फोटो गैलरी

Hindi Newsखुफिया डर से जिंदा लाश बन गया था जेहादी जॉन

खुफिया डर से जिंदा लाश बन गया था जेहादी जॉन

जेहादी जॉन के नाम से चर्चित इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया का हत्यारा पांच साल पहले ब्रिटिश खुफिया से सामना होने के बाद इस कदर घबरा गया था कि उसने आत्महत्या करने की सोच ली थी। ‘डेली...

खुफिया डर से जिंदा लाश बन गया था जेहादी जॉन
एजेंसीSun, 01 Mar 2015 06:51 PM
ऐप पर पढ़ें

जेहादी जॉन के नाम से चर्चित इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया का हत्यारा पांच साल पहले ब्रिटिश खुफिया से सामना होने के बाद इस कदर घबरा गया था कि उसने आत्महत्या करने की सोच ली थी। ‘डेली मेल’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मोहम्मद एमवाजी के रूप में पहचाने जा चुके जेहादी जॉन ने रविवार को एक ईमेल लिखा। इसमें उसने ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी एमआई5 से डर का खुलासा किया है। उसने लिखा है कि जब एक ब्रिटिश खुफिया अधिकारी ने लैपटॉप का खरीदार बनकर जब 2010 में उससे संपर्क किया तब उसने किस कदर एक चलती फिरती लाश की तरह महसूस किया।

जेहादी जॉन आईएसआईएस द्वारा बंधक बनाए गए पश्चिमी देशों के कई नागरिकों का सर कलम करने वाले के बतौर कुख्यात हो चुका है। उसे आईएसआईएस के वीडियो में इस भूमिका में कई बार देखा जा चुका है। उसने सीरिया के लिए उड़ान भरने से पहले सुरक्षा संपादक रॉबर्ट वेरकैक को दिसंबर 2010 और 2011 में ईमेल लिखे। ईमेल में एमवाजी ने एक खुफिया अधिकारी से हुए सामना को याद किया, जिसने उससे संपर्क की पहल की थी। उसने लिखा कि वह इतना डर गया था कि उसने आत्महत्या करने की सोचनी। एमवाजी ने ईमेल में लिखा, मैं जितना हो सकेगा उतनी नींद की गोली खा लूंगा ताकि हमेशा के लिए सो जाऊं। मैं बस इन लोगों से दूर जाना चाहता हूं।

अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, सीरिया जाकर आईएसआईएस में शामिल होने से काफी पहले एमवाजी ओसामा बिन लादेन के स्लीपर सेल का सदस्य था। इस सेल से जुड़े लोगों को ‘लंदन ब्वायज’  के नाम से जाना जाता था और इन्हें लंदन में हमले करने का जिम्मा दिया गया था।


लंदन में टिका है जेहादी जॉन का मित्र
अलकायदा का एक संदिग्ध आतंकी मानवाधिकार कानूनों का इस्तेमाल कर लंदन में रह रहा है। वह जेहादी जॉन का करीबी है। मानवाधिकार कानूनों के कारण ब्रिटिश सरकार उसे निर्वासित नहीं कर पा रही है। ‘द टेलीग्राफ’ द्वारा हासिल किए गए अदालती दस्तावेज के मुताबिक, यह व्यक्ति एक आतंकी नेटवर्क के केंद्र में है और मोहम्मद एमवाजी के रूप में पहचाने गए जेहादी जॉन का मित्र है। एमवाजी की पहचान जाहिर होने के बाद ब्रिटिश सुरक्षा सेवाओं की इसके लिए आलोचना की गई कि वे उसके बारे में जानने के बावजूद उसे आईएसआईएस में शामिल होने से रोकने में नाकाम रहीं। करीब 20 साल का एमवाजी कुवैत में जन्मा ब्रिटिश है।

जॉन का यह मित्र इथोपिया मूल का है। इसकी पहचान जे1 के रूप में की गई है। वह न केवल जॉन से जुड़ा है बल्कि और अनेक जेहादियों से भी उसके संपर्क हैं। वह आतंकी गुट अल-शबाब का सदस्य होने के बावजूद अपने निर्वासन का विरोध करता है। अल-शबाब सोमालिया में अलकायदा का एक गुट है। 


जेहादी बनने जा रहीं ब्रिटिश लड़कियां इस्तांबुल में दिखीं
आईएसआईएस में शामिल होने के लिए ब्रिटेन से तुर्की का रुख करने वाली तीन स्कूली लड़कियों को इस्तांबुल के एक बस स्टेशन पर देखा गया है। एक सीसीटीवी फुटेज में इन लड़कियों की तस्वीरें कैद हो गई, जिसके हवाले से मीडिया रिपोर्टों में रविवार को यह जानकारी दी गई। ब्रिटिश पुलिस और इन लड़कियों के परिवार ने तत्काल एक अपील जारी कर उनसे कहा है कि वे घर लौट आएं।

उन्होंने 17 फरवरी को लंदन से इस्तांबुल के लिए उड़ान पर सवार हुई थीं। ब्रिटिश पुलिस ने कहा कि अमीरा अबासे, शमीमा बेगम और कदिजा सुल्ताना संभवत: सीरिया में प्रवेश कर चुकी हैं। सीसीटीवी फुटेज 17 और 18 फरवरी की है, जिसमें ये लड़कियां इस्तांबुल के यूरोपीय हिस्से वाले बैरमपासा बस स्टेशन पर दिख रही हैं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक लड़कियों ने सानलीफुर्फा के लिए बस पकड़ने से पहले करीब 18 घंटे बैरमपासा में गुजारे। सानलीफुर्फा सीरिया की सीमा से महज 50 किलोमीटर दूर है। तुर्की पुलिस इन लड़कियों की पहचान करने की कोशिश कर रही है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें