नकवी को लोकसभा चुनाव में बेहतरीन मैनेजमेंट का दिया पार्टी ने ईनाम
आखिरकार जिले के भाजपाइयों को पीएम नरेंद्र मोदी ने वह तोहफा दे दिया, जिसकी ख्वाहिश केंद्र में भाजपा की सरकार बनने की बाद से बनी हुई थी। पहली दफा मंत्रिमंडल में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुख्तार...
आखिरकार जिले के भाजपाइयों को पीएम नरेंद्र मोदी ने वह तोहफा दे दिया, जिसकी ख्वाहिश केंद्र में भाजपा की सरकार बनने की बाद से बनी हुई थी। पहली दफा मंत्रिमंडल में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी को शामिल न किए जाने पर निराश हुए भाजपाइयों को यह उम्मीद जरूर थी कि नकवी जी को लोकसभा चुनाव में बेहतरीन मैनेजमेंट और वफादारी का ईनाम जरूर मिलेगा। रविवार को मुख्तार अब्बास नकवी को मंत्रिमंडल में शामिल कर पीएम ने भाजपाइयों को खुशी से झूमने का मौका दे दिया। इस दफा तो किसी भी लोकसभा सीट से बिना चुनाव लड़े नकवी ने मंत्रिमंडल का सफर तय कर लिया।
वर्ष 1998 में रामपुर में पहली दफा आने वाले मुख्तार अब्बास नकवी ने यहां की जमीं को अपनी कर्मभूमि मान लिया। यहां के मतदाताओं ने उनको जिताकर संसद भेजा। पीएम ने रामपुर की जनता को इस जीत का तोहफा देते हुए नकवी को मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया। इसके बाद वर्ष 1999 में और 2009 में नकवी को रामपुर से करारी हार मिली। वर्ष 2009 में उनकी हार का कारण भितरघात रहा था। बाद में उनको राज्यसभा से संसद भेजा गया। हालांकि इन दो हार के बाद भी उनका रामपुर से वही लगाव रहा जो पहले था। समय-समय पर रामपुर आना और यहां की समस्याओं को उठाना हमेशा उनकी प्राथमिकता में रहा। वर्ष 2014 में भाजपा जिला कार्यकारिणी ने नकवी से अनुरोध किया था कि इस दफा वह फिर रामपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ें लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया। बाद में उनकी पत्नी को टिकट दिलाने की भाजपाइयों ने पुरजोर मांग उठाई लेकिन नकवी ने फिर इंकार कर दिया। बाद में डा. नैपाल सिंह को रामपुर से टिकट मिला। वहीं हाईकमान नकवी को लोकसभा चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंप दी। लिहाजा वह किसी भी लोकसभा सीट से चुनाव नहीं लड़े। केंद्र में जब पूर्ण बहुमत से भाजपा की सरकार बनी तो उम्मीद जगी थी कि नकवी को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा। पहली दफा जब उनको शामिल नहीं किया तो भाजपाई निराश तो हुए लेकिन उम्मीद थी कि नकवी को जल्द मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा। आखिरकार नरेंद्र मोदी ने भाजपाइयों की इस ख्वाहिश को पूरा करते हुए नकवी को मंत्रिमंडल में शामिल कर राज्यमंत्री बना दिया। दूसरी दफा मंत्रिमंडल का सफर उन्होंने बिना चुनाव लड़े तय कर लिया।