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बालश्रम रोकने में मददगार बनेगा फेसबुक: श्रमायुक्त

बालश्रम पर नियंत्रण के लिए श्रम विभाग भी अब सोशल नेटवर्क फेसबुक का इस्तेमाल करेगा। यह बात प्रदेश की श्रम आयुक्त शालिनी प्रसाद ने कही। उन्होंने स्वीकार किया कि मौजूदा कानून बालश्रम रोकने में प्रभावी...

बालश्रम रोकने में मददगार बनेगा फेसबुक: श्रमायुक्त
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 29 Apr 2015 08:58 PM
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बालश्रम पर नियंत्रण के लिए श्रम विभाग भी अब सोशल नेटवर्क फेसबुक का इस्तेमाल करेगा। यह बात प्रदेश की श्रम आयुक्त शालिनी प्रसाद ने कही। उन्होंने स्वीकार किया कि मौजूदा कानून बालश्रम रोकने में प्रभावी नहीं है। इसे और सख्त बनाना होगा। इसके अलावा बालश्रम की परिभाषा भी नए सिरे से गढ़नी होगी।

बीएचयू के के.एन. उडुप्पा सभागार में यूनीसेफ के सहयोग से बुधवार को आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में बाल श्रमिकों की संख्या 22 लाख है। हम प्रतिवर्ष दो हजार बच्चों को ही छुड़ा पाते हैं।

हमारे पास ऐसी कोई प्रणाली नहीं है कि हम यह जान सकें कि छुड़ाए गये बच्चे दोबारा श्रम में लगा दिये गये या नहीं।
ज्यादातर मामलों में लोग बच्चों को अपना बेटा, भतीजा या भांजा बताकर बच जाते हैं। ऐसे में हमें बालश्रम की नई परिभाषा और नए कानून बनाने की जरूरत महसूस होती है।

श्रमायुक्त ने कहा कि इस समस्या को खत्म करने के लिए सबसे जरूरी जनसहयोग है। कानपुर में हमने कुछ कॉलेजों को इस अभियान से जोड़ा है। एक फेसबुक अकाउंट है, जिससे छात्रों को जोड़ा गया है। वे बताती हैं कि कहां बालश्रम हो रहा है।

कार्यक्रम में डीएम प्रांजल यादव, जौनपुर के डीएम भानु चंद्र गोस्वामी, अपर श्रमायुक्त शकुंतला गौतम, सीडीओ विशाख जी, मिर्जापुर के सीडीओ अमित कुमार, यूनीसेफ के अमित मेहरोत्र आदि ने भी विचार रखे।

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