गणतंत्र दिवस पर भारत आयेंगे ओबामा, संबंध मजबूत करने का अवसर
शीर्ष अमेरिकी प्रशासनिक अधिकारियों और विशेषज्ञों का कहना है कि अगले साल के शुरू में होने जा रही अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा द्विपक्षीय रणनीतिक भागीदारी को मजबूत और विस्तृत करने का एक...
शीर्ष अमेरिकी प्रशासनिक अधिकारियों और विशेषज्ञों का कहना है कि अगले साल के शुरू में होने जा रही अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा द्विपक्षीय रणनीतिक भागीदारी को मजबूत और विस्तृत करने का एक बड़ा अवसर है।
ओबामा जनवरी 2015 में भारत जाएंगे और गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सुसैन राइस ने ट्वीट किया, पहली बार, अमेरिकी राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होंगे। हम भारत अमेरिका रणनीतिक भागीदारी को मजबूत और विस्तृत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने कहा राष्ट्रपति भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने के लिए जनवरी में भारत जाने के आकांक्षी हैं।
रणनीतिक संवाद के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा उप सलाहकार तथा ओबामा के विश्वस्त सहयोगी बेन रोडेस ने ट्विटर पर लिखा है भारतीय गणतंत्र दिवस के लिए मुख्य अतिथि के तौर पर जनवरी में भारत जाना राष्ट्रपति ओबामा के लिए सम्मान की बात है।
सेवानिवत्त अमेरिकी राजनयिक टेरेस्टिया शैफर ने अपने ब्लॉग साउथ एशिया हैंड डॉट कॉम में लिखा है यह बहुत बड़ी बात है। मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित करना एक बेहद प्रतिष्ठित न्यौता है जो भारत किसी विदेशी नेता को दे सकता है।
शैफर ने लिखा है कि जापान के प्रधानमंत्री को पिछले साल यह सम्मान मिला था। ओबामा यह सम्मान पाने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति तथा अपने कार्यकाल में दो बार भारत की यात्रा करने वाले पहले राष्ट्रपति भी होंगे।
दक्षिण एशिया मामलों के विशेषज्ञ तथा शीर्ष अमेरिकी विचार समूह विल्सन सेंटर से संबद्ध माइकल कुगेलमेन ने ओबामा द्वारा भारत का निमंत्रण स्वीकार किए जाने को ऐसी बड़ी खबर बताया जो अफगानिस्तान से गठबंधन बलों की वापसी के कुछ ही सप्ताह बाद एक दृढ़ संदेश देगी।
इस बीच, वॉल स्ट्रीट जर्नल ने दिल्ली से दी गई एक खबर में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सितंबर में व्हाइट हाउस जाने के बाद ओबामा की यह यात्रा भारत अमेरिका रिश्तों में सुधार का एक प्रतीक है।
दैनिक अखबार की खबर में कहा गया है अधिकारियों के अनुसार, एक शिखर सम्मेलन ने दोनों नेताओं को सामंजस्य स्थापित करने का एक अवसर दिया, दोनों नेता सुरक्षा संबंधों को मजबूत करने के लिए सहमत हो गए।