हिन्दुस्तान शिखर समागम, बोलीं सिंधु
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रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल हासिल करने वाली अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु का कहना है कि ओलंपिक में तिरंगा फहराने के अहसास को वह नहीं भूल सकतीं। सिंधु ने कहा कि ये सब मेरा सपना था। मुझे लग रहा था कि मुझे ये मेडल चाहिए ही होगा। सिंधु ने कहा कि वो पूरी कोशिश करेंगी कि गोल्ड ला सकें।
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लखनऊ में शनिवार को हिन्दुस्तान शिखर समागम-2016 में अपने कोच पुलेला गोपीचंद के साथ पीवी सिंधु सवालों के जवाब दे रही थीं। गोपीचंद ने कहा कि सिंधु को सिल्वर मेडल मिलने से बहुत खुश हूँ। उन्होंने कहा कि वो पहले इतनी उग्र नहीं थीं। फिर गोपी सर ने उन्हें चिल्लाना सिखाया। उन्हें ये करने में दिक्कत होती थी। उन्होंने कहा कि मुझे कोई नाराजगी नहीं है देश के सिस्टम से। मुझे खेलने का मौका मिला मैं इससे बहुत खुश हूँ।
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सिंधु ने कहा कि कोच सर का मोबाइल ले लेना, आइसक्रीम न खाने देना कोई बड़ी बात नहीं थी। इस पर उनके कोच ने कहा कि कभी सिंधु ने मना नहीं किया। सिंधु रिलैक्स करने के लिए संगीत सुनती थी। 500-1000 के नोट मुद्दे पर सिंधु ने कहा कि सब कुछ मम्मी-पापा करते हैं। मुझे कुछ करना नहीं पड़ता।
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गोपीचंद ने कहा कि सिंधु शर्मीली हैं लेकिन जरूरत पड़ने पर वो उग्र हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि देश की नई पीढ़ी में आत्मविश्वास है। सिंधु को सिल्वर मेडल मिलने पर मैं भावुक था लेकिन मैं दिखा नहीं सकता था। हम तरस रहे थे कि देश को कोई मेडल मिले। साक्षी को मेडल मिलने के बाद हम लोग बहुत खुश थे। पांच सौ और हजार के नोट पर पाबंदी पर गोपीचंद ने कहा कि ये एक साहसिक फैसला है।