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बोर्ड मूल्यांकन : इस बार कम हो सकता है रिजल्ट का प्रतिशत

यूपी बोर्ड परीक्षाफल में इस वर्ष पास प्रतिशत कम हो सकता है। इस बार उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन में कड़ाई बरती जा रही है। परीक्षक पिछले वर्षों की अपेक्षा खुल कर नंबर नहीं दे रहे हैं। परीक्षकों के...

बोर्ड मूल्यांकन : इस बार कम हो सकता है रिजल्ट का प्रतिशत
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 28 Apr 2017 08:00 PM
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यूपी बोर्ड परीक्षाफल में इस वर्ष पास प्रतिशत कम हो सकता है। इस बार उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन में कड़ाई बरती जा रही है। परीक्षक पिछले वर्षों की अपेक्षा खुल कर नंबर नहीं दे रहे हैं।

परीक्षकों के मुताबिक अभी वह मनोवैज्ञानिक दबाव में है। पहले अधिकारी कहा करते थे कि मूल्यांकन में उदारता बरती जाए। कम से कम परीक्षार्थियों को फेल किया जाए। इस बार ऐसा नहीं है। अधिकारियों की ओर से बार-बार कहा जा रहा है कि मूल्यांकन में निष्पक्षता बरती जाए। किसी छात्र के साथ अन्याय न हो या उसे अनुचित लाभ नहीं मिलना चाहिए। जेपी मेहता इंटर कॉलेज में एक परीक्षक ने बताया कि पहले दो दिन उन्होंने इंटर में हिन्दी की कापियों का मूल्यांकन किया। तीस से अधिक अंक पाने वाले छात्रों की संख्या गिनी-चुनी है। अधिकतर संख्या औसत पाने वालों की है।

प्रतिदिन देना पड़ रहा है शपथपत्र

प्रत्येक परीक्षक को प्रतिदिन एक शपथपत्र देना पड़ा रहा है, जिससे प्रपत्र 'क' नाम दिया गया है। इसमें परीक्षक को बताना पड़ रहा कि उन्होंने निष्पक्षता से मूल्यांकन किया है। अगर कोई गलती होगी तो वह जिम्मेदार होंगे।

90 फीसदी की सीमा रेखा ने भी हाथ बांधे

इस बार बोर्ड ने निर्देश दिया है कि 90 फीसदी से अधिक अंक पाने वाले छात्रों की कापियां दोबारा चेक होंगी। इससे बचने के लिए भी परीक्षक अधिक अंक नहीं दे रहे हैं। कुछ शिक्षक मानते हैं कि इससे प्रतिभावान छात्रों का नुकसान हो रहा है।

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