फोटो गैलरी

Hindi Newsआगरा पुलिस में तैनात सोनी व नीलिमा ने भी खोले हैं कई केस

आगरा पुलिस में तैनात सोनी व नीलिमा ने भी खोले हैं कई केस

ताजगंज की डकैती हो या खेरागढ़ का मर्डर। लावारिस ब्रीफकेस में मिला बम या हाल में ही फिरोजाबाद के दोहरे हत्याकाण्ड का राजफाश। लादेन का ठिकाना खोज निकालने वाले ‘बेल्जियन मैलिनोइस’ की तरह ही...

आगरा पुलिस में तैनात सोनी व नीलिमा ने भी खोले हैं कई केस
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 27 Oct 2014 10:26 PM
ऐप पर पढ़ें

ताजगंज की डकैती हो या खेरागढ़ का मर्डर। लावारिस ब्रीफकेस में मिला बम या हाल में ही फिरोजाबाद के दोहरे हत्याकाण्ड का राजफाश। लादेन का ठिकाना खोज निकालने वाले ‘बेल्जियन मैलिनोइस’ की तरह ही आगरा में सोनी और नीलिमा की धूम मची हुई है। लैब्राडॉर और जर्मन शेफर्ड प्रजाति के यह श्वान इन दिनों आगरा ही नहीं आसपास के अन्य जिलों में भी नाम रोशन कर रही हैं।
हाल में ही अमेरिकी पुलिस की विशेष इकाई (के9) ने अपने दल में बेल्जियन मैलिनोइस प्रजाति के श्वान भर्ती किए हैं। इसी प्रजाति के एक श्वान की मदद से सील कमांडो दस्ते ने एबटाबाद (पाकिस्तान) में लादेन को खोज निकाला था। बेशक वो एक बड़ा मिशन था, लेकिन आगरा पुलिस के श्वान दल में शामिल नीलिमा और सोनी भी कोई कम कारनामा नहीं दिखा रहीं। कमला नगर में लाखों की चोरी की वारदात खोलने के साथ ही सोनी ने एक चोर को भी पकड़वाया तो हाल में फिरोजाबाद में डबल मर्डर का खुलासा नीलिमा की मदद से हुआ।
किले की झाड़ियों से एक बैग सोनी ने ढूंढा, जिसमें निष्क्रिय बम निकला था। वहीं, पश्चिमपुरी में पुजारी की पुत्री की हत्या का मामले में भी इन श्वानों की मदद ली गई थी। इन श्वानों ने पुलिस टीम को ऐसे लिंक दिए, जिससे केस को सुलझाने में काफी मदद मिली। पुलिस के इन श्वानों के अलावा कमला नगर में ही एक जर्मन शेफर्ड डॉग (राजा) ने चोरों को पकड़वाने की मदद की थी। दरअसल इसी श्वान के मालिक के घर में चोरी हो गई थी। इस डॉग ने हालांकि ट्रेनिंग नहीं ली थी। फिर भी उसने अपनी क्षमता से बढ़कर दो दिन में ही चोरों को पकड़वा दिया। यह श्वान लगातार दो दिन तक अपने मालिक को कमला नगर के पास एक गली में ले जाता रहा। पुलिस को यह लिंक मिला और पड़ताल के दौरान केस खुल गया।



150 रुपये का रोज खर्चा
आगरा। श्वानों के प्रतिदिन का खर्चा भी शासन ने बढ़ा दिया है। पूर्व में इन श्वानों को 62 रुपये की डाइट मिलती थी, लेकिन अब प्रतिदिन 150 रुपये तक का भोजन, दूध, मांस व अन्य सामान मिलता है। बीमार होने पर इनकी अच्छी देखरेख की जाती है। सुबह और शाम को घूमने के अलावा यह श्वान दिन में आराम करते हैं। गर्मियों में इनके लिए कूलर लगाए जाते हैं और सर्दियों में ठण्ड से बचने के लिए पुलिस लाइन में ही हीटर की व्यवस्था भी की जाती है। श्वान दल में शामिल पुलिसकर्मियों पर ही इनकी देखरेख की जिम्मेदारी रहती है।



पंजाब और एमपी में ली ट्रेनिंग
आगरा। आगरा पुलिस की यह दोनों ही श्वान लंबे ट्रेनिंग सेशन के बाद ताज नगरी आई हैं। सोनी ने पंजाब पुलिस अकादमी के ट्रेनर्स द्वारा फुल्लौर में और नीलिका में टेकनपुर (ग्वालियर) में मध्य प्रदेश पुलिस अकादमी के ट्रेनर्स से प्रशिक्षण प्राप्त किया है। सोनी लैब्राडॉर और नीलिमा जर्मन शेफर्ड प्रजाति की श्वान है। सोनी के खासियत उसके सूंघने की जबरदस्त क्षमता है। 1000 गज की दूरी से भी यह लैब्राडॉर सूंघ सकती है। अपने मालिक के प्रति इसका व्यवहार दोस्ताना रहता है। वहीं, नीलिमा जर्मन शेफर्ड प्रजाति की श्वान है। इसकी खासियत यह है कि यह बेल्जियन मैलिनोइस की तरह ही आरोपी को देखकर तेज भौंकती नहीं है बल्कि कुछ विशेष इशारों से अपने संरक्षक को आरोपित या उनके ठिकाने के बारे में जानकारी दे देती है। पूर्व आगरा के पुलिस के पास ऐसे श्वान में रहे हैं, जिन्होंने भारतीय सेना के प्रशिक्षकों से ट्रेनिंग प्राप्त की थी। पिछले दस बरस के दौरान लैब्राडॉर और पुलिस का लंबा साथ रहा है। पुलिस में इन श्वानों को ट्रेकर व स्निफर डॉग्स के नाम से संबोधित किया जाता है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें