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राष्ट्रपति भवन की सैर का आकर्षण होगा संग्रहालय

राष्ट्रपति भवन में मुगल गार्डन के बाद संग्रहालय भी लोगों के आकर्षण का केंद्र होगा। इस संग्रहालय में राष्ट्रपति भवन का ही नहीं बल्कि आजादी के बाद से हमारे लोकतंत्र का गौरवपूर्ण इतिहास समाया है।...

राष्ट्रपति भवन की सैर का आकर्षण होगा संग्रहालय
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 24 Jul 2014 09:48 PM
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राष्ट्रपति भवन में मुगल गार्डन के बाद संग्रहालय भी लोगों के आकर्षण का केंद्र होगा। इस संग्रहालय में राष्ट्रपति भवन का ही नहीं बल्कि आजादी के बाद से हमारे लोकतंत्र का गौरवपूर्ण इतिहास समाया है।

शुक्रवार को राष्ट्रपति इसे देश को समर्पित करेंगे। एक अगस्त से यह आम लोगों के लिए खुलेगा। पहले तीन महीने इसे निशुल्क देखा जा सकेगा। उसके बाद मामूली शुल्क लगाया जाएगा।

राष्ट्रपति भवन में जहां आज यह संग्रहालय बनाया गया है, वहीं कभी अस्पतबल हुआ करता था। पास की जगह में घोड़ागाड़ियां खड़ी होती थी। लेकिन आज यहां पर बना संग्रहालय लोकतंत्र का गौरवपूर्ण इतिहास समेटे हुए है। इस संग्रहालय में तब से घटनाओं का ब्यौरा है जब 1911 में दिल्ली दरबार में राजधानी को कोलकात्ता से दिल्ली लाने का फैसला हुआ। तत्कालीन वायसराय लार्ड हार्डिग और महारानी विक्टोरिया के चित्रों एवं संस्मरणों के साथ संग्रहालय में 1931 में हुई महात्मा गांधी एवं लार्ड इरविन की मुलाकात का भी ब्यौरा है।

राष्ट्रपति भवन के बनने के बाद गांधी-इरविन संधि हुई थी। संग्रहालय में भारत विभाजन का भी दृश्य है। एक छोटे से कक्ष में पड़ी मेज पर 2 जून 1947 को भारत विभाजन किया गया।

इस संग्रहालय में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के शपथ ग्राहण समारोह की झलक भी मिलेगी। 15 अगस्त को स्वतंत्र भारत के पहले लार्ड माउंटबेटेन ने एतिहासिक दरबार हाल में नेहरू को पहले प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई थी। 1950 में दरबार हाल में ही डा. राजेन्द्र प्रसाद ने पहले राष्ट्रपति की रूप में शपथ ली थी। इन घटनाओं को वास्तविक रूप में प्रदर्शित करने की कोशिश की गई है। इससे संबंधित ब्यौरा अभी अंग्रेजी में उपलब्ध है जिसे हिन्दी में कराने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

इसी संग्रहालय में देश के सभी राष्ट्रपतियों के मूर्तियां भी बनाई गई हैं। डा. राजेन्द्र प्रसाद से लेकर डा. प्रणब मुखर्जी तक की मूर्तियां दो समूहों में बनाई गई हैं। मूर्तियां जीवंत प्रतीत होती हैं तथा आकर्षित करती हैं।

संग्रहालय में अत्याधुनिक तकनीकों लेजर, एनीमेशन, डिजिटल फोटोग्राफी आदि का इस्तेमाल किया गया है। पुराने सामानों को भी प्रदर्शित किया गया है। आजादी से पहले वायसराय द्वारा इस्तेमाल बग्घियों को भी संग्रहालय में रखा गया है। एक हिस्से में राष्ट्रपति के सुरक्षा गार्डों के इतिहास को प्रदर्शित किया गया है।

राष्ट्रपति की सचिव ओमिता पॉल ने कहा कि राष्ट्रपति भवन की वेबसाइट के जरिये एक अगस्त से लोग संग्रहालय की सैर के लिए बुकिंग कर सकते हैं। सप्ताह में तीन दिन शुक्र, शनि एवं रवि को यह खुला रहेगा। तीन महीने तक यह निशुल्क होगा उसके बाद मामूली शुल्क रखा जाएगा। बाद में राष्ट्रपति भवन में टिकटों की बिक्री का भी इंतजाम होगा।

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