ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश अलीगढ़हाइवे पर दूर-दूर तक नजर नहीं आती पुलिस पिकैट

हाइवे पर दूर-दूर तक नजर नहीं आती पुलिस पिकैट

बुलंदशहर में 29 जुलाई की रात हाईवे पर मां-बेटी को बंधक बनाकर गैंगरेप की हुई घटना को एक साल हो गया। इस घटना से सबक लेते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के इंतजाम तो किए, लेकिन कुछ पुलिसकर्मियों की...

हाइवे पर दूर-दूर तक नजर नहीं आती पुलिस पिकैट
हिन्दुस्तान टीम,अलीगढ़Fri, 28 Jul 2017 02:18 AM
ऐप पर पढ़ें

बुलंदशहर में 29 जुलाई की रात हाईवे पर मां-बेटी को बंधक बनाकर गैंगरेप की हुई घटना को एक साल हो गया। इस घटना से सबक लेते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के इंतजाम तो किए, लेकिन कुछ पुलिसकर्मियों की लापरवाही सब किए-धरे पर पानी फेर देती है। यमुना एक्सप्रेस-वे हो या अलीगढ़-दिल्ली व अलीगढ़-आगरा हाईवे, कुछ स्थानों को छोड़कर बाकी दूर-दूर तक पुलिस गश्त नजर नहीं आती है। बदमाशों का खौफ आज भी हाईवे पर नजर आता है। रात में महिलाओं ने सफर करना छोड़ दिया है। बुधवार रात हिन्दुस्तान के रियलिटी चेक में ये सब बातें सामने आई हैं। अलीगढ़ से यमुना एक्सप्रेस वे तक पहुंचने के लिए लोगों को खैर रोड से खैर, जट्टारी व टप्पल होकर गुजरना पड़ता है। रात में इस रोड से होकर एक्सप्रेस वे तक पहुंचना खतरे से खाली नहीं है। रात 12:15 बजे नादा पुल पर कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं दिखी। जबकि नादा पुल लूट प्वाइंट बन चुका है। इससे कुछ आगे रेडियंट पब्लिक स्कूल के पास पीआरवी 742 जरूर मिली। इसके बाद दूर तक सन्नाटा रहा। लोधा थाने पर सोता मिला होमगार्ड रात 12:50 बजे लोधा थाने पर एक होमगार्ड सोता मिला, जबकि एक पुलिसकर्मी व मुंशी मुस्तैद दिखे। कोतवाल को गश्त पर बताया गया, लेकिन रास्ते में कहीं नजर नहीं आए। थाने से कुछ आगे एक गंगा दर्शन ट्रैवल्स की बस खराब हो गई थी, जो फर्रुखाबाद जा रही थी। ट्रैवल्स की दो अन्य गाड़ियों से स्टाफ के लोग मदद के लिए पहुंचे हुए थे। खैर थाने में दरोगा समेत चार पुलिसकर्मी मिले रात 01:20 बजे खैर थाने के गेट पर दो पुलिसकर्मी बैठे मिले। जबकि एसआई मदन सिंह मुंशी के साथ काम करते मिले। थाने के सामने एक डीसीएम खराब हो गई थी, जो सड़क पर खड़ी थी। इससे रास्ता बाधित हो रहा था। गौमत चौराहे के बाद दूर-दूर तक पुलिस नजर नहीं आई। वहीं जट्टारी चौकी पर सन्नाटा पसरा हुआ था। चौकी से तीन-चार किलोमीटर आगे आलू से लदा ट्रक पलटा हुआ पड़ा था। ट्रक खैर से साहिबाबाद के लिए रवाना हुआ था। वहां भी पुलिस नजर नहीं आई। जबकि व्यापारी सूचना पर पहुंच गए थे। यमुना एक्सप्रेस वे पर मिली जेपी ग्रुप की वैन रात 1:55 बजे टप्पल इंटरचेंज से यमुना एक्सप्रेस वे पर पहंचे तो दूर-दूर तक कोई पुलिसकर्मी नजर नहीं आई। घने अंधरे में ट्रक, बस व कुछ कार गुजर रही थीं। इंटरचेंज से जेवर की ओर सात किलोमीटर आगे जेपी ग्रुप की मोबाइल वैन मिली। वैन में मौजूद सुरक्षाकर्मी मुस्तैद दिखे। इसके बाद एक्सप्रेस वे पर मथुरा की ओर पांच-छह किलोमीटर एक आगे एक डायल 100 की गाड़ी गश्त करती दिखाई दी। दिल्ली