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कर्मभूमि ट्रेन में डाका, बदमाशों ने डाली अब तक की सबसे बड़ी डकैती

रुहेलखंड में शायद ही इतनी बड़ी ट्रेन डकैती पहले कभी हुई हो। डकैतों ने दहशत पैदा करने के लिए न केवल हथियारों का सहारा लिया, बल्कि गहने न देने पर महिलाओं से बच्चाे छीनकर ट्रेन से लटका दिया। इससे...

कर्मभूमि ट्रेन में डाका,  बदमाशों ने डाली अब तक की सबसे बड़ी डकैती
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 29 Aug 2014 11:40 PM
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रुहेलखंड में शायद ही इतनी बड़ी ट्रेन डकैती पहले कभी हुई हो। डकैतों ने दहशत पैदा करने के लिए न केवल हथियारों का सहारा लिया, बल्कि गहने न देने पर महिलाओं से बच्चाे छीनकर ट्रेन से लटका दिया। इससे यात्राी आतंकित हो गए और चुपचाप जो भी पास में था, निकालकर बदमाशों को सौंप दिए।
तीन दजर्न से भी ज्यादा की संख्या में डकैतों का भारी-भरकम गैंग कर्मभूमि एक्सप्रेस पर टूट पड़ा था। सबके सब डाकू तमंचे, बंदूक और छुरे-चाकुओं से लैस थे। ठसाठस भरी दो जनरल बोगियों में डकैतों के कहर से शायद ही कोई मुसाफिर बच सका हो। यात्राियों ने बताया कि कुछ महिलाओं ने बदमाशों को गहने नहीं दिए तो जालिमों ने बच्चाे छीनकर चलती ट्रेन से नीचे लटका दिए। इससे विरोध की धार कुंद पड़ गई और यात्राियों ने सब कुछ भगवान भरोसे छोड़ दिया। इस डकैती ने रेलवे के सुरक्षा इंतजामों की पोल खोलकर रख दी है। ट्रेन का मुरादाबाद से सीतापुर के बीच कोई स्टॉपेज नहीं है, बदमाशों को इसका पता था। यात्राियों के अनुसार, जनरल बोगी में कुछ डकैत मुरादाबाद स्टेशन से ही चढ़ गए थे। रामपुर से निकलते ही उन लोगों ने चेन पुलिंग कर दी। कोई भी बदमाश नकाब नहीं लगाया था। चेन पुलिंग होने पर भी ड्राइवर और गार्ड ने कुछ नहीं किया। उधर, बदमाश दोनों बोगियों में लूटमार करने लगे।
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ट्रेन में नहीं था सुरक्षा दस्ता
यात्राियों के मुताबिक, लंबी दूरी की इस ट्रेन में कोई सुरक्षाकर्मी नहीं चल रहा था। इससे बदमाश और ज्यादा बेखौफ हो गए और पौने घंटे से भी अधिक समय तक बारी-बारी सैकड़ों यात्राियों को अपना शिकार बनाते रहे।

जानते थे कहां-कहां स्टॉपेज
डकैतों को इस बात की पूरी जानकारी थी कि कर्मभूमि एक्सप्रेस का मुरादाबाद के बाद सीतापुर तक बीच में दूसरा कोई स्टॉपेज नही है। यही वजह है कि गिरोह के कुछ सदस्य मुरादाबाद से बोगियों में चढ़े और चेन पुलिंग कर रामपुर निकलते ही साथियों को अंदर बुला लिया।

जान बच गई, यही बहुत है
यात्राियों का कहना था कि डकैतों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि लोग चाहकर भी उनसे मुकाबला करने की हिम्मत नहीं जुटा सके। उस हालत में डकैतों से भिड़ने का मतलब सीधा-सीधा अपनी जान गंवाना था। इस वजह से सब लुट-पिटकर भी चुप रहे।

कल्लू गैंग ने ऐसे ही लूटी थी मरुधर एक्सप्रेस
दो दशक पहले गंगा-रामगंगा की कटरी में सक्रिय कल्लू उर्फ कलुआ यादव गैंग ने एटा जिले में नरथर हॉल्ट के पास मरुधर एक्सप्रेस में ऐसी ही डकैती डाली थी। कल्लू के साथ दो दजर्न से अधिक बदमाश ट्रेन पर टूट पड़े थे और कई यात्राियों से लूटपाट की थी। हालांकि उस ट्रेन में जीआरपी के जवानों के साथ एक फौजी ने डकैतों से लोहा लिया था और एक बदमाश को मार भी गिराया था। रेलवे सुरक्षाबल के अधिकारी कुछ भी कहें मगर कर्मभूमि एक्सप्रेस में डकैतों की बहुत बड़े गिरोह का तांडव आगे को भी ट्रेनों के लिए बहुत बड़े खतरे की घंटी है।

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