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छोटे उद्यमियों के कर्ज की बैंक गारंटी लेगा एमएसएमई : कलराज

केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) उद्योग मंत्री कलराज मिश्र ने कहा है कि कर्ज में डूबे उद्यमियों को उबारने एवं औद्योगिक इकाइयों के संचालन में सहयोग को मंत्रालय तैयार है। उद्यमियों को बैंक से...

छोटे उद्यमियों के कर्ज की बैंक गारंटी लेगा एमएसएमई : कलराज
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 02 Jul 2015 07:55 PM
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केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) उद्योग मंत्री कलराज मिश्र ने कहा है कि कर्ज में डूबे उद्यमियों को उबारने एवं औद्योगिक इकाइयों के संचालन में सहयोग को मंत्रालय तैयार है। उद्यमियों को बैंक से कर्ज नहीं मिल पा रहा है तो एमएसएमई गारंटी लेगा।

गुरुवार को सर्किट हाउस में इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के साथ बैठक में केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि औद्योगिक इकाइयों के संचालन के लिए भी उपाय होंगे। इसके लिए 'कलेक्टिव एक्शन प्लान' के तहत कमेटी बनायी जाएगी। जिसमें उद्यमी, राज्य व केन्द्र सरकार के प्रतिनिधि व बैंक के अधिकारी होंगे।

कमेटी देखेगी कि उद्योग के नहीं चलने के कारण क्या है? उन्होंने कहा कि छोटे उद्यमियों को ऑनलाइन रजिस्टे्रशन की सुविधा दी गई है। अब तक 60 हजार से अधिक ऑनलाइन रजिस्टे्रशन किए जा चुके हैं।

उन्होंने कहा कि घाटे में चल रही इकाइयों को दोबारा संचालित पर 'कलेक्टिव एक्शन प्लान' कमेटी विचार करेगी। कमेटी यह देखेगी कि कहीं उद्यमी जान-बूझकर एनपीए कराना तो नहीं चाहतें हैं।

कलराज ने कहा कि सरकार की कोशिश है कि बंद इकाइयों को संचालित किया जाए। इनमें आरबीआई ने एक रिपोर्ट दी है। जिसमें 2.48 लाख एमएसएमई इकाइयों के बीमार होने की बात कही गई है। इन्हें पुनर्स्थापित करने पर सरकार गंभीर है। बैंकों के जरिए यह व्यवस्था करने जा रही है।

नौकरी के लिए इंडस्ट्रियल पोर्टल

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि देश के पढ़े-लिखे तकनीकी बेरोजगारों को नौकरी देने के लिए एमएसएमई की ओर से डिजिटल इंडस्ट्रियल इम्प्लाइज पोर्टल लांच होने जा रहा है। जिससे किसी भी छात्र को यह पता चल जाएगा कि देश के किस इंडस्ट्री में किस तरह की नौकरी है।

रेलवे व डिफेंस में होगी मॉल की आपूर्ति

केन्द्रीय मंत्री ने उद्यमियों से कहा कि आने वाले दिनों में कई बड़े उपभोक्ता छोटे उद्यमियों के सामने होंगे। इनमें एमएसएमई की ओर से रेलवे व डिफेंस के बीच जल्द ही समझौता होगा। इसका फायदा यह होगा कि छोटे उद्यमियों के माल सीधे बड़े विभागों में भेजे जा सकेंगे।

कैपिटल लिमिट का प्रस्ताव कैबिनेट में

उन्होंने बताया कि छोटे उद्यमियों के कैपिटल लिमिट के लिए सरकार ने स्टैंडिंग कमेटी के पास प्र्रस्ताव भेजा है। जिसमें 50 लाख रुपये तक पूंजी निवेश करने वालों को माइक्रो इंडस्ट्री की श्रेणी में रखने, 10 करोड़ की पूंजी निवेश को लघु एवं 20 करोड़ की पूंजी निवेश करने वालों को मध्यम उद्योग की श्रेणी में माना जाएगा। अभी तक यह सीमा क्रमश: 25, 5 व 10 करोड़ थी।

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