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सहकारी बैंक अध्यक्ष राजपाल यादव के पक्ष में उतरी सपा

छह करोड़ के गबन के आरोपों से घिरे सहकारी बैंक के चेयरमैन राजपाल यादव के समर्थन में सपा खड़ी हो गई है। सपा जिलाध्यक्ष अशोक यादव ने शनिवार को पत्रकारवार्ता में कहा कि सपा के लोगों के खिलाफ चुन-चुनकर झूठे...

सहकारी बैंक अध्यक्ष राजपाल यादव के पक्ष में उतरी सपा
हिन्दुस्तान टीम,अलीगढ़Sat, 17 Jun 2017 09:36 PM
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छह करोड़ के गबन के आरोपों से घिरे सहकारी बैंक के चेयरमैन राजपाल यादव के समर्थन में सपा खड़ी हो गई है। सपा जिलाध्यक्ष अशोक यादव ने शनिवार को पत्रकारवार्ता में कहा कि सपा के लोगों के खिलाफ चुन-चुनकर झूठे मुकदमें दर्ज किए जा रहे हैं। जिसके खिलाफ सड़क से लेकर विधान सभा तक संघर्ष किया जाएगा। सपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि राजनीतिक विद्वेष के चलते भाजपा सहकारी बैंक के अध्यक्ष को बर्खास्त करना चाहती है। जैसा कि बुलंदशहर, बलिया, देवरिया आदि जिलों में इस सरकार द्वारा किया गया है। वर्तमान भाजपा सरकार पिछली सपा सरकार द्वारा जो कार्य कराए गए हैं कि उनकी सिर्फ पांच साल में जांच ही करा पाएगी। जांच के नाम पर जनता को गुमराह किया जा रहा है। सहकारी बैंक के चेयरमैन राजपाल यादव ने कहा कि एफआईआर में जो आरोप लगाए गए हैं वे पूरी तरह से निराधार हैं। बैंक लोन देता है न कि चेयरमैन। एक व्यक्ति को अगर लोन लेना होता है तो उसकी फाइल 20 बैंक अधिकारियों के पास से घूमती है। जिसके बाद साख कमेटी में शामिल छह डायरेक्टर इसके अनुमति देते हैं। इतनी बड़ी प्रक्रिया होने के बावजूद भला कैसे छह करोड़ रुपए का लोन चेयरमैन करा सकता है। उन्होंने कहा कि शाखा पुरदिलनगर का प्रकरण वर्ष 2009 से 2012 तक के कार्यकाल का है। जबकि मेरा कार्यकाल जनवरी 2013 से शुरू हुआ। चेयरमैन ने जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाते लखनऊ से आए जांच अधिकारी ने पांच साल के कार्यकाल की जांच सिर्फ दो घंटे में ही कैसे पूरी कर दी। इस दौरान महानगर अध्यक्ष अज्जू इश्हाक, यूपी बार काउंसिल के पूर्व चेयरमैन सुरेन्द्र मोहन यादव, ब्लॉक प्रमुख लोधा गिरीश यादव, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तेजवीर सिंह गु़ड्डू, पूर्व ब्लॉक प्रमुख तेजवीर सिंह, मनोज यादव आदि मौजूद थे। जिले में खोली गई थी पांच एफएलसी चेयरमैन राजपाल यादव ने कहा कि एफआईआर में नाबार्ड द्वारा खोली जाने वाली एफएलसी के नाम पर रुपए गबन करने का आरोप लगाया गया है। जबकि हकीकत यह है कि जिले में सहकारी बैंक की मुख्य शाखा कोएले वाली गली में, कासिमपुर, इगलास, रेलवे रोड स्थित मुख्य शाखा और खैर में एफएलसी खोले गए थे। वर्तमान में यह बंद हो चुके हैं। स्टाफ का वेतन नहीं मिलने की वजह से इन्हे बंद करना पड़ा। सहकारी सोसाइटियों पर नहीं है खाद, बीज चेयरमैन राजपाल यादव ने बताया कि अलीगढ़-हाथरस के सीमांत किसानों पर सहकारी बैंक का करीब 270 करोड़ का कर्ज है। सूबे में भाजपा की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री ने किसानों का एक लाख रुपए तक का कर्ज माफ करने का ऐलान किया। आज तक इसका कोई शासनादेशन नहीं आया है। वहीं सरकार ने सीमांत किसानों से कर्ज वसूली को जारी किए जाने वाले नोटिस पर भी रोक लगा दी है। इस वजह से इफको सहित दूसरी कंपनियों का कर्ज सहकारी बैंक पर हो गया है। अब हाल यह है कि अलीगढ़-हाथरस की 150 से अधिक सोसाइटियों पर खाद, बीज तक उपलब्ध नहीं है।

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