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सहारनपुर में स्थिति पूर्ण रूप से नियंत्रण में: राजनाथ सिंह

उत्तर प्रदेश में हिंसा प्रभावित सहारनपुर में कर्फ्यू में चार घंटे की ढील दी गई, ताकि लोग रोजमर्रा की जरूरत की चीजें खरीद सकें, जबकि जिला प्रशासन को गड़बड़ी फैलाने वालों को काबू में रखने में कड़ी मशक्कत...

सहारनपुर में स्थिति पूर्ण रूप से नियंत्रण में: राजनाथ सिंह
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 29 Jul 2014 08:27 AM
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उत्तर प्रदेश में हिंसा प्रभावित सहारनपुर में कर्फ्यू में चार घंटे की ढील दी गई, ताकि लोग रोजमर्रा की जरूरत की चीजें खरीद सकें, जबकि जिला प्रशासन को गड़बड़ी फैलाने वालों को काबू में रखने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
      
सहारनपुर की जिलाधिकारी संध्या तिवारी ने बताया कि स्थिति में सुधार को देखते हुए कर्फ्यू में नये शहर में पूर्वाहन 10 से अपराहन दो बजे तक तथा पुराने शहर में अपराहन तीन से शाम सात बजे तक ढील दी गई। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि लोग बाजारों से अपने दैनिक उपयोग की वस्तुएं खरीद सकें। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों को कर्फ्यू में ढील की अवधि के दौरान सख्त निगरानी के साथ ही गड़बड़ी फैलाने वालों पर कड़ी नजर रखने के लिए कहा गया है ताकि किसी अप्रिय घटना को टाला जा सके।

जिलाधिकारी संध्या के अनुसार दो समुदायों के बीच एक भूमि विवाद को लेकर हुई क्षड़प तथा एक समुदाय के आगजनी में लिप्त रहने के मद्देनजर गत रविवार को देखते ही गोली मारने के आदेश लागू रहे थे। गत शनिवार को हुई हिंसा में तीन व्यक्तियों की मौत हो गई थी और 33 अन्य घायल हो गए थे। इस दौरान 22 दुकानें और 15 चार पहिया वाहनों को या तो जला दिया गया या क्षतिग्रस्त कर दिया गया।
      
लखनु में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि सहारनपुर में हिंसा के पीछे जो भी लोग हैं, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पंजाब के विधानसभाध्यक्ष चरणजीत सिंह अटवाल के साथ बैठक के दौरान यादव ने कहा कि राज्य सरकार सभी निवासियों को न्याय और सुरक्षा मुहैया कराने को प्रतिबद्ध है। उस जमीन के टुकड़े के बारे में पूछे जाने पर जिसको लेकर सहारनपुर में झड़प शुरू हुई, मुख्यमंत्री ने कहा कि मामला अदालत में विचाराधीन है और कार्रवाई उसके तहत ही की जाएगी।

मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि घटनाओं में प्रभावित हुए लोगों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाएगा। दिल्ली में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सहारनपुर में स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में हैं। उन्होंने कहा, सहारनपुर में स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। हम नजदीक नजर बनाए हुए हैं। सिंह की टिप्पणी आज तब आयी है जब उन्होंने उत्तर प्रदेश के जिले में स्थिति के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अवगत कराया।
     
गृह मंत्रालय ने वहां कानून एवं व्यवस्था बनाये रखने में राज्य प्रशासन की मदद करने के लिए पहले ही अद्धसैनिक बलों के 600 कर्मियों को भेज दिया है। सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री से बात की थी और उन्हें शांति और सौहार्द बनाये रखने के लिए हरसंभव कदम उठाने के लिए कहा था। गत शनिवार को हुई हिंसा में तीन व्यक्ति मारे गए थे और 33 अन्य घायल हो गए थे। 38 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।
     
