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काशी में पीएम के सामने होगा बेंच विभाजन का विरोध

पश्चिम उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की बेंच स्थापित करने की मांग का विरोध अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने होगा। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने ऐलान किया है कि 25 दिसम्बर को बनारस आ रहे प्रधानमंत्री...

काशी में पीएम के सामने होगा बेंच विभाजन का विरोध
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 21 Dec 2014 12:04 AM
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पश्चिम उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की बेंच स्थापित करने की मांग का विरोध अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने होगा। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने ऐलान किया है कि 25 दिसम्बर को बनारस आ रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलकर बेंच विभाजन के बारे में उनसे दो टूक बात की जाएगी। सोमवार को हाईकोर्ट में वकील न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। वकील मार्च पास्ट करते हुए डीएम दफ्तर पहुंचेंगे। पीएम से मुलाकात का वक्त तय कराने के लिए मांग पत्र डीएम को देंगे।

पश्चिम उत्तर प्रदेश के कुछ अधिवक्ता हाईकोर्ट की नई बेंच की मांग कर रहे हैं। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने इसका विरोध करते हुए हाईकोर्ट में न्यायिक कार्य का बहिष्कार कर रखा है। शनिवार को हाईकोर्ट के लाइब्रेरी हॉल में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा गठित सलाहकार समिति की बैठक पूर्व अध्यक्ष एनसी राजवंशी की अध्यक्षता में हुई। इसमें अधिवक्ताओं ने हाईकोर्ट के बंटवारे के हर विचार का विरोध किया और कहा कि केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री सदानंद गौड़ा ने 17 दिसम्बर को यह स्पष्ट कर दिया था कि उन्होंने हाईकोर्ट की नई बेंच बनाने का कोई बयान नहीं दिया। इसके बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने खंडपीठ के बारे में बयान देकर असंवैधानिक कार्य किया है।

इस बैठक में संविधान के अनुच्छेद 214 के मुताबिक एक प्रदेश एक उच्च न्यायालय की बात कही गई। अधिवक्ताओं ने कहा कि हाईकोर्ट के बंटवारे की बात निहित राजनीतिक स्वार्थ के लिए की जा रही है। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश पाण्डेय, महासचिव डॉ. सीपी उपाध्याय के मुताबिक आम सभा में सर्वसम्मति से फैसला हुआ है कि 22 दिसम्बर सोमवार को हाईकोर्ट में न्यायिक कार्य नहीं होंगे। सुबह साढ़े नौ बजे सभी अधिवक्ता हाईकोर्ट के गेट नम्बर तीन पर जुटेंगे और वहां से 11 बजे मार्च पास्ट करते हुए कचहरी पहुंचेंगे। वहां 84 खंभा के सामने वकीलों की मीटिंग होगी।

डीएम भवनाथ के जरिए ज्ञापन भेजकर 25 दिसम्बर को बनारस आ रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने का समय मांगा जाएगा। अध्यक्ष के मुताबिक प्रधानमंत्री से मिलने का समय पहले से तय हो गया तो ठीक, अन्यथा अधिवक्ता यहां से सीधे बनारस प्रस्थान करेंगे और वहीं पीएम से मिलने की मांग करेंगे। अब हाईकोर्ट की बेंच के मामले में प्रधानमंत्री को सरकार के रवैया स्पष्ट करना होगा। इसके बाद अधिवक्ता अपनी रणनीति तय करेंगे। हाईकोर्ट बार के अध्यक्ष राकेश पाण्डेय के मुताबिक रेवेन्यू बोर्ड, कैट, डीआरटी, जिला कचहरी समेत अन्य सभी अधिवक्ता संगठनों ने बेंच के बटवारे के खिलाफ समर्थन दिया है। बैठक का संचानल संयुक्त सचिव अभिषेक चौहान ने किया। बैठक में प्रमुख रूप से वरिष्ठ अधिवक्ता एबीएल गौड़, टीपी सिंह, डॉ. एसपी श्रीवास्तव, बीके श्रीवास्तव, यूएन शर्मा, विधायक अनुग्रह नारायन सिंह, प्रभाशंकर मिश्र समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
संघर्ष समिति की बैठक

इसके पहले बार एसोसिएशन द्वारा बनाई गई संघर्ष समिति की बैठक वरिष्ठ अधिवक्ता राधाकान्त ओझा के साथ हुई। इसका संचालन आईके चतुर्वेदी ने किया। इसमें ब्रजेश सहाय, शशि नंदन सिंह, ओपी सिंह, दयाशंकर मिश्र, अनिल तिवारी, नरेश चन्द्र त्रिपाठी, वीर सिंह, शैलेन्द्र द्विवेदी, केके द्विवेदी, डीके श्रीवास्तव, पीसी श्रीवास्तव, वीएस सिंह पुजारी, जेए आजमी, प्रदीप तिवारी, अजय मिश्र, रीतेश श्रीवास्तव, विवेक पाण्डेय समेत अनेक लोग मौजूद रहे।

मंगलवार को रोड शो होगा
इलाहाबाद। सोमवार को मार्च पास्ट के बाद अधिवक्ताओं ने मंगलवार को हाईकोर्ट के सामने से पूरे शहर में रोड शो की तैयारी की है। युवा अधिवक्ताओं में भाजपा के नेताओं को लेकर भी गुस्सा है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह का पुतला भी फूंकने की तैयारी हुई है। 

पीएम ने समय नहीं दिया तो पूरा पूर्वांचल जाएगा
एक्शन कमेटी से जुड़े अधिवक्ताओं के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बनारस में मिलने का समय नहीं दिया तो हजारों की संख्या में अधिवक्ता बनारस जाएंगे। इसके लिए पूर्वांचल के जिलों के वकीलों को भी बुलाया जाएगा। कुछ अधिवक्ताओं ने जस्टिस गिरधर मालवीय से भी मामला प्रधानमंत्री तक पहुंचाने की बात कही है। ऐसा भी हो सकता है कि 25 दिसम्बर से पहले भी पीएम दफ्तर से समय मिल जाए। ऐसी स्थिति में वकीलों का प्रतिनिधि मंडल ही मिलने जाएगा। सोमवार को बार काउंसिल के सात सदस्य बनारस जाकर वहां के डीएम को भी मांगपत्र देंगे और प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगेंगे।

 

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