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फिर तो मुझे मधुमक्खियों से प्यार हो गया

अमेरिका के टेक्सास शहर में पैदा हुईं मिखाइला को बगीचे में तितलियों के संग दौड़ना बड़ा अच्छा लगता था। रंग-बिरंगे फूलों को मिखाइला देखतीं, तो मन मचल उठता। तब चार साल की थीं वह। एक दिन बगीचे में खेल रही...

फिर तो मुझे मधुमक्खियों से प्यार हो गया
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 16 Apr 2016 09:41 PM
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अमेरिका के टेक्सास शहर में पैदा हुईं मिखाइला को बगीचे में तितलियों के संग दौड़ना बड़ा अच्छा लगता था। रंग-बिरंगे फूलों को मिखाइला देखतीं, तो मन मचल उठता। तब चार साल की थीं वह। एक दिन बगीचे में खेल रही थीं, तभी कान के पास तेज चुभन महसूस हुई। खूब तेज चीखीं। इतनी तेज कि रसोई में काम कर रहीमां डर गईं। पता नहीं क्या हुआ मेरी बच्ची को? दौड़कर आईं। मां को देखते ही नन्ही मिखाइला उनके गले से लिपटकर जोर-जोर से रोने लगीं। मां समझ गईं कि इसे मधुमक्खी ने काटा है।

झटपट बेटी को गोद में उठाकर घर के अंदर भागीं। उसे दवा लगाई। कुछ देर बाद दर्द कम हो गया। मगर चार दिन बाद फिर मधुमक्खी ने मिखाइला को काट लिया। डर बढ़ गया। उन्हें लगा कि मधुमक्खी बहुत ही खतरनाक जीव है। मां नहीं चाहती थीं कि बेटी के मन में हमेशा के लिए मधुमक्खी के प्रति खौफ बैठ जाए। लिहाजा उन्होंने उसे एक किताब लाकर दी। किताब में बताया गया था कि मधुमक्खियां इंसानों के लिए कितनी महत्वपूर्ण हैं। वे कितनी मेहनत से छत्ता बनाती हैं, और उस छत्ते से निकलने वाला शहद इंसानों की सेहत के लिए कितना लाभकारी है। मिखाइला बताती हैं, मां ने मुझे शहद खिलाया। वाकई वह बहुत स्वादिष्ट था। उन्होंने बताया कि शहद से हमारी सेहत अच्छी रहती है। फिर तो मुझे मधुमक्खियों से प्यार हो गया।

जिन दिनों वह मां के साथ मधुमक्खियों के बारे में नई-नई जानकारियां हासिल कर रही थीं, उन्हीं दिनों टेक्सास में बच्चों के लिए एक बिजनेस प्रतियोगिता हुई। सभी प्रतिभागी बच्चों को अपने द्वारा तैयार किसी एक उत्पाद को जज के सामने प्रदर्शित करना था। परिवार में तय हुआ कि मिखाइला भी प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगी। नियम के मुताबिक, उत्पाद तैयार करने में बच्चे घरवालों की मदद ले सकते थे। घर में चर्चा हो रही थी कि क्या बनाया जाए? तभी मिखाइला के दिमाग में एक विचार कौंधा। क्यों न शहद की मदद से एक स्वादिष्ट ड्रिंक तैयार किया जाए? यह सुनकर मां को कुछ याद आया। मिखाइला बताती हैं, मां ने अपनी नानी की लिखी एक पुरानी किताब खोज निकाली। उसमें शहद से तैयार होने वाली तमाम चीजों का ब्योरा था। बस हमें अपने ड्रिंक का नुस्खा मिल गया।

मां की मदद से मिखाइला ने शहद वाला नींबू-पानी तैयार किया। प्रतियोगिता में नींबू-पानी चखते ही जज बोले, वाह क्या स्वाद है! बेहतरीन ड्रिंक तैयार करने के लिए उन्हें पुरस्कार मिला। अब तो हर तरफ उनकी तारीफ होने लगी। उनके नींबू-पानी को बाजार में बिक्री के लिए चुना गया। मिखाइला घरवालों की मदद से घर पर ही नींबू-पानी बनाने लगीं। पांच साल लगातार स्थानीय बाजार में शहद वाला नींबू-पानी खूब बिका। समय के साथ मांग बढ़ती गई। पांच साल बाद अमेरिका की सुपर मार्केट  चेन 'होल फूड्स' ने इस नींबू-पानी को अपने स्टाॠल पर बेचने की मंजूरी दे दी। अब मिखाइला नौ साल की हो चुकी थीं। उनके मन में ख्याल आया कि क्यों न नींबू-पानी बनाने वाली कंपनी खोली जाए? पर कंपनी खोलने के लिए काफी पैसे की जरूरत थी।

निवेशकों की तलाश शुरू हुई। मां की मदद से उन्होंने एक बिजनेस प्रोजेक्ट तैयार किया। निवेशकों के सामने पे्रजेंटेशन देने की जिम्मेदारी मिखाइला की थी। उन्होंने पूरे आत्मविश्वास के साथ समझाया कि अमेरिकी बाजार में नींबू-पानी की मांग बढ़ने की असीम संभावनाएं हैं। एक टीवी शो में इसे लाइव दिखाया गया। निवेशक बच्ची का आत्मविश्वास देखकर दंग थे। उन्हें तुरंत 6,00,000 डॉलर का फंड मिल गया। इस तरह, वह नौ साल की उम्र में 'बीस्वीट लिमोनेड' कंपनी की संस्थापक-सीईओ बन गईं। यह बात वर्ष 2009 की है।

मिखाइला बताती हैं, शुरुआत में मेरे दोस्तों को यकीन नहीं हुआ कि मैं एक कंपनी बनाने जा रही हूं। पर अब मैं अपने कई दोस्तों की मदद कर रही हूं, ताकि वे भी मेरी तरह बिजनेस कर सकें। हाल में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मिखाइला को ह्वाइट हाउस में बच्चों के डिनर पर बुलाया। कंपनी चलाने के अलावा मिखाइला जगह-जगह कांफ्रेंस में  जाकर बच्चों को मधुमक्खियों के बारे में जागरूक करती हैं। वह मधुमक्खी बचाओ अभियान की ब्रांड एंबेस्डर भी हैं। हर साल कंपनी के मुनाफे का 20 फीसदी हिस्सा मधुमक्खी बचाओ अभियान को देती हैं। 11 साल की उम्र में उन्हें टीन-प्रिन्योर (किशोर उद्यमी) आफ द ईयर अवार्ड से नवाजा गया।

मिखाइला बताती हैं, नए ग्राहकों को जोड़ने के लिए मैं घर पर छोटे भाई और मम्मी-पापा के संग बात करती हूं। उनसे नए-नए आइडिया मिलते हैं। हाल ही में हमने अदरक फ्लेवर वाला नींबू-पानी तैयार किया है। इसे काफी पंसद किया जा रहा है। बिजनेस के अलावा मिखाइला पढ़ाई भी करती हैं। वह कक्षा छह में पढ़ती हैं। मां डी एंड्रा उलमर बताती हैं, मेरी बेटी बिजनेस के दबाव के बावजूद होमवर्क करना नहीं भूलती। यात्रा के दौरान भी किताबें और स्कूल बैग उसके साथ रहता है। सबसे बड़ी बात यह है कि वह बहुत नेक दिल वाली लड़की है। दूसरों की मदद करना उसकी आदत है।
प्रस्तुति: मीना त्रिवेदी
 

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