भारत और यूएई ने आतंकवाद के हर स्वरूप की निंदा की
भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने अपने संबंधों को व्यापक सामरिक साझेदारी तक ले जाते हुए उन देशों की कड़ी भर्त्सना की जो अन्य देशों के विरुद्ध आतंकवाद को प्रयोजित कर रहे हैं। इसे एक तरह से पाकिस्तान के...
भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने अपने संबंधों को व्यापक सामरिक साझेदारी तक ले जाते हुए उन देशों की कड़ी भर्त्सना की जो अन्य देशों के विरुद्ध आतंकवाद को प्रयोजित कर रहे हैं। इसे एक तरह से पाकिस्तान के संदर्भ में देखा जा रहा है।
दोनों देशों ने आतंकवाद के हर स्वरूप की निंदा और विरोध किया और सभी देशों का आहवान किया कि वे अन्य देशों के विरुद्ध आतंकवाद की नीति का त्याग करें। दोनों पक्षों ने आतंकवाद के आधारभूत ढांचे को ध्वस्त करने और आतंकवाद के षडयंत्रकर्ताओं को न्याय के कटघरे में खड़े करने की बात कही।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और यूएई के शहजादे मोहम्मद बिन जायेद अल नहयान के बीच हुई वार्ता के बाद जारी 31 बिन्दुओं वाले संयुक्त बयान में राज्य प्रायोजित आतंकवाद सहित सभी स्वरूपों वाले आतंकवाद का विरोध किया गया है।
पिछले 34 वर्षों में मोदी खाड़ी के इस सामरिक महत्व वाले देश की यात्रा करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं।
दोनों देश आतंकवाद के विरुद्ध अभियानों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने, खुफिया जानकारी साझा करने और इस संबंध में क्षमता उन्नयन करने पर सहमत हुए।
मोदी और शहजादे नहयान कुछ समूहों और देशों द्वारा नफरत फैलाने और राजनीतिक उद्देश्यों के लिए आतंकवाद को उचित ठहराने तथा कटटरवाद को बढ़ावा देने के लिए धर्म के दुरूपयोग के खिलाफ मुहिम चलाने में समन्वय बनाने पर भी सहमत हुए।
दोनों पक्षों ने किसी भी जगह और किसी के भी द्वारा उकसाये गए आतंकवाद के सभी स्वरूपों की निंदा करते हुए सभी देशों का आहवान किया कि वे अन्य देशों के विरुद्ध आतंकवाद के इस्तेमाल को अस्वीकार करें और त्यागें। दोनों देशों ने जहां भी आतंकवाद के आधारभूत ढांचे हैं, उन्हें ध्वस्त करने और आतंकवाद के षड्यंत्रकर्ताओं को न्याय के कटघरे में खड़ा करने का आहवान किया।
इसे पाकिस्तान के परोक्ष संदर्भ में देखा जा रहा है जिससे भारत लगातार कह रहा है कि वह अपनी भूमि से भारत के खिलाफ चलायी जा रही आतंकी गतिविधियों को बंद करे।
दोनों देशों ने ऐसे धन के प्रवाह को नियंत्रित करने, उसका नियमन करने और उसके बारे में सूचनाएं साक्षा करने पर भी सहमति जतायी जिनका इस्तेमाल कटटरपंथी गतिविधियों को बढ़ावा देने में होता है। दोनों पक्षों ने ऐसे अवैध धन प्रवाह को रोकने और ऐसा करने वाले लोगों एवं संगठनों के खिलाफ कार्रवाई में सहयोग करने का निर्णय किया।
संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों देशों ने कानून अनुपालन, कालेधन और मादक पदार्थो तथा सीमापार से होने वाले अन्य अपराधों के खिलाफ आपसी सहयोग और प्रत्यर्पण व्यवस्था कायम करने पर भी सहमति जतायी।