पाक को आतंकी देश घोषित करने की याचिका पर US में करीब 2 लाख हस्ताक्षर
पाकिस्तान को आतंकवाद का प्रायोजक देश घोषित करने से जुड़ी एक याचिका पर हस्ताक्षर करने वालों की संख्या एक लाख से अधिक हो चुकी है। अब यह ओबामा प्रशासन की ओर से जवाब की पात्रता रखती है। इससे पहले...
पाकिस्तान को आतंकवाद का प्रायोजक देश घोषित करने से जुड़ी एक याचिका पर हस्ताक्षर करने वालों की संख्या एक लाख से अधिक हो चुकी है। अब यह ओबामा प्रशासन की ओर से जवाब की पात्रता रखती है।
इससे पहले अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य और आतंकवाद पर सदन की उप समिति के अध्यक्ष टेड पोए और कांग्रेस सदस्य डाना रोरबाशर एक साथ मिलकर प्रतिनिधि सभा में ‘पाकिस्तान स्टेट स्पॉन्सर ऑफ टेरॅरिज्म डेजिग्नेशन एक्ट’ पेश कर चुके हैं।
तीसरी याचिका : यह ऑनलाइन याचिका 21 सितंबर को भारतीय मूल के अमेरिकियों ने शुरू की थी। करीब 2 लाख लोगों के हस्ताक्षर के साथ अब यह व्हाइट हाउस की वेबसाइट पर तीसरी लोकप्रिय याचिका बन गई है। इसमें कहा गया है यह अमेरिका, भारत और उन कई देशों के लिए अहम है, जो पाक प्रायोजित आतंकवाद से लगातार प्रभावित हैं।
ऑनलाइन मंच : अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा की पहल के तौर पर व्हाइट हाउस की वेबसाइट पर ‘वी द पीपल’ ऑनलाइन याचिका अमेरिकी नागरिकों को किसी खास मुद्दे पर प्रशासन के समक्ष अभियान के लिए एक मंच मुहैया कराती है।
सूची में सबसे ऊपर डकोटा एक्सेस पाइपलाइन का निर्माण रोकने की मांग करने वाली याचिका है, जिस पर 2.10 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हैं। दूसरे स्थान पर पाकिस्तान को आतंकवाद प्रायोजक देश घोषित करने वाली याचिका है।
पाक को चेतावनी : व्हाइट हाउस के उप प्रवक्ता मार्क टोनर ने कहा, आतंकवाद का प्रायोजक देश का दर्जा देने की प्रक्रिया बेहद विशिष्ट है, जिसमें कानूनी पहलू और आकलन भी शामिल हैं। हमारा ध्यान पाकिस्तान के साथ आतंकवाद से निपटने की अपनी क्षमता को बढ़ाने पर तथा उनकी भूमि पर आतंकवाद के खतरे से निपटने पर केंद्रित है।
पाकिस्तान आतंकवाद की हिंसा से निपटने के लिए कदम उठा रहा है। लेकिन उसे पड़ोसी देशों को निशाना बनाने वाले आतंकी समूहों सहित सभी आतंकी समूहों को खत्म करने और सभी पनाहगाहों को बंद करने की जरूरत है।
‘कश्मीर पर पाक को दो टूक संदेश जरूरी’
भारत ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और पाक को इसका दोटूक संदेश मिलना चाहिए। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में सोमवार को पाक की कलई उतारी थी।
इसके बाद संयुक्त राष्ट्र में पाक की राजदूत मलीहा लोधी ने प्रतिक्रिया के अधिकार का इस्तेमाल कर स्वराज के आरोपों को नकारा। लोधी की टिप्पणियों पर संयुक्त राष्ट्र में भारतीय मिशन में प्रथम सचिव ईनम गंभीर ने कहा, लगता है कि सुषमा स्वराज के संबोधन को लोधी ने गौर से नहीं सुना। स्वराज ने कहा था, जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है।