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हेपेटाइटिस से बचना है तो नियमित कराते रहे रक्त की जांच

आप सामान्य हैं। किसी भी तरह से तकलीफ नहीं, मगर आप ब्लड देने या किसी अन्य परेशानी से ब्लड की जांच कराने जा रहे हैं तो आपको हेपेटाइटिस बी या सी निकल सकती है। जी हां, अधिकांश केसों में हेपेटाइटिस बी और...

हेपेटाइटिस से बचना है तो नियमित कराते रहे रक्त की जांच
हिन्दुस्तान टीम,आगराFri, 28 Jul 2017 11:39 AM
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आप सामान्य हैं। किसी भी तरह से तकलीफ नहीं, मगर आप ब्लड देने या किसी अन्य परेशानी से ब्लड की जांच कराने जा रहे हैं तो आपको हेपेटाइटिस बी या सी निकल सकती है। जी हां, अधिकांश केसों में हेपेटाइटिस बी और सी का इसी तरह पता चल पाता है क्योंकि इनके वायरस सुस्त अवस्था में रक्त में घुले हुए होते हैं। ताजनगरी में दोनों तरह की हेपेटाइटिस तेजी से बढ़ रही है। हर माह 100 से अधिक केस एसएन मेडिकल कॉलेज की मेडीसिन और बाल रोग विभाग में हर माह लगभग 100 केस हेपेटाइटिस बी और सी के सामने आ रहे हैं। इसमें बी के केस अधिक हैं। दो साल पहले तक यह संख्या लगभग आधी थी, मगर इसमें लगातार इजाफा हो रहा है। चिंता की बात यह है कि हेपेटाइटिस बी और सी अधिक खतरनाक है। दूषित पानी से होने वाली सामान्य हेपेटाइटिस ए और ई के केस आ रहे हैं। रक्तदान शिविर में सामने आ रहे मामले वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. अरविन्द जैन के मुताबिक हेपेटाइटिस बी और सी के वायरस सुस्त अवस्था में ब्लड में होते हैं। मरीज को कोई तकलीक नहीं होती है, मगर जब सामान्य रूप से खून की जांच करने या रक्तदान करते वक्त इसकी जानकारी होती है। एचआईवी से अधिक खतरनाक सी का वायरस हेपेटाइटिस सी का वायरस एचआईवी से अधिक खतरनाक होता है। किसी एचआईवी सक्रमित मरीज की इस्तेमाल की हुई सीरींज में जो ब्लड आता है, उस पर कुछ समय बाद एचआईवी का वायरस हवा में घुलकर उड़ने लगता है, मगर हेपेटाइटिस सी से संक्रमित मरीज के सीरींज से निकले ब्लड में सी का वायरस बना रहता है। इस कारण यह खतरनाक होता है। सी की वैक्सीन नहीं, दवाओं से इलाज वरिष्ठ गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉ. विवेक अग्रवाल के मुताबिक हेपेटाइटिस ए और बी की वैक्सीन उपलब्ध है, मगर सी की वैक्सीन आज तक नहीं बन सकी। मगर बाजार में अब दवाएं काफी बेहतर आ चुकी हैं। ऐसे फैलती है बीमारी - हेपेटाइटिस ए और ई प्रदूषित खाने-पीने से फैलती है। ये जलजनित रोग है। नियमित उपचार के बाद मरीज ठीक हो जाता है। - हेपेटाइटिस बी और सी रक्त में संक्रमण से फैलता है। रक्त में संक्रमण के कई कारण हो सकते हैं। इसमें संभोग करने, संक्रमित ब्लड चढ़ना प्रमुख है। इनसे बचें - - नाई की दुकान पर सही तरह सेविंग किट का स्टरलाइजेशन न होने से अधिक इंफेक्शन होता है। - महिलाओं को ब्यूटी पार्लर में मेडीक्योर और पेडीक्योर के दौरान भी संक्रमण का खतरा होता है। - ज्वैलरी की दुकान पर कान में कुंडल पहनकर देखने से भी खतरा है। क्योंकि संक्रमित महिला ने उस कुंडल का इस्तेमाल किया और ब्लड का एक माइक्रोग्राम का हिस्सा भी उसमें लग गया तो वह दूसरी महिला में पहुंच सकता है।

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