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मोदी की विस्तारवादी टिप्पणी पर चीन की सतर्क प्रतिक्रिया

कुछ देशों में विस्तारवाद की प्रवृत्ति होने संबंधी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की टिप्पणी पर चीन ने सोमवार को सावधानी भरी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि वह किस संदर्भ में यह...

मोदी की विस्तारवादी टिप्पणी पर चीन की सतर्क प्रतिक्रिया
एजेंसीMon, 01 Sep 2014 04:33 PM
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कुछ देशों में विस्तारवाद की प्रवृत्ति होने संबंधी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की टिप्पणी पर चीन ने सोमवार को सावधानी भरी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि वह किस संदर्भ में यह बात कह रहे हैं और उनकी पिछली टिप्पणियों की याद दिलाई, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को सामरिक भागीदार बताया था।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता किन गांग ने मोदी द्वारा अपनी जापान यात्रा के दौरान की गई टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि हमने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जापान यात्रा के बारे में प्रासंगिक सूचना है। आपने उनके द्वारा की गई टिप्पणी का उल्लेख किया है मैं नहीं जानता कि वह किस संदर्भ में ऐसा कह रहे हैं।

प्रवक्ता ने कहा, लेकिन मैं उनके (मोदी के) शब्दों को उद्धत करके आपके इस सवाल का जवाब दे सकता हूं। उन्होंने कहा था कि चीन और भारत समान विकास के लिए सामरिक साझीदार हैं। दोनो देशों के बीच अच्छे पड़ोसी के रिश्ते और सहयोग पूरी दुनिया तथा मानवता की खुशहाली के लिए बहुत अहमियत रखते हैं।

मोदी ने आज कुछ देशों की विस्तारवादी प्रवृत्ति की आलोचना की, जो दूसरों के सागर में अतिक्रमण करते हैं। मोदी ने कहा कि दुनिया दो धाराओं में बंटी है। एक, विस्तारवाद की धारा है और दूसरी विकासवाद की। हमें तय करना है कि विश्व को विस्तारवाद के चंगुल में फंसने देना है या विश्व को विकासवाद के मार्ग पर जा करके, नई ऊंचाइयों पर जा करके नई ऊंचाइयों के अवसर पैदा करना है, लेकिन आज हम चारों तरफ देख रहे हैं कि 18वीं सदी की जो स्थिति थी, विस्तारवाद नजर आ रहा है।

किसी देश में अतिक्रमण करना, कहीं समुद्र में घुस जाना, कभी किसी देश के अंदर जाकर कब्जा करना। यह विस्तारवाद कभी भी मानव जाति का कल्याण 21वीं सदी में नहीं कर सकता है। प्रधानमंत्री ने किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन उनकी इस टिप्पणी को चीन के संदर्भ में देखा जा रहा है, जो भारत, जापान और वियतनाम सहित अपने कई पड़ोसियों के साथ क्षेत्रीय विवाद में उलझा है।

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