आजमगढ़ में कटान से 60 बीघा जमीन घाघरा नदी में विलीन
सगड़ी तहसील के देवरांचल में स्थित घाघरा नदी से असमय कटान हो रही है। इससे अब तक 14 लोगों की लगभग 60 बीघा जमीन घाघरा नदी में विलीन हो चुकी है। जिससे सर्वाधिक गन्ने की फसल बर्बाद हुई है। वहीं डीएम के...
सगड़ी तहसील के देवरांचल में स्थित घाघरा नदी से असमय कटान हो रही है। इससे अब तक 14 लोगों की लगभग 60 बीघा जमीन घाघरा नदी में विलीन हो चुकी है। जिससे सर्वाधिक गन्ने की फसल बर्बाद हुई है। वहीं डीएम के मुआवजा देने के आश्वासन के बावजूद कोई सहायता न मिलने से ग्रामीणों में काफी भय व आक्रोश व्याप्त है।
सगड़ी तहसील के उत्तर दिशा में बहने वाली घाघरा नदी का कहर असमय दिखने लगा है। महुला गढ़वल बांध के उत्तर बहने वाली घाघरा नदी के किनारे हरैया ब्लाक के देवारा खास राजा गांव के मुराली का पुरा में तेजी से कटान हो रही है। चार दिनों में नदी ने कृषि योग्य 60 बीघा जमीन को काटकर विलीन कर चुकी है। घाघरा नदी का झुकाव मुराली का पुरवा की तरफ है, जिससे कटान में तेजी आ गयी है। सितंबर माह से लगातार कृषि योग्य भूमि कट रही है, जिससे सर्वाधिक गन्ने की फसल कटी है। ग्राम प्रधान इनरावती पत्नी पल्टन यादव ने बताया कि इसके लिए हमने कई बार संबंधित अधिकारी-कर्मचारी से कहा। पांच लोगों का घर भी नदी में बह गया है लेकिन अभी तक राहत कार्य नहीं हुआ। वहीं राधेश्याम, मुराली, तीर्थराज, रामवृक्ष, परसन, पूजन, लालधर, लालबचन, प्रकाश, छत्रधारी, रामकवल, लोरिक, शिवनाथ, देवकी के यहां डीएम ने पहुंचकर मुआवजा देने के लिए कहा था। वह भी अभी तक नहीं मिल सका है। बाढ़ खण्ड के अधिशासी अभियंता अजीत यादव से जब घाघरा नदी की कटान के बारे में बताया गया तो उन्होंने कहा कि हमको बंधा बचाना है, आबादी नहीं। जब बंधे पर कहीं नुकसान होगा तो देख जायेगा। इस संबंध में एसडीएम सगड़ी राजीव रंजन ने कहा कि हमको कटान की जानकारी नहीं थी। इसको देखने के बाद ही हम कोई कार्रवाई करते हैं।