सहारनपुर के पुलिस अधीक्षक राजेश पांडेय ने कहा कि जिस व्यक्ति ने हिंसा भड़कायी थी उसकी पहचान कर ली गई है और उसे जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। लखनऊ में अधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सहारनपुर में घटनाओं के संबंध में जिला अधिकारियों से एक विस्तत रिपोर्ट मांगी है। उत्तर प्रदेश का यह क्षेत्र दिल्ली से करीब 170 किलोमीटर और लखनऊ से 560 किलोमीटर दूर है।

भाजपा ने आज आरोप लगाया कि झड़पें प्रशासनिक लापरवाही और राज्य में कानून एवं व्यवस्था की विफलता के चलते हुईं। भाजपा प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि अखिलेश सरकार जो भाजपा पर आरोप लगा रही है और सहारनपुर हिंसा को जातीय झड़प बता रही है उसे स्पष्ट करना चाहिए कि वह प्रत्येक घटना के बाद इनकार के अंदाज में क्यों आ जाती है। समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस और भाजपा द्वारा लगाये गए आरोपों पर प्रतिक्रिया में कहा, राज्य में शांति भंग करने का प्रयास किया गया और साम्प्रदायिकता तथा असामाजिक तत्वों के लिए कोई जगह नहीं है।
   
परेशानी तब शुरू हुई जब एक समुदाय के सदस्यों ने कुतुबशेर क्षेत्र में एक स्थल पर तड़के निर्माण कार्य शुरू कर दिया जिसका दूसरे समूह ने विरोध किया। पुलिस ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच भारी पथराव, आगजनी और गोलीबारी हुई। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भीड़ पर रबर की गोलियां चलाईं। पीएसी, सीआरपीएफ, आरएएफ और आईटीबीपी सहित अतिक्ति बलों को अशांत क्षेत्रों में लगाया गया है। घायल होने वालों में पांच पुलिसकर्मी और शहर के एक मजिस्ट्रेट शामिल थे। एक सिपाही को गोली लगी है और उसका चंडीगढ़ पीजीआई में इलाज चल रहा है जहां उसकी स्थिति गंभीर बताई गई है।

एसएमएस पर लगा सहारनपुर दंगे का ग्रहण

सहारनपुर दंगों पर हाई अलर्ट के चलते यूपी वेस्ट में मोबाइलों पर एसएमएस सेवा को सीमित कर दिया गया है। एसएमएस सेवा रुकने से एक दिन में सिर्फ पांच एसएमएस ही भेजे जा रहे हैं। संदेश सेवा के सीमित होने से परेशान उपभोक्ता इंटरनेट कनेक्शन के जरिए संदेश वाहक एप्लीकेशन का प्रयोग कर एक दूसरे के पास संदेश भेज रहे हैं। दंगों की वजह से लोगों को काफी परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है। यूपी वेस्ट में मोबाइल सर्विस मुहैया कराने वाली कंपनियों ने अपनी संदेश सेवा को सीमित कर दिया है। लोग किसी को भी पांच से ज्यादा संदेश नहीं भेज पा रहे हैं। फिलहाल यह कहा नहीं जा सकता कि आखिर कब तक संदेश सेवा पर रोक लगी रहेगी।

कई लोगों ने जब संदेश न जाने पर अपनी मोबाइल सर्विस प्रोवाइड कराने वाली कंपनी के कस्टमर केयर से बात की तो पता चला कि यूपी वेस्ट में पुलिस नियमों के आधार पर शासन द्वारा एसएमएस सेवा सीमित कर दी गई है। इस परेशानी से निजात को ग्राहक इंटरनेट के माध्यम से संदेश वाहक एप्लीकेशन को डाउनलोड कर संदेशों का आदान-प्रदान कर रहे हैं। इंटरनेट कनेक्शन हो तो इन एप्लीकेशन को फोन में डालकर कई संदेश भेजने में भी मदद मिल रही है।

