केजरीवाल के इस्तीफे ने पार्टी की संभावना धूमिल की: सिसोदिया
आम आदमी पार्टी (आप) के एक बड़े नेता का मानना है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे ने लोकसभा चुनाव में पार्टी की संभावनाओं को क्षीण कर दिया। दिल्ली सरकार में मंत्री रह चुके...
आम आदमी पार्टी (आप) के एक बड़े नेता का मानना है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे ने लोकसभा चुनाव में पार्टी की संभावनाओं को क्षीण कर दिया।
दिल्ली सरकार में मंत्री रह चुके केजरीवाल के अत्यंत विश्वस्त सहयोगी मनीष सिसोदिया ने हालांकि यह भी जोर देकर कहा कि दीर्घकालिक तौर पर वह कदम 'मूल्यवान' साबित होगा।
वाराणसी में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता नरेंद्र मोदी को चुनौती देने उतरे केजरीवाल के समर्थन में प्रचार करने के दौरान सिसोदिया ने आईएएनएस के साथ बातचीत में कहा, ''अरविंद के इस्तीफे ने वास्तव में पार्टी की संभावना कम कर दी। हम उतनी सीटें भी अब नहीं जीत पाएंगे जितनी हम पहले जीत सकते थे। लेकिन उनका कदम गलत नहीं था।''
केजरीवाल पहले ही स्वीकार कर चुके हैं कि लोगों से पूछे बगैर इस्तीफा देना 'चूक' थी।
केजरीवाल सरकार ने मात्र 49 दिनों में इस्तीफा दे दिया था। सरकार बनाने के लिए चलाए गए अपने 'जनमत संग्रह' के दौरान ही उन्होंने घोषणा कर रखी थी कि यदि जनलोकपाल विधेयक पारित कराने में वे असफल रहते हैं तो वे अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। इस विधेयक के खिलाफ भाजपा और कांग्रेस के एकजुट होने के कारण उनकी सरकार अल्पमत में आ गई और उन्होंने इस्तीफा दिया।
सिसोदिया ने हालांकि यह भी माना कि केजरीवाल का इस्तीफा 'दीर्घकालिक तौर पर कीमती साबित होगा क्योंकि हम राजनीति को साफ करने के लिए निकले हैं।'
सिसोदिया ने कहा, ''वाराणसी में अरविंद का जीतना 100 सीटें जीतने के बराबर होगा।'' उन्होंने हालांकि यह भी स्वीकार किया कि यह अत्यंत कठिन काम है।
पार्टी सूत्रों ने कहा कि उन्हें दिल्ली और पंजाब में जीतने का भरोसा है। दिल्ली की सात सीटों पर चुनाव हो चुके हैं।
आप के एक अन्य नेता ने अपना नाम जाहिर नहीं होने देने की शर्त पर बताया, ''मोदी को हराना आसान नहीं है, लेकन लोगों का विचार बदलने में देर नहीं होती।''