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आदि कैलास में यात्रा पर जाएंगे 500 यात्री

कुमाऊं मंडल विकास निगम आदि कैलास के दर्शनों के लिए जाने वाले यात्रियों की संख्या में इजाफा करने जा रहा है। अगले साल 12 जून के बजाय एक जून से यात्रा शुरू होगी। 15 अक्तूबर तक यात्री दल आदि कैलास की...

आदि कैलास में यात्रा पर जाएंगे 500 यात्री
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 24 Nov 2015 08:59 PM
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कुमाऊं मंडल विकास निगम आदि कैलास के दर्शनों के लिए जाने वाले यात्रियों की संख्या में इजाफा करने जा रहा है। अगले साल 12 जून के बजाय एक जून से यात्रा शुरू होगी। 15 अक्तूबर तक यात्री दल आदि कैलास की यात्रा पर जा सकेंगे। केएमवीएन ने अगले साल कम से कम 500 यात्रियों को ले जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

अब तक केएमवीएन का ज्यादा फोकस कैलास मानसरोवर यात्रा पर था। अब पर्यटन बढ़ाने के लिहाज से केएमवीएन ने आदि कैलास यात्रा पर भी ज्यादा फोकस करना शुरू किया है। इसीका नतीजा है कि इस साल देश भर से 300 लोगों ने आदि कैलास की यात्रा की। केएमवीएन के मंडलीय प्रबंधक पर्यटन डीके शर्मा ने बताया कि आदि कैलास यात्रा के प्रति अब देश भर के लोगों का रुझान बढ़ता जा रहा है। अब तक यात्रा हर साल 12 जून से शुरू होती थी। लेकिन, अगले साल एक जून से होगी।

अगले साल आदि कैलास यात्रा में 18 दलों को शामिल किया जाएगा। दल में गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड समेत 16 राज्यों के यात्री शामिल होंगे। इसके लिए केएमवीएन ने अभी से पहल करनी शुरू कर दी है। दिल्ली से दिल्ली वापसी तक 18 दिनों की यात्रा होगी।

रामेश्वर बैतड़ी से पंचेश्वर के बीच राफ्टिंग कर सकेंगे
केएमवीएन की पर्यटन विंग के मंडलीय प्रबंधक का कहना है कि कैलास यात्री दल के जो सदस्य राफ्टिंग में रुचि रखते हैं उनके लिए अलग से पैकेज टूर बनाया जाएगा। केएमवीएन उन्हें अल्मोड़ा में रामेश्वर बैतड़ी से पंचेश्वर तक सरयू नदी में राफ्टिंग कराएगा। इसके बाद उन्हें आगे की यात्रा कराई जाएगी।

इस तरह यात्रा करेंगे आदि कैलास यात्री
-दिल्ली से काठगोदाम
-काठगोदाम से जागेश्वर पहुंचकर रात्रि विश्राम
-जागेश्वर से धारचूला-गाला-बूंदी
-गुंजी-कालापानी-नाबीढांग से ओम पर्वत
-ओम पर्वत से वापस गुंजी पहुंचेंगे
-गुंजी से कुट्टी जाएंगे फिर जौलीकांग पहुंचेंगे
-आदि कैलास, पार्वती सरोवर और पार्वती कुंड की सैर करेंगे

ये सुविधाएं मिलेंगी
-मालिपा से आगे ठहरने को बनाए कैम्प
-कुट्टी में स्थानीय ग्रामीणों के यहां ठहरेंगे
-वहां रहते हुए लोक संस्कृति का लुत्फ उठाएंगे
-गांव वाले ही पर्यटकों के गाइड होंगे
-प्रत्येक यात्री को यात्रा खर्च के तौर पर देना होगा 10 हजार

 

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