अखिलेश यादव से मिले पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से सोमवार को पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष चरनजीत सिंह अटवाल के नेतृत्व में आए प्रतिनिधिमंडल ने भेंट की। अटवाल ने मुख्यमंत्री से सहारनपुर में हुए दंगे, खास कर सिख समुदाय को हुए नुकसान पर बात की। मुख्यमंत्री ने उन्हें भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार सभी को न्याय व सुरक्षा प्रदान करने के लिए कृतसंकल्प है। उन्होंने कहा कि सहारनपुर की घटना के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और इनके विरुद्घ सख्त कार्रवाई की जाएगी। घटना के प्रभावित लोगों को राज्य सरकार द्वारा समुचित मुआवजा दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर हुई इस मुलाकात में यादव ने अटवाल से कहा कि सहारनपुर में जिस जमीन का मामला है, उसमें न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हुए उसके अनुरूप कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अचानक भड़की साम्प्रदायिक हिंसा की घटना को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन व राज्य सरकार द्वारा तत्परता से कार्रवाई की गई।  बाद में मुख्यमंत्री व पंजाब विधान सभा के अध्यक्ष ने जनता के नाम साझा अपील की कि अफवाहों पर भरोसा न करें, क्योंकि इससे स्थिति खराब होती है। यादव व श्री अटवाल ने प्रत्येक दशा में शांति और सौहार्द बनाए रखने पर भी बल दिया। बाद में मीडिया से बातचीत में अटवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनकी बातें ध्यान से सुनीं और मामले से निपटने में उनकी सरकार की ओर से उठाए गए कदम की जानकारी भी दी। मुलाकात के दौरान यूपी के राजनैतिक पेंशन मंत्री राजेन्द्र चौधरी भी उपस्थित थे।

दंगाइयों ने मोरगंज में मसाला शॉप में लगाई आग

अफसरों और जवानों की भारी-भरकम फौज के बावजूद उपद्रवियों पर काबू नहीं पाया जा रहा। रविवार को कफ्यरू की दूसरी रात डेयरी सहित चार दुकानों को लूटपाट के बाद आग के हवाले कर दिया। जानवर के टुकड़ों को बारे में बंदकर उपद्रवी शारदानगर में डाल गए। सोमवार दोपहर मोरगंज में राजेश मसाला सेंटर को आग के हवाले कर दिया, जबकि कक्कड़गंज में क्लाथ हाउस को भी फूंकने की कोशिश की,लेकिन पर्दे में आग लगते ही पुलिस-बल मौके पर पहुंच गया था।

संगीनों के साये में गुजरी रविवार रात भी माहौल बेहद तनावपूर्ण रहा। उपद्रवी के हरकतों से ये स्पष्ट है वे किसी भी सूरत में फिर से दंगा भड़काना चाहते हैं। रविवार रात 10 बजे बाइक सवार दो खुराफाती शारदा नगर स्थित केएलजी पब्लिक स्कूल के सामने बोरे फेंक गए। बोरे में लाश की सूचना पर पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। सदर बाजार पुलिस अगले ही पल मौके पर पहुंची। बोरा खोलकर देखा तो उसमें जानवर की लाश के टुकड़े व छुरा था। इसके बाद उपद्रवियों ने गलीरा रोड स्थित नाई की दुकान सहित तीन दुकानों में आग लगा दी। पता लगते ही पुलिस मौके पर पहुंची तो उपद्रवियों की दूसरी टोली ने दिल्ली रोड विकास भवन के सामने दूध की डेयरी में लूटपाट के बाद उसे भी आग के हवाले कर दिया।