हाइवे पर कहीं मुस्तैदी तो कहीं सन्नाटा रात करीब 3:13 बजे खेरेश्वर चौराहे पर पुलिस मुस्तैद रही। कभी बैरियर डालकर वाहनों को चेक लिया जाता तो कभी यूं ही जाने दिया जाता। इस चौराहे से दिल्ली हाईवे पर दूर-दूर तक पुलिस नजर नहीं आई। हाईवे पर अंधेरे में वाहन दौड़ते रहे। महरावल पुल के पास भी रोशनी तो थी, लेकिन सन्नाटा पसरा हुआ था। भरतरी पुलिस चौकी पर भी कोई पुलिसकर्मी नजर नहीं आया। इसके बाद पला सल्लू से चूहरपुर चौराहे के बीच पुलिस गश्त करती हुई मिली। वहीं पैराई मोड़ पर डायल 100 की पीआरवी मिली। गभाना टोल प्लाजा पर वाहन भी कम नजर आए। यहां दो पुलिसकर्मी तैनात मिले। बसों में भी महिलाओं की संख्या रही नाममात्र रात में यमुना एक्सप्रेस वे और दिल्ली हाईवे से गुजर रही कारों में कोई महिला सफर करते हुए दिखाई नहीं दी। जबकि बसों में भी महिलाओं की संख्या भी नाममात्र ही दिखाई दी। इससे स्पष्ट होता है कि बदमाशों के खौफ से रात में लोगों ने परिवार के साथ सफर करना बंद कर दिया है। बुलंदशहर व जेवर कांड से लोगों ने तो सबक ले लिया है, लेकिन लापरवाह पुलिसकर्मी कोई सबक नहीं ले रहे हैं। गश्त पर तैनात होते हुए भी कुछ पुलिसकर्मी गाड़ियों में सुस्ताते रहते हैं। आगरा-अलीगढ़ हाइवे पर नहीं दिखे सुरक्षा के इंतजाम गुरुवार तड़के 4:22 बजे आगरा-अलीगढ़ हाइवे पर मंदिर नगला से मडराक टोल प्लाजा तक किसी भी जगह पुलिस की गश्त नहीं मिली। टोल प्लाजा पर भी पुलिस की पिकेट तैनात नहीं थी। हाइवे पर रोशनी के पर्याप्त इंतजाम भी नहीं थे। टोल पर कुछ ही वाहन नजर आए। आगरा को जाने वाली एक बस में जरूर कुछ महिलाएं सफर करती हुईं मिलीं, लेकिन उस वक्त दिन निकल आया था। शायद इसलिए महिलाओं ने सफर करना उचित समझा। यमुना एक्सप्रेस वे पर पांच गाड़ियां लगी हैं सुरक्षा में टप्पल एसओ सुनील कुमार के मुताबिक अलीगढ़ की सीमा में यमुना एक्सप्रेस वे सुरक्षा व्यवस्था में पांच गाड़ियां लगी हुई हैं। इसमें दो गाड़ी डायल 100 की, दो जेपी गु्रप की और एक थाने की जीप लगी हुई है। एसओ ने बताया कि इंटरचेंज पर दो-ढाई बजे तक चेकिंग की जाती है। बाकी चार गाड़ियां मूवमेंट पर रहती हैं। अंधरे से बना रहता है खतरा एसएसपी राजेश कुमार भी खुद मानते हैं कि यमुना एक्सप्रेस वे और दिल्ली हाइवे पर रात में अंधेरे की समस्या है। जहां अंधेरा होता है, वहां खतरा भी बना रहता है। अथॉरिटी द्वारा प्रकाश व्यवस्था पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यमुना एक्सप्रेस वे पर सुरक्षा के सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं। पांच गाड़ियां सुरक्षा में लगी हुई हैं। वहीं दिल्ली हाईवे पर चार पीआरवी लगी हैं। दो-दो पीआरवी हाईवे पर दोनों तरफ मूवमेंट करती रहती हैं। एक्सप्रेस वे और हाईवे पर सुरक्षा व्यवस्था परखने के लिए सप्ताह में कम से कम पांच दिन खुद जाता हूं। इसके अलावा एसपी व सीओ को भी चेकिंग करने की जिम्मेदारी दी गई है। एसपी ट्रैफिक, एसपी क्राइम, सीओ गभाना, सीओ खैर और सीओ अतरौली सप्ताह में एक-एक दिन रात में चेकिंग करने जाते हैं। --राजेश कुमार पाण्डेय, एसएसपी

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें