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हरदोई का घटिया चावल खाद्य विभाग के गले की हड्डी बना

हरदोई में पिछले खरीद सत्र में खरीदा गया अधोमानक चावल खाद्य विभाग के लिए गले की हड्डी बन गया है। जो न तो उगलते बन रहा है और न निगलते। इसी के चलते कभी चावल की छँटाई कर उसे उच्चीकृत कर निस्तारण के आदेश...

 हरदोई का घटिया चावल खाद्य विभाग के गले की हड्डी बना
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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हरदोई में पिछले खरीद सत्र में खरीदा गया अधोमानक चावल खाद्य विभाग के लिए गले की हड्डी बन गया है। जो न तो उगलते बन रहा है और न निगलते। इसी के चलते कभी चावल की छँटाई कर उसे उच्चीकृत कर निस्तारण के आदेश हो रहे हैं तो कभी अचानक छँटाई से लेकर वितरण तक की प्रक्रिया बीच में रोक दी जा रही है।उधर, जिस तरह पूरे घोटाले में खाद्य विभाग के रवैये को लेकर सवाल उठ रहे हैं उसमें विभागीय अधिकारी-कर्मचारी डर के मारे छँटाई का जिम्मा लेने से कतरा रहे हैं।ड्ढr हालत यह है कि चावल निस्तारण का आदेश होते ही हरदोई के डिप्टी आरएमओ अचानक लंबे अवकाश पर चले गए। उनकी जगह यह दायित्व जिस विपणन निरीक्षक को दिया गया उसने छँटे और उच्चीकृत किए गए चावल की गुणवत्ता की जाँच राजपत्रित अधिकारी की निगरानी में कराने का प्रस्ताव भेज दिया। जिसके बाद अब बड़े अफसरों की चावल निस्तारण में ड्यूटी लगाई गई है। हालाँकि पूरे मामले में संतोष की बात यह है कि खाद्य आयुक्त हरभजन सिंह ने सूखे की मार झेल रहे बाँदा और मिर्जापुर में चावल खपाने की योजना पर पानी फेरते हुए पहले हरदोई में ही वहाँ के चावल को खपाने का आदेश दिया है।ड्ढr लेवी चावल खरीद सत्र 2006-07 में हरदोई में लेवी चावल खरीद में बड़ा घोटाला हुआ था। उच्चस्तरीय जाँचों में घटिया बोरों में अधोमानक चावल लेने की बात साबित हुई थी। कार्रवाई के नाम पर भी बहुत कुछ हुआ और इसको लेकर कई बार खाद्य विभाग पर ऊँगलियाँ भी उठी। बहरहाल इससे इतर खाद्य विभाग के सामने एक समस्या गोदामों में भरे अधोमानक चावल के निस्तारण की है। कारण- हर दिन बीतने के साथ सरकार को राजस्व की क्षति हो रही है क्योंकि चावल के मूल्य में समय के साथ लगातार ह्रास होता जाता है। समस्या के निस्तारण के लिए छँटाई कर चावल को उच्चीकृत कर वितरण के आदेश शासन से लेकर खाद्य आयुक्त स्तर से पिछले चार-पाँच महीनों में कई बार हो चुके हैं। लेकिन ठीक से गुणवत्ता उच्चीकृत न किए जाने के कारण हर बार किसी न किसी कारण चावल का वितरण रूक जाता है। क्योंकि जहाँ भी चावल भेजा जाता है वहाँ से शिकायत आने लगती है। लखनऊ के मण्डलायुक्त भी कई बार अधोमानक चावल का वितरण रोक चुके हैं। जबकि विभागीय अफसर-कर्मचारी निस्तारण की जिम्मेदारी लेने से कतरा रहे हैं।ड्ढr विभागीय सूत्रों के मुताबिक हरदोई में करीब चार लाख टन चावल अब भी गोदामों में है। पिछले दिनों चावल निस्तारण का आदेश होते ही वहाँ के डिप्टी आरएमओ लंबी छुट्टी पर चले गए। जबकि उत्तर प्रदेश राज्य खाद्य एवं आवश्यक वस्तु निगम के एमडी ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए छँटाई कर उच्चीकृत चावल को उठाने पर रोक लगा दी। विपणन निरीक्षक भँवर पाल सिंह द्वारा गुणवत्ता की जाँच कराने का प्रस्ताव करने पर खाद्य आयुक्त ने लखनऊ मण्डल के आरएफसी को आरएमओ व दो डिप्टी आरएमओ के साथ भारतीय खाद्य निगम के दो तकनीकी सहायकों की निगरानी में निस्तारण प्रक्रिया कराने का निर्देश दिया है। इस बाबत पूछे जाने पर खाद्य आयुक्त ने ‘हिन्दुस्तान’ को यह भी बताया कि हरदोई का चावल पहले वहाँ ही खपाया जाएगा।

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