मुस्लिमों को आरक्षण के वादे से सियासी तूफान
कांग्रेस के पिछड़े मुसलमानों को आरक्षण देने संबंधी वादे ने शुक्रवार को विवाद खड़ा कर दिया। भाजपा ने इसे कुछ वोट हासिल करने के लिए कांग्रेस की हताशा से जुड़ा अंतिम चुनावी हथकंडा बताया। वहीं, कांग्रेस...
कांग्रेस के पिछड़े मुसलमानों को आरक्षण देने संबंधी वादे ने शुक्रवार को विवाद खड़ा कर दिया। भाजपा ने इसे कुछ वोट हासिल करने के लिए कांग्रेस की हताशा से जुड़ा अंतिम चुनावी हथकंडा बताया। वहीं, कांग्रेस ने आरोपों को सिरे से खारिज किया और कहा कि वह इस तरह का कोई पूरक घोषणा-पत्र लेकर नहीं आई है।
हमलावर हुई भाजपा: कांग्रेस के पूरक घोषणा-पत्र में पिछड़े मुसलमानों को आरक्षण का वादा करने संबंधी बातों पर भाजपा ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया।
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ओबीसी कोटे में धार्मिक आधार पर किसी अलग कोटे का प्रावधान नहीं है। इस संबंध में एक मामला अदालत में लंबित है।
कांग्रेस का चुनाव के बीच इस विषय में पूरक घोषणा-पत्र जारी किया जाना सांप्रदायिकता का भ्रष्टतम उदाहरण है। वहीं, पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने कहा कि जनता हार रही पार्टी के पूरक चुनाव घोषणा-पत्र पर भरोसा करने को तैयार नहीं है। यह कुछ वोट को जीतने का उनका अंतिम हताशाभरा प्रयास है, लेकिन लोग इस पर यकीन नहीं करेंगे।
बचाव में आई कांग्रेस: कांग्रेस प्रवक्ता व कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि कांग्रेस ऐसा कोई उप घोषणा-पत्र लेकर नहीं आई है। उन्होंने कहा कि पिछड़े मुसलमानों को आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
जब तक शीर्ष अदालत में इस मामले का निपटारा नहीं होता, तब तक पार्टी कुछ नहीं कर सकती। उन्होंने कहा, ये सिर्फ सुझाव हैं, जो जनता के साथ परामर्श की प्रक्रिया के दौरान आए थे। हमने इसे जनता के सामने रखा है। जब कांग्रेस सत्ता में आएगी तो जनता की सोच को आगे बढ़ाएगी। ये नीतियों और कार्यक्रमों के सुझाव हैं, जो घोषणा-पत्र परामर्श की प्रक्रिया के दौरान आए थे।