें, लेकिन कुछ अधिकारी हैं, जो कि सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे। सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट तहसील दिवस में भी कुछ अधिकारी सोने से बाज नहीं आ रहे हैं। बहरहाल तहसील दिवस में एसएसपी राजेश पांडेय और प्रभारी डीएम दिनेश चंद्र ने समस्याएं सुनीं। कुल 143 शिकायतें आईं, जबकि निस्तारण महज 16 शिकायतों का ही हुआ। मंगलवार को तहसील कोल में तहसील दिवस का आयोजन हुआ। ठीक सुबह दस बजे एसएसपी राजेश पांडेय और डीएम का प्रभार देख रहे सीडीओ दिनेश चंद्र, समेत सभी जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठ गए। एक-एक कर फरियादी आते गए और उनकी समस्याओं की सुनवाई शुरू हुई। अधिकांश शिकायतें राजस्व विभाग से संबंधित थीं। इनमें भी अधिकांश शिकायतें पट्टे की जमीन पर कब्जों को लेकर थीं। कई को शिकायत थी कि उसके पड़ोस में रहने वाले किसान ने मेढ़ तोड़ ली है। इसके अलावा अन्य विभागों की शिकायतें आईं। एडीएम सिटी एसबी सिंह, सिटी मजिस्टे्रेट सचिन कुमार सिंह और एसडीएम कोल डा. पंकज वर्मा समेत सभी अधिकारियों ने दो बजे तक समस्याएं सुनीं। इस दौरान खास बात यह रही कि जहां आला अधिकारी कृष्णांजलि में बने मंच पर बैठकर शिकायतों का निस्तारण करने में व्यस्त थे, वहीं सिंचाई, शिक्षा तथा अन्य विभागों के अधिकारी नींद पूरी करने में लगे थे। उन्हें न तो सीएम के आदेश की परवाह थी और न तहसील दिवस में आने वाले फरियादियों की फरियाद का समाधान करने की कोई चिंता। होगी कार्रवाई प्रभारी डीएम की हैसियत से बैठे सीडीओ दिनेश चंद्र ने तहसील दिवस में अधिकरियों के सोने पर कड़ा रुख अख्त्यिार किया है। उन्होंने कहा कि वह ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। तहसील दिवस सरकार की प्राथमिकता हैं। जिससे एक ही स्थान पर लोगों की समस्याओं का हल हो सके। लेकिन इस तरह की लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विधायक रहे गैह हाजिर पिछले दो तहसील दिवसों में विधायक शिरकत करते रहे हैं। वह भी अधिकारियों के साथ बैठकर समस्या सुनते थे। लेकिन फिलहाल विधान सभा सत्र चलने के कारण इस बार सभी विधायक गैर हाजिर रहे। ऐसे में उन लोगों को मायूसी हाथ लगी जो कि केवल विधायकों को ही अपनी समस्या बताने आए थे।

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