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बाइक की चाह में छात्र बना लुटेरा

पिछले वर्ष मैट्रिक पास करने के बाद बाइक खरीदने की चाहत ने इस कदर जोर पकड़ा कि रॉकी ने कलम-किताब छोड़कर रिवाल्वर उठा लिया। 15 से 20 वर्ष के लड॥कों का गिरोह बनाया और सरगना बन बैठा। सड़क पर लूटपाट और...

 बाइक की चाह में छात्र बना लुटेरा
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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पिछले वर्ष मैट्रिक पास करने के बाद बाइक खरीदने की चाहत ने इस कदर जोर पकड़ा कि रॉकी ने कलम-किताब छोड़कर रिवाल्वर उठा लिया। 15 से 20 वर्ष के लड॥कों का गिरोह बनाया और सरगना बन बैठा। सड़क पर लूटपाट और असलहों की सप्लाई भी करने लगा। मकसद ज्यादा दौलत हासिल कर रईसजादों की तरह जीना। हालांकि बुधवार शाम कृष्णाघाट पर पिस्तौल बेचने पहुंचे रॉकी व उसके चार साथी पीरबहोर पुलिस के हत्थे चढ़ गए। गिरफ्तार प्रकाश कुमार उर्फ रॉकी (सरिस्ताबाद), साहिल राजपूत(नवीनगर, नालंदा), आशीष रंजन उर्फ बिट्टू (केसरीनगर, राजीवनगर) और पंकज कुमार (शिवपुरी, शास्त्रीनगर) ने गुरुवार को पुलिस के सामने कई खुलासे किए।ड्ढr ड्ढr ड्ढr इन अपराधियों के पास से दो पिस्तौल, तीन मैग्जीन एवं छह मोबाइल बरामद किए गए हैं। इनमें साहिल प्राइवेट स्कूल में 11वीं का छात्र और रॉकी के घर किरायेदार के रूप में रहता था। पिस्तौल पर ‘मेड इन इटली’ और ‘मेड इन चेकोस्लोवाकिया’ लिखा है। पिछले वर्ष मैट्रिक में फेल करने वाला पंकज किसान का बेटा है, जबकि आईएससी का छात्र बिट्टू ठेकेदार का पुत्र है। रॉकी के पिता बलिराम सिंह बमबारी आदि आरोप में जेल में हैं। रॉकी ने बताया कि इलाके के पिंटू सिंह के संपर्क में आकर उसने पिस्तौल बेचने का धंधा शुरू किया। पिंटू से 20 हजार में एक पिस्तौल खरीद कर उसने साहिल को 25 हजार में दिया, जिसे फिर 26 हजार या इससे अधिक में बेचने की तैयारी थी। हालांकि थानाध्यक्ष एसए हाशमी, एसआई संजीव गुप्ता ने दलबल के साथ घेराबंदी कर उनकी योजना विफल कर दी। साहिल ने रॉकी के संपर्क में आकर इस धंधे में आने की बात कही। थानाध्यक्षके मुताबिक रॉकी और उसके गुर्गे भोर में सुनसान रास्तों पर लूटपाट करते थे। राजीवनगर और शास्त्रीनगर थाना क्षेत्र में इस गैंग ने कई घटनाओं को अंजाम दिया है। इनके आपराधिक इतिहास को खंगाला जा रहा है।

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