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कभी अलविदा ना कहना...

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कभी अलविदा ना कहना...

अशोक कुमार चाहते थे कि किशोर नायक के रुप मे अपनी पहचान बनाये, लेकिन खुद किशोर कुमार को अदाकारी की बजाय प्लेबैक सिंगर बनने की चाह थी। जबकि उन्होंने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा कभी किसी से नहीं ली थी। जबकि बॉलीवुड में अशोक कुमार की पहचान के कारण उन्हें बतौर अभिनेता काम मिल रहा था।

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अपनी इच्छा के विपरीत किशोर कुमार ने अभिनय करना जारी रखा। जिन फिल्मों में वह बतौर कलाकार काम करते थे, उन्हे उस फिल्म में गाने का भी मौका मिल जाया करता था। किशोर कुमार की आवाज सहगल से काफी हद तक मेल खाती थी। बतौर गायक सबसे पहले उन्हें वर्ष 1948 में बाम्बे टाकीज की फिल्म जिद्दी में सहगल के अंदाज मे हीं अभिनेता देवानंद के लिये मरने की दुआएं क्यूं मांगू गाने का मौका मिला।

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किशोर कुमार ने वर्ष 1951 मे बतौर मुख्य अभिनेता फिल्म आंदोलन से अपने करियर की शुरुआत की, लेकिन इस फिल्म से दर्शकों के बीच वह अपनी पहचान नहीं बना सके। वर्ष 1953 मे प्रदर्शित फिल्म लड़की बतौर अभिनेता उनके करियर की पहली हिट फिल्म थी। इसके बाद बतौर अभिनेता भी किशोर कुमार ने अपनी फिल्मों के जरिये दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया।

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किशोर कुमार ने 1964 मे फिल्म दूर गगन की छांव में के जरिये निर्देशन के क्षेत्र मे कदम रखने के बाद हम दो डाकू, दूर का राही, बढ़ती का नाम दाढ़ी, शाबास डैडी, दूर वादियों मे कही, चलती का नाम जिंदगी और ममता की छांव मे जैसी कई फिल्मों का निर्देशन भी किया।

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निर्देशन के अलावा उन्होंने कई फिल्मों मे संगीत भी दिया जिनमें झुमरू, दूर गगन की छांव में, दूर का राही, जमीन आसमान और ममता की छांव मे जैसी फिल्मे शामिल है। बतौर निर्माता किशोर कुमार ने दूर गगन की छांव में और दूर का राही जैसी फिल्में भी बनाई।

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किशोर कुमार को अपने करियर में वह दौर भी देखना पड़ा, जब उन्हें फिल्मों में काम ही नहीं मिलता था। तब वह स्टेज पर कार्यक्रम पेश करके अपना जीवन यापन करने को मजबूर थे।

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किशोर कुमार को उनके गाये गीतों के लिये 8 बार फिल्मफेयर पुरस्कार मिला। किशोर कुमार ने अपने पूरे फिल्मी करियर मे 600 से भी अधिक हिंदी फिल्मों के लिये अपना स्वर दिया। उन्होंने बंगला, मराठी, गुजराती, कन्नड, भोजपुरी और उड़िया फिल्मों में भी अपनी दिलकश आवाज के जरिये श्रोताओं को भाव विभोर किया। 13 अक्टूबर 1987 को किशोर कुमार को दिल का दौरा पड़ा और वह इस दुनिया से विदा हो गये।

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