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उत्तराखंड स्टिंग प्रकरणः फारेंसिक जांच पर एजेंसी को लेकर उलझन

स्टिंग में इस्तेमाल सीडी की फारेंसिक जांच को लेकर अभी सरकार उलझन में है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि मीडिया को जारी की गई सीडी सरकार को मिल चुकी है। इसकी सत्यता की जांच एेसी एजेंसी से कराई जाएगी,...

उत्तराखंड स्टिंग प्रकरणः फारेंसिक जांच पर एजेंसी को लेकर उलझन
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 24 Jul 2015 11:34 PM
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स्टिंग में इस्तेमाल सीडी की फारेंसिक जांच को लेकर अभी सरकार उलझन में है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि मीडिया को जारी की गई सीडी सरकार को मिल चुकी है। इसकी सत्यता की जांच एेसी एजेंसी से कराई जाएगी, जिससे जांच की निष्पक्षता बनी रहे।

सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि अभी किसी ने स्टिंग की सीडी पर कानूनी रूप से मालिकाना हक का दावा नहीं किया है। भाजपा ने किसी से सीडी ली और उसका राजनीतिक इस्तेमाल हमारे खिलाफ किया। सीडी की सत्यता को लेकर सरकार एेसी एजेंसी से फारेंसिक जांच कराएगी, जिससे निष्पक्षता सामने आ सके। यह राज्य की फारेंसिक लैब हो या फिर बाहरी, इस पर विचार किया जा रहा है।
 
प्रधानमंत्री से दिशा निर्देश मिले
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा नेता सतपाल महाराज ने यह दावा किया प्रधानमंत्री ने इस मामले में दिशा निर्देश दिए हैं। एक राजनीतिक दल के स्थानीय नेताओं से इस मामले को उठाने के लिए कहा है। उसके कारण ही सरकार स्टिंग की सीडी की फारेंसिक जांच एेसी एजेंसी से कराएगी जिसकी निष्पक्षता पर संदेह न हो। क्योंकि जिस तरह से इसे राजनीतिक रूप से हाई ड्रामा बनाया गया, उसमें एजेंसी तय करने में सावधानी जरूरी है।

भ्रष्टाचार का खुलासा या ब्लैकमेलिंग
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सीडी कब बनी, कितने दिन पहले बनी, इसका खुलासा जांच से सामने आएगा। यदि यह पब्लिक लाइफ में भ्रष्टाचार का खुलासा करने के लिए बनाई तो उसका वे स्वागत करेंगे। इस मकसद से किए स्टिंग करने वाले पत्रकार को तो एक-दो दिन या अधिकतम दस दिन में इसका खुलासा कर देना चाहिए। लेकिन यदि कोई छह या नौ महीने बाद ऐसी सीडी को किसी राजनीतिक दल के सहारे जारी कराता है तो साफ है कि स्टिंग करने वाले व्यक्ति भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने और ब्लैकमेलिंग के मकसद से यह कार्य कर रहे हैं। यह उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। क्योंकि पहले भी इस तरह से स्टिंग हो चुके हैं। एक  अधिकारी ने पहले भी दावा किया था कि ब्लैकमेलिंग के लिए उनकी सीडी तैयार की गई। एक राजनीतिक दल के नेता भी यही बात कही।

मेरा अधिकारी लिप्त मिला तो होगी कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में यदि मेरे अधिकारी ने कहीं भी अनैतिक कार्य किया है तो उनके खिलाफ निश्चित तौर पर कार्रवाई होगी। अभी उन्होंने मौ.शाहिद से पूछा भी नहीं है। वे शासन के मुखिया के तौर पर ही उनसे इस मामले में पूछताछ करेंगे।
पार्टी हाईकमान को पूरी स्थिति बता दी

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अंबिका सोनी को स्टिंग के बारे में पूरी स्थिति की जानकारी दे दी है। हाईकमान ने उन पर पूरा भरोसा जताया है। दिल्ली में कांग्रेस प्रवक्ता गौरव गोगई द्वारा संबंधित अधिकारी को निलंबित करने की बात पर सीएम ने कहा कि मेरे इस मामले को गंभीरता से लिए जाने के बयान के बाद गलतफहमी में उन्होंने यह बात कह दी।  

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