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भारतवंशी ने माइक्रोचिप पर छोटा हृदय विकसित किया

बर्कले स्थित कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय में भारतवंशी वैज्ञानिक ने दवाओं की जांच में सुधार के लिए माइक्रोचिप पर धड़कता हुआ छोटा दिल विकसित किया है। फेफड़े, लीवर और आंत के बाद प्रयोगशाला में कृत्रिम...

भारतवंशी ने माइक्रोचिप पर छोटा हृदय विकसित किया
एजेंसीSat, 21 Mar 2015 10:00 PM
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बर्कले स्थित कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय में भारतवंशी वैज्ञानिक ने दवाओं की जांच में सुधार के लिए माइक्रोचिप पर धड़कता हुआ छोटा दिल विकसित किया है। फेफड़े, लीवर और आंत के बाद प्रयोगशाला में कृत्रिम रूप से विकसित किया गया यह चौथा मानव अंग है।

यूसी बर्कले में मुख्य शोधकर्ता अनुराग माथुर ने कहा, ‘कई बार चिकित्सक और शोधकर्ता निश्चित दवाई के प्रभाव का आकलन करने में नाकाम रहते हैं, क्योंकि गलत पद्धति का इस्तेमाल होता है, मसलन, चूहे दवाइयों पर उस तरह की प्रतिक्रिया नहीं देते, जैसा मानव ऊतक देता है।’ माथुर ने कहा कि इस छोटे से हृदय का भार मानव के बालों के समान होता है, जिसे मानव के प्लूरिपोटेंट स्टेम कोशिकाओं से बनाया जा रहा है। यह कई तरह के ऊतकों का निर्माण कर सकता है।

स्टेम कोशिका से बनाए गए ऊतक की मदद से शोधकर्ता यह पता लगा सकते हैं कि क्या किसी खास दवाई का विपरीत प्रभाव हो सकता है या एक मरीज को कितनी दवाई की जरूरत होगी। शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर यह पद्धति कारगर होती है, तो फिर इस काम में पशुओं के मॉडल की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह अध्ययन साइंटिफिक रिपोर्ट्स पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

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