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हिंदू-मुस्लिम, सिख-ईसाई, सभी का धर्म है सफाई

न हिंदू न मुस्लिम, न सिख न ईसाई। एक हैं हम सब, सबका धर्म सफाई। सभी का यही संकल्प, सभी का यही धर्म। ताजनगरी के गुरुद्वारा गुरु के ताल की पवित्र भूमि पर रविवार को सभी धर्मों के प्रबुद्धजनों ने यही...

हिंदू-मुस्लिम, सिख-ईसाई, सभी का धर्म है सफाई
हिन्दुस्तान टीम,आगराMon, 18 Sep 2017 02:11 PM
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न हिंदू न मुस्लिम, न सिख न ईसाई। एक हैं हम सब, सबका धर्म सफाई। सभी का यही संकल्प, सभी का यही धर्म। ताजनगरी के गुरुद्वारा गुरु के ताल की पवित्र भूमि पर रविवार को सभी धर्मों के प्रबुद्धजनों ने यही संकल्प लिया। हिन्दुस्तान के अभियान मां कसम, हिन्दुस्तान को स्वच्छ रखेंगे हम का इससे बेहतर आगाज क्या हो सकता था। केंद्र सरकार ने 15 सितंबर से दो अक्टूबर तक स्वच्छता ही सेवा अभियान का श्रीगणेश किया है। आपका अखबार हिन्दुस्तान भी इस मुहिम में हिस्सेदार बना है। इसी के तहत रविवार को गुरुद्वारा गुरु के ताल पर सभी धर्मों के गुरु इकट्ठा हुए। आह्वान हुआ तो समाज के जिम्मेदार भी चल पड़े। इनमें समाजसेवी, व्यापारी, नौकरी पेशा, शिक्षाविदों के साथ वरिष्ठ नागरिक भी शामिल थे। मंच पर आसीन धर्मगुरुओं ने सफाई और धर्म का रिश्ता भी समझाया। फादर मून लाजरस ने कहा कि स्विटजरलैंड में पांच दिन काम होता है। छठवें दिन नागरिक खुद सार्वजनिक स्थानों की सफाई करते हैं। हमारे देश में भी उदयपुर, कश्मीर की साफ सफाई देखते ही बनती है। वहां सफाई का जिम्मा लोगों ने ले रखा है। ताजनगरी में भी जगह-जगह कूड़ेदान रखे गए हैं। अफसोस कि हम इधर-उधर गंदगी फेंकते हैं। मनकामेश्वर मंदिर के महंत योगेश पुरी ने कहा कि हिंदू धर्म में मां मेरी भूमि और मैं उसका पुत्र कहा जाता है। यानि हमारे देश में ही देश को मां का दर्जा दिया गया है। फिर भी हम उसे गंदा करते हैं। सोचिए कि हमें उसकी जय बोलने का क्या हक है। मरने के बाद सगे-संबंधी, रिश्तेदार श्मशान में छोड़कर चले जाते हैं। तब भी यही मां हमें अपनी गोद देती है। ऐसे में हम किस तरह धरती को गंदा कर सकते हैं। मौलाना रियासत अली ने समझाया कि सफाई से आपकी जिंदगी बदल जाएगी। तमाम बीमारियां गंदगी से पनपती हैं। लिहाजा पहले घर और बाद में आसपास को साफ रखना होगा। गुरुद्वारा के ज्ञानी रंजीत सिंह ने भी इसे अच्छा मौका बताया। कहा कि सफाई की मुहिम में साथ देने से हम प्रधानमंत्री की मुहिम का हिस्सा बन पाएंगे। गुरुद्वारा सफाई में पहले नंबर पर आया है। हर आदमी संकल्प ले तो शहर क्यों साफ नहीं हो सकता। भंते ज्ञानरत्न ने कहा कि माना संबंधित विभाग अपनी जिम्मेदारी सही से नहीं निभाते। इसके बावजूद हमें अपना धर्म नहीं छोड़ना। नंबर की चिंता किए बगैर सभी को शासन-प्रशासन की मदद करनी चाहिए। मौलाना उजैर आलम ने इसे धर्म से जोड़ते हुए कहा कि हजरत साहब ने भी कहा था कि घर का छिलका बाहर मत डालिए। इससे मसले पैदा होते हैं। मंदिर, मस्जिद, गिरजा और गुरुद्वारे हमें मिलकर साफ करने होंगे। जब मन में ऐसी भावना बन गई है तो शहर को साफ-सुथरा होने से कोई रोक नहीं पाएगा। मिस इंडिया प्रतियोगी रही शिवांगिता दीक्षित ने भी शहर को साफ रखने की अपील दोहराई। अंत में धर्मगुरुओं ने सभी को स्वच्छता की शपथ दिलाई। संकल्प के मोती 1. पुलिस की सीपीयू विंग की तर्ज पर स्वच्छता पुलिस का भी गठन किया जाए।2. विद्युत शवदाह गृह जरूरी, अंतिम संस्कार से प्रदूषित हो रही है कालिंदी। 3. व्यापार मंडल अपने खर्च पर हर दुकान के बाहर कूड़ेदान लगवाए। 4. ई-टॉयलेट की जरूरत, खासकर सार्वजनिक स्थानों, भीड़ वाले इलाकों में।5. पॉलिथिन वहीं से बंद होनी चाहिए, जहां से आ रही है। अपने साथ बैग ले जाएं। 6. हर हालत में कूड़ेदान में ही कूड़ा फेंका जाए, इधर-उधर गंदगी न फैलाई जाए। 7. अपने घर से करें शुरूआत, सफाई में बच्चों की हिस्सेदारी भी बढ़ाई जाए। 8. मोहल्ले में सुधार समितियों का गठन करके किसी एक दिन अभियान चलाएं। 9. धार्मिक स्थलों की सफाई में सभी धर्म के लोगों को एकजुट होकर जुटना चाहिए। 10. सबसे बड़ी बात कि गंदगी फैलाने वालों को वहीं रोककर समझाना जरूरी है। जोड़इनकी रही उपस्थिति बबीता चौहान, हीरेश अग्रवाल, मनीषा, मृदुला, इंदु, मधु शर्मा, लवली प्रसाद, प्रिया श्रीवास्तव, ममता, रूबी बघेल, पायल कटियार, शीला बहल, वत्सला प्रभाकर, कांता जैन, राजेश्वरी, कुमुद, रिचा, ममता सिंघल,  समी आगाई , इरफान सलीम, प्रतिमा भार्गव, ज्योति डाबर, पवन श्रीवास्तव, दीपा गर्ग, दीपा शर्मा, अंजु दियलानी, डॉ. मनिंदर कौर, बंटी ग्रोवर, राकेश शर्मा, पवन समाधिया, श्यामबाबू शर्मा, रमेश चंद्र शर्मा, राम किशन, संजय, शीनेंद्र, हरीश, कपिल पचौरी, सीता राम शर्मा, पं. देवेश पचौरी, अनुप, अश्वनी गौतम, सुरेश चंद्र, जुगल श्रोतिया, डॉ. राजकुमार, अनिल दुबे, अरूण शर्मा, पं. ब्रज किशोर रावत, पं. अश्वनी, विवेक रायजादा, ब्रजेश पंडित सहित अन्य लोग उपस्थित रहे। 

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