'मेरी दादी ने कहा था, भूखे मरेंगे, पर पेड़ नहीं काटेंगे'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि प्रकृति से प्रेम भारत की संस्कृति में है और हम पूरे ब्रह्मांड को अपना परिवार मानते हैं। मोदी ने अपनी जापान यात्रा के चौथे दिन आज सेक्रे डहार्ट विश्वविद्यालय के...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि प्रकृति से प्रेम भारत की संस्कृति में है और हम पूरे ब्रह्मांड को अपना परिवार मानते हैं। मोदी ने अपनी जापान यात्रा के चौथे दिन आज सेक्रे डहार्ट विश्वविद्यालय के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ऐसा देश है जिसके जेहन में प्रकृति से प्रेम है। हमें बचपन में सिखाया जाता है कि पूरा ब्रह्मांड हमारा परिवार है, हम पृथ्वी को मां और चांद को मामा मानते हैं। आप भारत के किसी भी हिस्से में चले जाइए, आपको यही बात देखने को मिलेगी।
उन्होंने अपने बचपन का एक वाकया छात्रों से साथ साझा करते हुए कहा कि मेरा ताल्लुक एक गरीब परिवार से है। मेरे चाचा किसी के साथ मिलकर लकड़ी का बिजनेस करना चाहते थे। मेरी दादी को जब यह बात चली, तो उन्होंने कहा कि भूखे मरेंगे, लेकिन पेड़ नहीं काटेंगे। पेड़ काटना पाप है, वह पढ़ी लिखी नहीं थीं, लेकिन उन्हें इस बात का अहसास था।
मोदी ने कहा कि हमारी संस्कृति में प्रकृति से प्रेम है। हम प्रकृति के बेतहाशा दोहन में विश्वास नहीं रखते। हम गाय से दूध ले सकते हैं, लेकिन उसे मार नहीं सकते। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज दुनिया में एक शब्द बहुत प्रचलित हो रहा है, जलवायु परिवर्तन। मैं आपसे पूछता हूं कि क्या यह शब्दावली सही है, मुझे लगता है कि हमारी आदतें बदल गई हैं, जिससे जलवायु परिवर्तन हुआ है। प्रकृति से संघर्ष की नहीं, संवाद की जरूरत है, प्रकृति की रक्षा करेंगे तो हमारी रक्षा होगी।
मोदी ने छात्रों से कहा कि वे उनसे सोशल मीडिया के माध्यम से जुड़े रह सकते हैं, उन्होंने कहा कि आपके प्रधानमंत्री शिंजो आबे और मैं सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं। अगर आपके मन में कोई सवाल है, तो आप मुझसे फेसबुक और ट्विटर पर पूछ सकते हैं। मैं इसका जवाब देने का पूरा प्रयास करूंगा।