सीट नहीं छोड़ने पर अड़े राजद नेता
राजद ने लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों को ले शनिवार को दिल्ली में जमकर मंथन किया। इस अवसर पर राजद के कुछ वरीय नेताओं ने बिहार में गठबंधन नहीं होने की सूरत में अकेले लड़ने की जमकर वकालत की। किसी भी...
राजद ने लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों को ले शनिवार को दिल्ली में जमकर मंथन किया। इस अवसर पर राजद के कुछ वरीय नेताओं ने बिहार में गठबंधन नहीं होने की सूरत में अकेले लड़ने की जमकर वकालत की। किसी भी सूरत में कब्जे वाली सीटों को गठबंधन धर्म के नाम पर कुर्बान करने पर वे तैयार नहीं थे। कांग्रस के रणनीतिकारों ने भी यह कहकर राजद को बल प्रदान कर दिया है कि किसी की सीटिंग सीट को मांगने का अधिकार दूसर दल को नहीं होना चाहिए। उधर लोजपा भी गठबंधन नहीं होने पर सभी सीटों पर लड़ने के लिए कमर कस चुकी है। इस बीच शनिवार को लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने लालू प्रसाद से मुलाकात कर अपनी पार्टी की स्थिति स्पष्ट की और सीटों पर चर्चा की।ड्ढr ड्ढr राजद की घंटों चली बैठक में यह रणनीति बनी कि जब तक जेडी यू और भाजपा के हिस्से वाली सीटों का खुलासा नहीं हो जाए, अपना पत्ता भी नहीं खोलना चाहिए। दरअसल बदले राजनीतिक माहौल में राजद के रणनीतिकार लोजपा को अधिक से अधिक 11 सीट देने को तैयार हैं। सूत्रों की मानें तो बिहार यूपीए के दो अन्य साझीदार दलों लोजपा और कांग्रस भी इसके करीब हैं पर राजद अपने कब्जे वाली जहानाबाद और शिवहर सीट सहयोगी दल को देने को तैयार नहीं है। मामला यहीं उलझा है। वैसे रविवार को आयोजित राजद केन्द्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक में भाग लेने के लिए शनिवार को कई नेता दिल्ली रवाना हुए। उधर दिल्ली में रलमंत्री लालू प्रसाद की उपस्थिति में आयोजित बैठक को इतना गोपनीय रखा गया कि उसमें शामिल कई नेताओं के फोन बन्द रहे। जिनके फोन चालू भी थे उन्होंने बात करने से इंकार किया। कई वरीय नेता तो बैठक से ही इंकार करते रहे। सूत्रों के मुताबिक लोजपा द्वारा गठबंधन के तहत 16 या फिर स्वतंत्र रूप से सभी सीटों पर लड़ने की तैयारी पूरी करने की चेतावनी से उपजे राजनीतिक माहौल में राजद की कोर कमेटी से जुड़े नेताओं ने बैठक में अपनी संभावनाओं पर हर एंगल से बात की।