गोपेश्वर में बनाया गया कलाम वन
जिस समय पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को उनके पैतृक गांव में सपुर्दे खाक किया जा रहा था, ठीक उसी समय चमोली जनपद के गोपेश्वर में जाने-माने पर्यावरणविद् चंडी प्रसाद भप्त के नेतृत्व में डॉ....
जिस समय पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को उनके पैतृक गांव में सपुर्दे खाक किया जा रहा था, ठीक उसी समय चमोली जनपद के गोपेश्वर में जाने-माने पर्यावरणविद् चंडी प्रसाद भप्त के नेतृत्व में डॉ. कलाम की स्मृति में विभिन्न प्रजाति के पौधों का रोपण किया गया। डॉ. कलाम को याद करने के लिए यह नायाब तरीका ग्रामीण महिलाओं ने चुना।
डॉ. कलाम का अन्तिम संस्कार जब रामेश्वरम में हो रहा था, उस समय गोपेश्वर शिव मंदिर परिसर के निकट रामलीला मैदान में आयोजित बैठक में डॉ. कलाम को श्रद्धांजलि दी गई। महिलाओं ने कहा कि विज्ञान के इस महारथी को हम पेड़ लगाकर चिरस्मरणीय बनाएंगे। इस अवसर पर चंडी प्रसाद भप्त को भी गांव के लोगों ने शाल पहनाकर सम्मानित किया। इस मौके पर डीएम अशोक कुमार ने कहा कि डॉ. कलाम को याद करने का यह सबसे रचनात्मक तरीका है। उन्होंने सरकार के हरेला कार्यक्रम को जन-जन का कार्यक्रम बनाने की अपील की। चंडी प्रसाद भप्त ने कहा कि 44 वर्ष पूर्व गोपेश्वर की धरती से ही चिपको आन्दोलन की गूंज उठी थी, जिस आन्दोलन को पूरे विश्व ने सम्मानित और स्वीकार किया। कहा कि पर्वतीय लोगों का जंगल से आत्मा का रिश्ता है। गोपेश्वर में बनाया गया कलाम वन
गोपेश्वर। हमारे संवाददाता
जिस समय पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को उनके पैतृक गांव में सपुर्दे खाक किया जा रहा था, ठीक उसी समय चमोली जनपद के गोपेश्वर में जाने-माने पर्यावरणविद् चंडी प्रसाद भप्त के नेतृत्व में डॉ. कलाम की स्मृति में विभिन्न प्रजाति के पौधों का रोपण किया गया। डॉ. कलाम को याद करने के लिए यह नायाब तरीका ग्रामीण महिलाओं ने चुना।
डॉ. कलाम का अन्तिम संस्कार जब रामेश्वरम में हो रहा था, उस समय गोपेश्वर शिव मंदिर परिसर के निकट रामलीला मैदान में आयोजित बैठक में डॉ. कलाम को श्रद्धांजलि दी गई। महिलाओं ने कहा कि विज्ञान के इस महारथी को हम पेड़ लगाकर चिरस्मरणीय बनाएंगे। इस अवसर पर चंडी प्रसाद भप्त को भी गांव के लोगों ने शाल पहनाकर सम्मानित किया। इस मौके पर डीएम अशोक कुमार ने कहा कि डॉ. कलाम को याद करने का यह सबसे रचनात्मक तरीका है। उन्होंने सरकार के हरेला कार्यक्रम को जन-जन का कार्यक्रम बनाने की अपील की। चंडी प्रसाद भप्त ने कहा कि 44 वर्ष पूर्व गोपेश्वर की धरती से ही चिपको आन्दोलन की गूंज उठी थी, जिस आन्दोलन को पूरे विश्व ने सम्मानित और स्वीकार किया। कहा कि पर्वतीय लोगों का जंगल से आत्मा का रिश्ता है।
भप्त के नेतृत्व में औषधि, फल तथा चारा पत्ती के एक हजार से अधिक पौधों का रोपण किया गया। जिस स्थान पर पौधे रोपे गये उसे कलाम वन का नाम दिया गया।
इस मौके पर पालिका अध्यक्ष संदीप रावत, प्रेमबल्लभ भप्त, बल्लभ प्रसाद भप्त, प्रो. एसएन भप्त, शाकम्बरी चौहान, नवल भप्त, सुशीला भप्त, पुष्पा पासवान सहित महिला मंगल दल, जागरण मंच, युवक मंगल दल आदि विभिन्न संगठनों के लोग मौजूद रहे।
भप्त के नेतृत्व में औषधि, फल तथा चारा पत्ती के एक हजार से अधिक पौधों का रोपण किया गया। जिस स्थान पर पौधे रोपे गये उसे कलाम वन का नाम दिया गया।
इस मौके पर पालिका अध्यक्ष संदीप रावत, प्रेमबल्लभ भप्त, बल्लभ प्रसाद भप्त, प्रो. एसएन भप्त, शाकम्बरी चौहान, नवल भप्त, सुशीला भप्त, पुष्पा पासवान सहित महिला मंगल दल, जागरण मंच, युवक मंगल दल आदि विभिन्न संगठनों के लोग मौजूद रहे।