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18 घंटे तक कंटेनर में फंसे रहे लोग

ब्रिटेन में एक जहाज के कंटेनर में पाए गए सिख पुरुष, महिलाएं और बच्चे अफगानिस्तान में उत्पीड़न से बचकर भागे थे और वे एक हवारहित कंटेनर में बिना भोजन और पानी के 18 घंटे तक फंसे रहे। पंजाबी भाषी एक...

18 घंटे तक कंटेनर में फंसे रहे लोग
एजेंसीTue, 19 Aug 2014 11:32 AM
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ब्रिटेन में एक जहाज के कंटेनर में पाए गए सिख पुरुष, महिलाएं और बच्चे अफगानिस्तान में उत्पीड़न से बचकर भागे थे और वे एक हवारहित कंटेनर में बिना भोजन और पानी के 18 घंटे तक फंसे रहे।

पंजाबी भाषी एक स्थानीय व्यक्ति कमलजीत सिंह मताहारू को पुलिस ने दुभाषिए के तौर पर इन लोगों से पूछताछ करने के लिए बुलाया और उसने बताया कि पूर्वी लंदन के ऐसेक्स में तिलबरी डाक्स पर पाए गए इन सिखों को आशंका थी कि यदि वे बिना भोजन और पानी के अधिक समय तक इस कंटेनर में रहे तो मारे जाएंगे।
   
कमलजीत ने एक स्थानीय टेलीविजन को बताया कि यह एकदम घुप्प अंधेरा था। वहां हवा तक नहीं थी और कुछ ही देर बाद यह असहनीय हो गया। उन्होंने बताया, यह बहुत खौफनाक था। उन्होंने बहुत कुछ झेला। कंटेनर में कुल 15 परिवार के होने का पता चला, ये सभी काबुल से थे और ट्रक में बैठकर यूरोप के लिए निकले थे।
   
हालांकि 40 वर्षीय एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई और बचे हुए लोगों में 13 पुरुष, 8 महिलाएं (18 से 72 वर्ष आयुवर्ग) और 13 बच्चे (एक से 12 साल) शामिल हैं। मताहारू ने बताया, वे काफी दयनीय हालत में थे। एक छोटे बच्चों के मुताबिक तकरीबन 18 घंटों से वे कंटेनर में बंद थे।
   
तिलबुरी में कंटेनर के अंदर फंसे लोगों के होने का पता चला। इससे 12 घंटे पूर्व यह कंटेनर ट्रक के जरिए जीब्रूगी पहुंचा था। दुभाषिए ने बताया, कई घंटों से ये लोग कंटेनर को लगातार पीटकर शोर मचा रहे थे, ताकि कोई उनकी आवाज सुन सके। जीवित बचने के लिए वे भगवान का शुक्रिया अदा कर रहे हैं। अगले 20 मिनट में उनकी जान भी जा सकती थी।
   
इससे पहले फुटेज में दिखाया गया था कि समूह में 13 बच्चे शामिल थे, जिनमें एक वर्षीय एक बच्चा भी शामिल था। ये अवैध प्रवासी अफगानिस्तान से थे और शनिवार को इन्हें मदद के लिए कंटेनर के अंदर चीख पुकार मचाते सुना गया।
   
मामले की जांच कर रहे अधिकारी ने बताया कि कंटेनर में 34 अन्य व्यक्तियों के साथ एक व्यक्ति का शव भी बरामद हुआ है। उन्होंने बताया कि तिलबरी से सिख समुदाय के सदस्य अधिकारियों का सहयोग कर रहे हैं और बचकर आए सिखों की देखभाल में मदद कर रहे हैं।
   
इन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया जिनमें 9 पुरुष, 8 महिलाओं और 13 बच्चों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। बचे हुए चार लोगों का अभी भी साउथेन्ड अस्पताल में इलाज चल रहा है। कल मृतक के शव का पोस्टमॉर्टम किया गया, लेकिन मृत्यु के कारणों का पता लगाने के लिए अभी और जांच होनी बाकी हैं।
   
माना जाता है कि सिख परिवार इस्लामिक चरमपंथियों के उत्पीड़न के कारण काबुल से भागकर आए हैं। सिख फेडरेशन के अध्यक्ष भाई अमरीक सिंह ने बताया कि यह बेहद शर्मनाक है कि बेहद कम संख्या में अफगानिस्तान में मौजूद अल्पसंख्यक सिखों का उत्पीड़न किया जा रहा है और उनकी अनदेखी की जा रही है। यह हमें याद दिलाता है कि इन सभी को वहां किसी मानव तस्करों के शोषण का शिकार होना पड़ रहा है।

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