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घर की धूल भी बना रही अस्थमा का मरीज

लोग अस्थमा से बचाव के लिए घर से बाहर निकलते वक्त मास्क लगाते हैं, लेकिन बीमारी का मुख्य कारण घर में हैं। घर की कालीन और अन्य स्थानों पर छिपी धूल अस्थमा का मरीज बना रही है। यह जानकारी गुरुवार को...

घर की धूल भी बना रही अस्थमा का मरीज
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 27 Apr 2017 07:20 PM
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लोग अस्थमा से बचाव के लिए घर से बाहर निकलते वक्त मास्क लगाते हैं, लेकिन बीमारी का मुख्य कारण घर में हैं। घर की कालीन और अन्य स्थानों पर छिपी धूल अस्थमा का मरीज बना रही है। यह जानकारी गुरुवार को अस्थमा एण्ड चेस्ट केयर सेंटर के डॉ. अमित जौहरी व बालरोग विशेषज्ञ डॉ. बीएल गुप्त ने दी।

विश्व अस्थमा दिवस के उपलक्ष्य में होटल ताज में आयोजित पत्रकारवार्ता में उन्होंने बताया कि किशोरों में यह रोग तेजी से फैल रहा है। घर की धूल में अस्थमा फैलाने वाले कारक माइट पाये जाते हैं। ये धूप में खत्म हो जाते हैं। इसलिए जरूरी है कि कालीन, पर्दे, पुरानी किताबें समय-समय पर साफ की जाएं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष अस्थमा डे का थीम यू कैन कंट्रोल योर अस्थमा रखा गया है। अपने फेफड़े की जांच कर खुद को अस्थमा से बचाया जा सकता है। इसे स्पाइरोमिट्री टेस्ट से पता किया जा सकता है।

बच्चा रात में खांसे तो हो जाएं सचेत

उन्होंने बताया कि अगर बच्चा रात को सोते हुए लगातार खांसे तो सचेत हो जाना चाहिए क्योंकि यह अस्थमा का लक्षण है। लेकिन खांसने और सांस फूलने वाले हर बच्चे को अस्थमा हो, यह जरूरी नहीं है। इसलिए लक्षण दिखते ही डॉक्टर की सलाह से लेनी चाहिये।

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