इसी दौरान दंगाइयों की टोली ने कक्कड़ गंज में क्लॉथ हाउस को भी फूंकने के इरादे से बाहर तिरपालनुमा पर्दे में आग लगा दी, हालांकि तभी पुलिस मौके पर पहुंची और आग को बुझा दिया। इसके बाद पूरी रात पुलिस बल मुस्तैद रहा। हालांकि डीआईजी दीपक रतन ने एक दुकान में आगजनी की पुष्टि की, जबकि बाकी के बारे में बोले कि उसमें पहले ही आग है, मगर रात को हवा लगने से सुलगती आग फिर से भड़क उठी थी। सोमवार दोपहर करीब सवा एक बजे उपद्रवियों ने मोरगंज में राजेश मसाला वालों की दुकान में आग लगा दी। चंद मिनटों बाद ही दमकलकर्मियों के साथ पुलिस पहुंची और आग पर काबू पा लिया गया। इंस्पेक्टर वीसी गौतम इस आग को दंगाइयों की करतूत की बजाए शॉर्ट सर्किट बता रहे हैं। इसके अलावा पूरा दिन शहर के अलग-अलग इलाकों से छिटपुट घटनाओं की सूचना व अफवाह आती रहीं।

जली दुकानें देखकर डबडबा आईं आंखें 

चार दिन पहले तक हंसी-खुशी आकर अपनी रोजी-रोटी यानि दुकान के शटर के सामने जमीन छूकर मत्थे से लगाना। पड़ोसियों से हाल-चाल लेकर व्यापार जगत की बातों में मशगूल हो जाना। शाम को चहल-पहल और फिर रात को खुशी-खुशी घर जाने की आदत कुछ मुट्ठीभर लोगों ने बदल डाली। दो दिन के कफ्यरू में मिली छूट के बाद जब पीड़ित और लुटे-पिटे व्यापारी अपने प्रतिष्ठानों पर पहुंचे तो उनकी आंखें डबडबा आई। दिल भर आया। गला भर्रा उठा। सामने प्रतिष्ठान राख के ढेर में तब्दील हो चुके थे। वहां बचा था बस खौफनाक मंजर।

सुबह साढ़े दस बजे, प्रकाश ऑटो स्टोर, अंबाला रोड
आगजनी की राख से पूरी तरह से काली हो चुके प्रकाश ऑटो स्टोर को देखने आए दुकान स्वामी ओम प्रकाश, तबाही का मंजर देख सन्न रह गए। शटर उठाया तो अंदर सिर्फ खाक हो चुके माल की राख पड़ी थी। आगजनी की तपिश इतनी थी कि अंदर घुसना मुश्किल था। करोड़ों का नुकसान होने की बात कह रहे ओम प्रकाश बोले कि मैं बर्बाद हो चुका हँू। अब आगे क्या होगा?

साढ़े दस बजे, भंडारी एंटरप्राइजेज, अंबाला रोड
कर्फ्यू में मिली ढील के बाद भंडारी एंटर प्राइजेज के स्वामी संजीव भंडारी परिवार के अन्य सदस्यों के साथ पहुंचे। शटर उठाने की कोशिश की, लेकिन वो खुल नहीं पाया। फटे पड़े शटर से अंदर झांका तो चीखते हुए बोले कि यहां तो राख है। जालिमों ने कुछ नहीं छोड़ा। लाखों का नुकसान हो चुका है। ऐसा ही मंजर भंडारी ऑटो स्टोर व जौली ऑटो सर्विस का भी था।

11 बजे, चावला इलैक्ट्रॉनिक्स, अंबाला रोड
चावला इलैक्ट्रॉनिक्स के बाहर उसके स्वामी बलजीत सिंह चावला व परिवार के सदस्य खड़े थे। दुकान को ताकते हुए काफी देर तक वे चुप रहे। पास खड़े अन्य व्यक्ति भी कुछ पूछे तो जवाब नहीं दे रहे थे। जब उन्हें टटोला तो फफकते होठों से बोले कि दहशतगदरें ने बर्बाद कर दिया।

साढ़े 11 बजे, बग्गा पेट्रोल पंप, प्रकाश पेट्रोल पंप
कर्फ्यू में ढील के बावजूद ये दोनों पेट्रोल पंप बंद रहे। दोनों के स्वामी आए और तोड़फोड़ को देखते रहे। पूछने पर बोले कि पेट्रोल पंप कैसे खोलें, बुरी तरह से तोड़फोड़ कर रखी है।

