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कौशांबी फिर कोल पड़ा था अलीगढ़ का नाम

अलीगढ़ महज ऐतिहासिक नगरी ही नहीं बल्कि रामायण, महाभारत में इसका जिक्र पौराणिक काल से इसके अस्तित्व की गवाही दे रहे हैं। इसके प्रमाण पुरातत्व विभाग की खुदाई में अवशेषों के रूप में भी मिल गए। उन्होंने...

कौशांबी फिर कोल पड़ा था अलीगढ़ का नाम
हिन्दुस्तान टीम,अलीगढ़Mon, 14 Aug 2017 09:45 PM
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अलीगढ़ महज ऐतिहासिक नगरी ही नहीं बल्कि रामायण, महाभारत में इसका जिक्र पौराणिक काल से इसके अस्तित्व की गवाही दे रहे हैं। इसके प्रमाण पुरातत्व विभाग की खुदाई में अवशेषों के रूप में भी मिल गए। उन्होंने भी यहां से मिले पात्र, औजार और दूसरे प्रतीक चिह्नों को पांच हजार साल से भी अधिक पुराने होने का दावा किया। मथुरा संग्रहालय में सभी चिह्न सुरक्षित हैं। इतिहासकारों ने जिन किंवदंतियों का जिक्र अपने शोध में किया, उसके मुताबिक रामायणकाल में इसका नाम कौशांबी था, इसे राजधानी के रूप में विकसित किया। वाल्मीकि रामायण में इसका पूरा जिक्र है। कौशरिव को कोल नामक दैत्यराज ने पराजित करके राज्य हासिल कर लिया। यहां का राजपाठ हासिल करने के बाद उसने कौशांबी का नाम बदलकर कोल कर दिया। इसी काल में श्रीकृष्ण के भाई बलराम राजघाट गंगा स्नान के लिए यहां से होकर गुजरे तो उन्होंने अपना पहला पड़ाव खैरेश्वर धाम पर डाला। इसी दौरान उन्होंने यहां के दैत्य सम्राट कोल से युद्ध कर उनका वध किया। उसका वध करने के बाद जिस स्थान पर उन्होंने अपना हल धोया उस स्थान का नाम हलधुआ पड़ा। इस राज्य को बलराम ने पांडवों को दिया था। मौजूदा समय में इसका नाम हरदुआगंज है। इससे अलग एक किंवदंति यह भी है कि इस क्षेत्र में कोही ऋषि का आश्रम था। कालांतर में इसका नाम कोहीला से कोल हो गया। कुछ इतिहासकारों का यह भी मत है कि अलीगढ़ कोर पर स्थित होने के नाते कालांतर में इसका नाम कोल हो गया। पुरातत्व विभाग ने यहां से प्राप्त की ताम्रयुगीन अवशेष, मिट्टी के पात्र, हड्डियों के औजार, मनके, चॉक मिट्टी के खिलौनों से महाभारत काल से अस्तित्व की पुष्टि की। अगस्त 1804 में मैरिस बने थे अलीगढ़ के पहले डीएम अलीगढ़। रामायण से महाभारत में अलीगढ़ का जिक्र महज किंदंतियां ही नहीं। इतिहासकारों ने बाकायदा इन्हें अपने शोध में शामिल किया है। इतिहासकारों की मानें तो अंग्रेजी हुकूमत में अलीगढ़ को जिले का दर्जा मिला और पहले कलेक्टर की तैनाती हुई। अंग्रेज सैन्य अफसर पैरॉन ने मराठाओं को हराने के बाद इस पर कब्जा कर लिया। इसके बाद अंग्रेजी हुकुमरान क्लाउड रसेल ने 1804 में अलीगढ़ को जिले का दर्जा देते हुए एक अगस्त को यहां मैरिस नामक अफसर को कलेक्टर के तौर पर तैनाती दी।

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