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पाक संसद ने शरीफ का समर्थन किया

पाकिस्तान में हिंसा और सेना के दखल की आशंका के बीच आज प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को संसद का समर्थन मिला। दूसरी ओर सरकार ने विरोध प्रदर्शनों को पाकिस्तान के खिलाफ बगावत करार दिया।  वर्तमान राजनीतिक...

पाक संसद ने शरीफ का समर्थन किया
एजेंसीWed, 03 Sep 2014 01:39 AM
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पाकिस्तान में हिंसा और सेना के दखल की आशंका के बीच आज प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को संसद का समर्थन मिला। दूसरी ओर सरकार ने विरोध प्रदर्शनों को पाकिस्तान के खिलाफ बगावत करार दिया।

 वर्तमान राजनीतिक संकट पर चर्चा करने और प्रधानमंत्री के लिए समर्थन जुटाने के मकसद से बुलाए गए संसद के आपातकालीन संयुक्त सत्र में में लगभग सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री के पक्ष में अपनी राय व्यक्त की तथा मौजूदा गतिरोध पर चर्चा की।

ज्यादातर नेताओं ने विरोध प्रदर्शनों के बीच शरीफ के प्रति अपना समर्थन जताया। इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ और मौलाना ताहिर उल कादरी की पाकिस्तान अवामी तहरीक (पीएटी) नवाज शरीफ के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। गृह मंत्री चौधरी निसार ने कहा कि संसद को इस गलत धारणा को दूर करना चाहिए कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया है। यह प्रदर्शन नहीं है, धरना नहीं है और न ही राजनीतिक सभा है। यह पाकिस्तान के खिलाफ बगावत है।

सरकारी चैनल पीटीवी के इस्लामाबाद स्थित कार्यालय में प्रदर्शनकारियों के घुसने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट, संसद के गेट तक पहुंच गए। कल वे एक अन्य सरकारी इमारत में घुस गए और ताहिर उल कादिरी जिंदाबाद के नारे लगाए। निसार ने कहा कि प्रदर्शनकारियों के पास पिस्तौल, कटर, हथौड़े, गुलेल, कील लगे डंडे वगैरह थे। उन्होंने कहा कि जो लोग पीटीवी की इमारत में घुसे उस भीड़ में उग्रवादी संगठन के लोग थे।

सुप्रीम कोर्ट ने तहरीक ए इंसाफ और पीएटी के धरने के खिलाफ कई मामलों की सुनवाई करते हुए आज सभी संसदीय पार्टियों के साथ पीएटी को नोटिस जारी करके संविधान के दायरे में वर्तमान राजनीतिक गतिरोध का हल निकालने को कहा। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति नसीरूल मुल्क के नेतृत्व वाली चार सदस्यीय पीठ ने उस समय नोटिस जारी किया, जब याचिकाकर्ता जुल्फिकार नकवी ने दलील दी कि सभी राजनीतिक दलों को बुलाया जाना चाहिए ताकि गतिरोध का समाधान निकाला जा सके। यह घटनाक्रम कल रात के बाद सामने आया जब सरकारी पीटीवी ने प्रधानमंत्री के हवाले से कहा कि वह न तो इस्तीफा देंगे और न ही छुट्टी पर जाएंगे।
 
कल प्रधानमंत्री आवास पर विपक्षी दलों की बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा कि वह भय दिखाकर जनादेश हथियाने नहीं देंगे। सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि संयुक्त सत्र में चर्चा के खत्म होने के बाद शरीफ का समर्थन करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया जाएगा और उनसे आग्रह किया जाएगा कि वह न तो इस्तीफा दें और न ही छुट्टी पर जाएं जैसा कि इमरान एवं कादरी मांग कर कर रहे हैं।

पाकिस्तान में दोनों सदनों का संयुक्त सत्र आपात स्थितियों से निपटने अथवा महत्वपूर्ण अवसरों पर बुलाया जाता है। यह सत्र सांसदों की इच्छा के मुताबिक कई दिनों तक चल सकता है।

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