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जापान से व्यापार बढ़ाने को कपड़े की गुणवत्ता सुधारें

जापान में कपड़ों की पसंद व गुणवत्ता अलग है। ऐसे में बनारस के कपड़ों की गुणवत्ता सुधार ली जाए तो इसका सीधा लाभ उत्पादक समूहों, शिल्पियों व बुनकरों को मिलेगा। भारत और जापान के बीच व्यापार भी बढ़ेगा। जापान...

जापान से व्यापार बढ़ाने को कपड़े की गुणवत्ता सुधारें
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 16 May 2017 08:10 PM
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जापान में कपड़ों की पसंद व गुणवत्ता अलग है। ऐसे में बनारस के कपड़ों की गुणवत्ता सुधार ली जाए तो इसका सीधा लाभ उत्पादक समूहों, शिल्पियों व बुनकरों को मिलेगा। भारत और जापान के बीच व्यापार भी बढ़ेगा। जापान में यहां के कपड़ों की मांग हमेशा रही है। इसका विस्तार करने के लिए जरूरी है कि कपड़ों की गुणवत्ता सुधरे।

वक्ताओं ने ये विचार जापान टेक्स्टाइल प्रोडक्ट्स क्वालिटी व टेक्नोलॉजी केन्द्र तथा टेक्सटाइल कमेटी (वस्त्र मंत्रालय) की ओर से मंगलवार को कैंटोंमेंट स्थित होटल रामाडा में वस्त्र उद्योग, निर्यातकों की क्षमता वृद्धि पर आयोजित कार्यशाला में रखे। जापान टेक्स्टाइल के निदेशक तोशिकी तशाका, आशियान एवं दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय प्रबंधक केई फुनाकी ने कहा कि पश्चिमी देशों के उत्पादन की गुणवत्ता, डिजाइन की जापान को निर्यात किए जाने वाले उत्पाद से काफी अंतर है। भारत के कपड़ों की गुणवत्ता में तकनीकी प्रयोग के साथ कार्य स्थल की गुणवत्ता एवं सामाजिक दायित्व पर ध्यान दिया जाता है। जापानी प्रतिनिधियों से व्यापारियों ने सवाल भी पूछे।

कारपेट एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के चेयरमैन महावीर शर्मा ने कहा कि भारत का जापान से कपड़ा का व्यापार कम है जबकि चीन का ज्यादा है। ऐसे में भारत-जापान के बीच समझौता होने से कपड़ा उद्योग को लाभ मिलेगा। इसके लिए उत्पादकों को जागरूक किया जाएगा।

विदेश व्यापार महानिदेशालय के उप महानिदेशक अमित कुमार ने कहा कि जापान में विश्व के कपड़ा व्यापार की करीब एक प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि चाइना की काफी ज्यादा है। भारत-चीन के सीपा समझौते से ड्यूटी टैक्स कम हो जाएगा। इसका लाभ देश के निर्यातकों को मिलेगा। टेक्सटाइल कमेटी के निदेशक कार्तिकेय दांड़ा ने वस्त्र उत्पादन में गुणवत्ता सुधार की चर्चा की। टेक्सटाइल कमेटी के एस. उलागानाथन, हैण्डलूम एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के पूर्व वाईस चेयरमैन राजीव अग्रवाल, डॉ. रजनीकांत आदि ने भी विचार रखे। धन्यवाद ज्ञापन बृजेश कुमार शुक्ल ने किया।

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