दोपहर 12 बजे, अंबाला रोड
अंबाला रोड पर कई दजर्न दुकानों में लूटपाट के बाद हुई आगजनी की घटना के बाद सोमवार को सभी दुकानों के मालिक, बर्बादी का आंकलन करने पहुंचे सभी के चेहरे पर रोष व आंखों में आक्रोश नजर आ रहा था। मीडिया के देखते ही सभी प्रशासन के खिलाफ अपना गुबार निकालने लगे। कारोबारी ओम प्रकाश बोले कि ये डीएम की मिलीभगत से हुआ है। उन्हीं की सह पर दहशतगदरें ने करोड़ों का कारोबार चौप्पट कर दिया है।

दोपहर एक बजे, खलासी लाइन
हिन्दुस्तान की टीम अंबाला रोड से आगे बढ़कर खलासी लाइन की ओर पहुंची तो वहां आगजनी का शिकार हुई टायर की दुकान के बाहर रफीक अहमद बैठा था। टीम को देखते ही रफीक ने दुकान का शटर उठाया तो वो चीख पड़ा, बोला कि आगजनी से दुकान का लिंटर ही गिर गया। हजारों के टायर जलकर राख हो चुके हैं।

प्लीज साहब, मुझे मेरी दुकानें देखने दो
सोमवार को जब कर्फ्यू खुला तो घंटाघर पर ऐसे व्यापारियों की संख्या कम न थी, जो कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्र में अपनी दुकानों को केवल देखना भर चाहते थे। घंटाघर पर खड़े एडीएम प्रशासन दिनेश चंद्रा के पास दो व्यापारी पहुंचे। बोले कि, नेहरू मार्केट में उनकी दुकान है। वे बस एक नजर देखना चाहते हैं। प्लीज साहब एक बार भेज दो। दिनेश ने उन्हें समझा-बुझाकर वापस भेज दिया। फिर एक व्यापारी वहां पहुंचा। उसकी दुकान अंबाला रोड पर कफ्यरू वाली साइड थी। बोला साहब बस दुकान को देखना भर। एक बार जाने दो। प्लीज साहब। बस सामने ही है। इस पर एडीएम ने उन्हें जाने की अनुमति दे दी। जिस समय तक कर्फ्यू खुला रहा ज्जदातर व्यापारी महज अपनी दुकानों को देखने को तरस रहे थे। जिनके प्रतिष्ठान सही सलामत थी, वे ऊपर वाले को दुआ देते आए, जिनका नुकसान हुआ उनकी आंखें नम थी। 

अफसरों की फौज नहीं जीत पाई व्यापारियों का भरोसा

दो दिन से घरों में कैद लोगों को दंगे के तीसरे दिन सोमवार को बाजार जाने की मोहलत तो मिली, लेकिन अफसरों की फौज व्यापारियों को सुरक्षा का भरोसा नहीं दिला पाई। कर्फ्यू खुलने के बावजूद नए शहर में 80 और पुराने शहर में 90 फीसदी दुकानें बंद रहीं। बाद में कक्कड़गंज, शहीद गंज और मोरगंज समेत अन्य बाजारों में पहुंचे आईजी ने व्यापारियों को भरोसा दिलाते हुए दुकानें खुलवाने का प्रयास किया। रविवार शाम शहर के गणमान्य लोगों के साथ बैठक कर प्रशासन ने देर शाम यह घोषणा कर दी कि सोमवार को कर्फ्यू में छूट दी जाएगी। शहर को दो टुकड़ों में बांट दिया गया। 10 से दो बजे तक नए और तीन से सात बजे तक पुराने शहर में कर्फ्यू खोला गया। इस दौरान शहर में मौजूद अफसरों की फौज ने व्यापारियों को सुरक्षा का पूरा भरोसा दिलाने की कोशिश की लेकिन दंगे की आग में अपनी जीवनभर की कमाई को खो चुके व्यापारियों का मन नहीं माना।

