नीरज, शहरयार का शहर अब कहलाएगा स्मार्ट सिटी
अलीगढ़, जिसे गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल का शहर कहा जाता है। मुगलकाल से लेकर ब्रिटिश हुकूमत और फिर आजाद भारत। इतना पुराना है यह अपना शहर। यहां की मिट्टी से कई अनमोल रत्न निकले। देश-दुनिया में जिन्होंने...
अलीगढ़, जिसे गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल का शहर कहा जाता है। मुगलकाल से लेकर ब्रिटिश हुकूमत और फिर आजाद भारत। इतना पुराना है यह अपना शहर। यहां की मिट्टी से कई अनमोल रत्न निकले। देश-दुनिया में जिन्होंने नाम कमाया। पद्मभूषण महाकवि गोपालदास नीरज, मशहूर शायर शहरयार सहित तमाम हस्तियों वाला शहर अब स्मार्ट सिटी कहलाएगा। हिन्दुस्तान द्वारा शहरवासियों को एकजुट कर किए गए प्रयास की मुहिम आखिरकार रंग ला ही गई। दिल्ली में शुक्रवार को हुई स्मार्ट सिटी चुने जाने की बैठक में यूपी के मेरठ, गाजियाबाद, बरेली जैसे शहर को पछाड़कर जब अलीगढ़ को चुना गया तो शहर के लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। शहरवासियों का खुश होना लाजिमी है। 2014 में जब केन्द्र सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी बनाए जाने की घोषणा की गई तो शुरुआती दौर में लोगों ने यह सोचा भी नहीं था कि इंदौर, भोपाल, सूरत जैसे बड़े शहरों की तरह ताला-तालीम के लिए विश्वपटल पर पहचान बनाने वाली तालानगरी एक दिन स्मार्ट सिटी के लिए चुनी जाएगी। कहते हैं कि जब तक हम सपने नहीं देखेंगे तो पूरे क्या होंगे। कुछ ऐसा ही हिन्दुस्तान के साथ मिलकर इस शहर के लोगों ने स्मार्ट सिटी बनाने का न सिर्फ सपना देखा, बल्कि एक दृढ़ विश्वास के साथ यह ठान लिया कि एक दिन हम भी स्मार्ट सिटी के वाशिंदे कहलाएंगे। हिन्दुस्तान और नगर निगम की संयुक्त मुहिम ने वास्तव में एक शायर की इन पंक्तियों की हकीकत में तब्दील कर दिया कि अकेला चला था मैं और कारवां बनता चला गया। स्कूल, व्यापारिक संगठनों के साथ मिलकर दिलाई थी शपथ स्मार्ट सिटी चुने जाने के लिए सरकार द्वारा शुरु की गई योजना के तहत वोटिंग शुरु हुई। हिन्दुस्तान स्कूल-कॉलेज, व्यापारिक, सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर शहर में जगह-जगह वोटिंग कराई थी। सासनी गेट आवास विकास कॉलोनी स्थित बचपन प्ले स्कूल के डायरेक्टर राहुल वर्मा ने बताया कि स्कूल में भी अभिभावकों और अध्यापिकाओं की ओर से वोटिंग कार्यक्रम नगरायुक्त संतोष शर्मा की अध्यक्षता में कराई गई थी। आज मेहनत सफल हो गई।