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भारतीय सेना को मिले 565 जांबाज युवा अफसर

साउथ वेस्टर्न कमांड के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल शरथ चंद्र ने परेड की सलामी ली। उन्होंने युवा सैन्य अफसरों को बधाई देते हुए कहा कि देश पर मर मिटने का मौका हर किसी को नसीब नहीं होता। वे भाग्यशाली हैं...

भारतीय सेना को मिले 565 जांबाज युवा अफसर
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 11 Jun 2016 08:40 PM
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साउथ वेस्टर्न कमांड के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल शरथ चंद्र ने परेड की सलामी ली। उन्होंने युवा सैन्य अफसरों को बधाई देते हुए कहा कि देश पर मर मिटने का मौका हर किसी को नसीब नहीं होता। वे भाग्यशाली हैं जिनको सेना ने यह मौका दिया। अल्मोड़ा उत्तराखंड के राजेंद्र सिंह बिष्ट को स्वार्ड ऑफ ऑनर और ब्रांज मेडल, दिल्ली के अमन ढाका ने गोल्ड मेडल , तमिलनाडु के  एन दिनेश कुमार को सिल्वर मेडल प्रदान किया गया। 

जैसे ही आईएमए के चैटवुड परेड मैदान पर जेंटलमैन कैडेट्स कदमताल करते हुए पहुंचे तो वहां बैठे लोगों में जोश भर गया। इनके एक साथ उठते हाथ और एक साथ बढ़ते कदमों से वाकई महसूस हो रहा था की देश इन युवा अफसरों के हाथों में सुरक्षित है। इसके बाद सबसे पहले डिप्टी कमांडेंट मेजर जनरल मंदीप सिंह परेड मैदान पहुंचे और सलामी ली। 

इसके बाद कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल एसके सैनी ने मैदान में आकर परेड की सलामी ली। आखिर में रिव्यूइंग आफिसर साउथ वेस्टर्न कमांड के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल सरथ चंद्र परेड मैदान में पहुंचे। उन्होंने परेड का निरीक्षण कर सलामी ली। फिर उन्होंने स्वार्ड ऑफ आनर, गोल्ड मेडल, सिल्वर मेडल, ब्रांज मेडल और चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ बैनर के विजेताओं को सम्मानित किया। इसके बाद पासआउट हुए कैडेटों के परिजनों ने उन्हें पीप्स(स्टार) पहनाए। फिर उन्हें देश की रक्षा की शपथ दिलाई गई। परेड के दौरान पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल टीपीएस  रावत, पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल एचबी काला, आईएमए के पूर्व कमांडेंट सहित बड़ी संख्या में सैन्य अफसर व उनके परिवार मौजूद थे। 

फौजी वर्दी या रहन सहन से नहीं हैं हम दूसरों से अलगः लेफ्टिनेंट जनरल चंद्र
क्या फौजी वर्दी पहनने से, अलग तरह के रहन सहन से या सैन्य अफसर बनकर हम दूसरों से अलग हो जाते हैँ। नहीं, हम दूसरों से अलग है तो उस बलिदान देने की उस क्षमता से जो हमें सेना ने दी है। ये बातें पासिंग आउट परेड में मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल सरथ चंद्र ने पास आउट होने वाले युवा सैन्य अफसरों से कही। उन्होंने कहा कि आज सेना में आने वाले अफसर ज्यादा पढ़े लिखे और बुद्धिमान हैं। वे दुश्मन की गोलियों के बीच अपनी सेनाओं का नेतृत्व करने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने युवा अफसरों और पास आउट होने वाले विदेशी कैडेट्स से कहा कि आज सेना के सामने अलग तरह की चुनौतियां हैं। जिनमें जोश के साथ सहनशीलता और सटीक प्लानिंग जरूरी है। जनरल चंद्र ने कहा कि अनुभव के साथ चुनौतियों से निपटने की क्षमता खुद पैदा होती है। उन्होंने कहा कि पास आउट होने वाले इन कैडेट्स को देखकर और उनको सुनकर महसूस हुआ कि हम उन पर पूरी तरह भरोसा कर सकते हैं कि वे देश की आन,बान और शान पर आंच नहीं आने देंगे। 

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