वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने स्टिंग में सीबीआई जांच के खिलाफ दी दलील
सीएम हरीश रावत के स्टिंग के असली सूत्रधार हरक सिंह रावत व उमेश शर्मा मुख्य रूप से आरोपी हैं। सीबीआई ने इनको सम्मन जारी करने के बजाय सीएम हरीश रावत को नोटिस जारी किया है। नैनीताल हाईकोर्ट में...
सीएम हरीश रावत के स्टिंग के असली सूत्रधार हरक सिंह रावत व उमेश शर्मा मुख्य रूप से आरोपी हैं। सीबीआई ने इनको सम्मन जारी करने के बजाय सीएम हरीश रावत को नोटिस जारी किया है। नैनीताल हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की एकलपीठ में वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने शनिवार को बहस में यह दलील पेश की।
राजनीतिक षड़यंत्र
कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि यह मामला राजनैतिक षडयंत्र का हिस्सा है। बता दें कि हाईकोर्ट में हरीश रावत की सीबीआई जांच को रद करने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है।
राजनीतिक घटनाक्रम का ब्योरा दिया
मुख्यमंत्री हरीश रावत की पैरवी को पहुंचे कपिल सिब्बल ने प्रदेश में हुए राजनैतिक घटनाक्रम का ब्योरा रखते हुए अपनी बात शुरू की। उन्होंने कहा कि किन परिस्थितियों में प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा और बाद में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हुए फ्लोर टेस्ट में सरकार पुन: बहाल हुई। इस बीच सीबीआई का दुरूपयोग करते हुए सीएम हरीश रावत को नोटिस जारी किए गए।
स्टिंग की वार्तालाप पीठ के सामने रखी
वरिष्ठ अधिवक्ता सिब्बल ने स्टिंग के शुरू से अंत तक हुई वार्तालाप को भी एकलपीठ के सामने रखा। इसमें यह दिखाने की कोशिश की कि सरकार से हटाए गए मंत्री हरक सिंह रावत ने कथित पत्रकार उमेश शर्मा से मिलकर साजिश के तहत स्टिंग तैयार किया। उन्होंने कहा कि शर्मा ही बार बार सौदेबाजी की बात करते रहे, यहां तक कि हरीश रावत ने उनके पास कुछ नहीं होने तक की बात कही। हां यह जरूर कहा कि 29 मार्च को कुछ टॉपअप कर दूंगा।
रावत का कृत्य अपराध की श्रेणी में नहीं
सिब्बल ने कहा कि सीबीआई की जांच के तय नियमों व प्राविधानों में हरीश रावत का कृत्य अपराध की श्रेणी में नहीं आता है जबकि हरक सिंह रावत व उमेश शर्मा इसमें जरूर आरोपी करार दिए जा सकते हैं।
17 सितंबर को होगी सुनवाई
एकल पीठ ने दोनों पक्षों की सहमति से आगे सुनवाई के लिए 17 सितंबर की तिथि तय की है। सिब्बल ने बताया कि अभी उनकी ओर से आगे बहस की जाएगी। इस मामले में हरक सिंह रावत ने भी एक याचिका दायर की है। इसमें प्रदेश सरकार के सीबीआई जांच वापस करने के फैसले को चुनौती दी है।