यही कारण रहा कि कर्फ्यू खुलने के बावजूद ईद से ठीक एक दिन पहले भी प्रतिष्ठान बंद रहे। बंद प्रतिष्ठानों को देखकर लोगों में गुस्सा भी दिखा। परेशानी की बात यह रही कि बेहद कम दुकानें खुलने के कारण लोगों को लाइन में लगकर आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी करनी पड़ी। कक्कड़गंज और मोरगंज में कर्फ्यू खुलते ही कुछ व्यापारियों ने अपनी दुकानें तो खोलीं लेकिन वस्तुओं के भाव को लेकर कुछ ग्राहकों ने गरमा-गरमी की तो व्यापारियों ने शटर डाल लिए। इसके बाद यहां आईजी मेरठ आलोक शर्मा पहुंचे और दुकानदारों से बात करके उन्हें सुरक्षा देने का वायदा करते हुए दुकाने खोलने की बात कही। इसके बाद कुछ दुकानों के शटर खुले लेकिन आधे ही।

बाजार लाइव: नया शहर
कोर्ट रोड से लेकर दिल्ली रोड और हकीकतनगर से लेकर बाजोरिया रोड वाले बाजारों में 80 फीसद दुकानों के शटर उठे ही नहीं। लोगों को लग रहा था कि कर्फ्यू खुला है तो सभी चीजें आसानी से मिल जाएंगी। दस बजते ही लोग बाजार की ओर दौड़े लेकिन यहां उम्मीद के मुताबिक दुकानें खुली नहीं मिली। पेट्रोल पंपों, सब्जी और फल की दुकानों के अलावा दूध की डेयरियों पर काफी भीड़ रही। कोर्ट रोड पर ही लोगों ने लाइन में लगकर दूध और सब्जियां खरीदा। हकीकतनगर में दूध की गाड़ी को लोगों ने चारों ओर से घेर लिया और रास्ते सड़क पर ही दूध बिकने लगा। अंबाला रोड और कोर्ट रोड से घंटाघर तक वाले मार्केट में भी बेहद कम दुकाने खुली।

बाजार लाइव: पुराना शहर
शाम के तीन बजने का जैसे लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। तीन बजने से कुछ देर पहले ही बाजारों में रेहड़ी और फड़ियां आकर लग गई। तीन बजते ही बाजारों में पैर रखने तक की जगह नहीं मिली। परेशानी का बात यह थी कि जितने लोग थे उनके सामने दुकानें इक्का-दुक्का ही खुली हुई थी। लोग जैसे स्थिति को भांपते हुए एक पल भी नहीं गंवाना चाह रहे थे। जिसे जो दुकान मिली और जो रेहड़ी मिली वहीं से खरीदारी शुरू कर दी। चार बजे तक यहां 90 फीसदी दुकानें बंद रही। लोग खरीददारी तो कर रहे थे लेकिन अधिकांश दुकानें बंद होने की टेंशन उनके चेहरों पर साफ दिख रही थी। उधर व्यापारियों के चेहरे पर भी बेबसी दिखी। कुछ व्यापारियों ने दुकानें खोली लेकिन फिर अचानक बंद कर ली। इसके बाद प्रशासन की अपील पर दोबारा दुकानें खोली लेकिन आधे शटर बंद ही रहे।

कांग्रेस की छह सदस्यीय टीम जाएगी सहारनपुर

प्रदेश कांग्रेस ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए सहारनपुर दंगों की सच्चई जानने के लिए छह सदस्यीय एक समिति का गठन किया है। यह समिति ईद के बाद सहारनपुर की घटना जांच रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष को सौंपेगी। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष निर्मल खत्री ने बताया कि समिति में पूर्व विधायक सोमांश प्रकाश, पूर्व सांसद हरेन्द्र मलिक, पूर्व मंत्री सईदुज्जमां, पूर्व मंत्री दीपक कुमार सहित विधायक बंशी सिंह पहाड़िया एवं विधायक दिलनवाज खान को नामित किया है।

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