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हतप्रभ हैं परिजन, घर में नहीं की थी आत्मदाह की चर्चा

योगदा कॉलेज में स्नातक का छात्र अविनाश पांडेय उर्फ टिंकू इस बात को लेकर हतप्रभ है कि उसके पिता ने आखिर किस स्थिति में प्रोजेक्ट भवन में आत्मदाह करने का प्रयास किया। टिंकू के पिता भृगु पांडेय वित्त...

 हतप्रभ हैं परिजन, घर में नहीं की थी आत्मदाह की चर्चा
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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योगदा कॉलेज में स्नातक का छात्र अविनाश पांडेय उर्फ टिंकू इस बात को लेकर हतप्रभ है कि उसके पिता ने आखिर किस स्थिति में प्रोजेक्ट भवन में आत्मदाह करने का प्रयास किया। टिंकू के पिता भृगु पांडेय वित्त विभाग में चतुर्थवर्गीय कर्मचारी हैं। उन्हें रिम्स के बर्न वार्ड में भरती कराया गया है। उनका शरीर 40 प्रतिशत झुलस गया है। अविनाश अपने पिता भृगु पांडेय और छोटे भाई राहुल के साथ सेक्टर एक के डीटी -264 में रहता है। आग से झुलसे भृगु की पत्नी गीता देवी और एक बेटी नालंदा के हरनौत में रहते हैं। रिम्स में उसका रो रोकर बुरा हाल था। उसने भरी आंखों से बताया कि पिता अन्य दिनों की तरह सुबह साढ़े सात बजे सैर के लिए निकले थे। इसके बाद नौ बजे लौटे। उनसे भोजन करने को कहा तो हड़बड़ी और एक फाइल को दफ्तर में जमा करने को जरूरी बताकर घर से निकल गये। जाते समय अपने पुत्र से कहा कि वे दोपहर में घर लौटेंगे, तब नाश्ता करेंगे। इसके बाद डेढ़ बजे दफ्तर से मोबाइल फोन पर यह सूचना मिली कि उसके पिता आत्मदाह के क्रम में झुलस गये हैं। अविनाश ने बताया कि इसकी सूचना उसने तत्काल धुर्वा में रहनेवाले मामा महेंद्र पांडेय को दी। इनके अलावा रांची में उसका और कोई नहीं है। टिंकू ने बताया कि उसके पिता ने कभी भी आत्मदाह करने के संबंध में घर में न तो चर्चा की थी और न ही वे मानसिक तौर पर बैचेन रहते थे।ड्ढr उसके मुताबिक पिता जी घर में कर्मचारियों की मांग को लेकर सरकार से चल रही अनबन की चर्चा करते रहते थे। बताया कि आत्मविश्वास से लवरेज पिता उसे बराबर प्रेरणा देते रहते थे। उसने अंदेशा जताया कि सहकर्मियों ने ही उन्हें ऐसा करने के लिए प्रेरित किया होगा, लेकिन उन्हें इसका परिणाम शायद नहीं मालूम था।ड्ढr

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