यूपी पुलिस की दरोगा भर्ती का रिजल्ट रद
उत्तर प्रदेश सरकार को 2011 की दरोगा भर्ती में इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने दरोगा भर्ती की मुख्य परीक्षा में मनाही के बावजूद ओएमआर शीट पर व्हाइटनर (सफेदा) व ब्लेड का इस्तेमाल होने...
उत्तर प्रदेश सरकार को 2011 की दरोगा भर्ती में इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने दरोगा भर्ती की मुख्य परीक्षा में मनाही के बावजूद ओएमआर शीट पर व्हाइटनर (सफेदा) व ब्लेड का इस्तेमाल होने के खिलाफ दाखिल याचिका स्वीकार करते हुए गत 16 मार्च को घोषित मुख्य परीक्षा का पूरा रिजल्ट निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने व्हाइटर का प्रयोग करने वाले सभी अभ्यर्थियों को बाहर करके नए सिरे से रिजल्ट घोषित करने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति वीके बिड़ला ने साकेत कुमार व अन्य की याचिका पर उनके वकील सीमांत सिंह व अन्य को सुनकर दिया है। याचिका में कहा गया है कि दरोगा भर्ती की मुख्य परीक्षा में ओएमआर शीट पर व्हाइटनर लगाना मना था। ओएमआरशीट व प्रश्नपत्र में साफतौर से कहा गया था कि व्हाइटनर, ब्लेड या इरेजर का प्रयोग मना है। इसके बावजूद 3038 अभ्यर्थियों ने व्हाइटनर का प्रयोग किया, जिनमें से 810 अभ्यर्थी परीक्षा में सफल घोषित किए गए।
सूचना के अधिकार के तहत सूचना में इसकी पुष्टि हुई। आरोप है कि ऐसे उत्तीर्ण अभ्यर्थियों में अधिकतर वर्ग विशेष के थे। साथ ही इसी की आड़ में कई चहेतों को ओएमआर शीट पर व्हाइटनर के इस्तेमाल से उत्तीर्ण कर दिया गया। दूसरी ओर अन्य वर्ग के अभ्यर्थी अनुत्तीर्ण कर दिए गए।
याचिका के अनुसार 19 मई 2011 को नागरिक पुलिस सब इंस्पेक्टर और पीएसी में प्लाटून कमांडर के 4010 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था, जिसके लिए लिखित परीक्षा 14 सितम्बर 2014 को हुई और उसका परिणाम 16 मार्च 2015 को घोषित हुआ।