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आरटीई फेल करने को नया हथकंडा, ऑनलाइन से ऑफलाइन किए बच्चे

कॉन्वेंट स्कूलों में गरीब बच्चों का प्रवेश ऑनलाइन के चक्कर में अधूरा रह गया। ऑनलाइन फार्म आधा-अधूरा भरने और गलतियों के कारण 1920 बच्चों के आवेदन निरस्त कर दिए गए। इस कारण सैकड़ों छात्र दाखिले की दौड़...

आरटीई फेल करने को नया हथकंडा, ऑनलाइन से ऑफलाइन किए बच्चे
Center,AgraTue, 23 May 2017 12:28 PM
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कॉन्वेंट स्कूलों में गरीब बच्चों का प्रवेश ऑनलाइन के चक्कर में अधूरा रह गया। ऑनलाइन फार्म आधा-अधूरा भरने और गलतियों के कारण 1920 बच्चों के आवेदन निरस्त कर दिए गए। इस कारण सैकड़ों छात्र दाखिले की दौड़ से बाहर हो गए। आरटीई (शिक्षा का अधिकार अधिनियम) में निर्धन बच्चों का प्रवेश पारदर्शी व्यवस्था के साथ हो, इसके लिए पहली बार ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था शुरू की थी। इसके तहत आवेदन पत्र की जांच के बाद ऑनलाइन आवेदन किए गए थे। जिससे कि शासन इसमें लगे प्रमाण पत्रों की जांच कर सके। पहले चरण में 843 आवेदन सत्यापित कर भेजे। इनमें 675 बच्चों के आवेदन स्वीकार किए गए। जबकि 168 बच्चों के आवेदन निरस्त कर दिए गए। दूसरे चरण में 2843 आवेदन सत्यापित कर जिले से भेजे गए। इसमें 923 आवेदन ही स्वीकार किए गए। जबकि 1920 बच्चों के आवेदन में गलतियां निकाल कर उन्हें बाहर का रास्ता दिखला दिया गया। दूसरे चरण में भारी संख्या में छात्रों के बाहर किए जाने से अभिभावकों में भी रोष है। तोता का ताल निवासी राजेश ने बताया उसके पुत्र शिवम का फार्म इसलिए निरस्त कर दिया क्योंकि उसमें जाति प्रमाण पत्र की प्रतिलिपि नहीं लगी थी, जबकि जिला मुख्यालय में इसकी कॉपी दी थी। लोहामंडी खतैना निवासी अनुराग सिंह ने बताया ऑनलाइन फार्म भरने में क्या गलती हुई, इसकी जानकारी नहीं हो सकी। आरटीई एक्टिविस्ट धनवान गुप्ता का कहना है कि लॉटरी व्यवस्था की पारदर्शिता संदिग्ध है। इसकी वजह से सैकड़ों बच्चों के आवेदन निरस्त कर दिए गए। आरटीई के ऑनलाइन आवेदन इसलिए शुरु किए थे, जिससे कि शिकायतों पर अंकुश लग सके, अगर फार्म में किसी प्रकार की कमी है तभी फार्म निरस्त किया है। गिरिजेश चौधरी, एडी बेसिक।

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