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मनरेगा घोटालाः सीबीआई टीम का विकास भवन में छापा

प्रदेश में बनारस समेत 60 जिलों में मनरेगा घोटाले की जांच की आंच विकास भवन तक आ पहुंची है। ब्रिक गार्ड के निर्माण के नाम पर 93 लाख रुपए के मनमाने भुगतान की शिकायत की जांच के लिए बुधवार को सीबीआई की छह...

मनरेगा घोटालाः सीबीआई टीम का विकास भवन में छापा
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 13 Nov 2014 12:05 AM
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प्रदेश में बनारस समेत 60 जिलों में मनरेगा घोटाले की जांच की आंच विकास भवन तक आ पहुंची है। ब्रिक गार्ड के निर्माण के नाम पर 93 लाख रुपए के मनमाने भुगतान की शिकायत की जांच के लिए बुधवार को सीबीआई की छह सदस्यीय टीम विकास भवन पहुंची।

टीम ने विकास भवन की दूसरी मंजिल पर स्थित उपायुक्त-मनरेगा के दफ्तर में मामले से संबंधित फाइलों की खोजबीन शुरू की। कुछ फाइलें मिलीं हैं। कुछ फाइलों की गुरुवार को तलाश होगी। सीबीआई के आने की खबर मिलते ही विकास भवन समेत जिले की प्रशासनिक मशीनरी में हड़कंप की स्थिति पैदा हो गई। देर रात तक प्रभारी डीएम एवं सीडीओ विशाख जी का मोबाइल नहीं उठा।

विकास भवन के सूत्रों के अनुसार वर्ष 2008-09 एवं 2009-10 में मनरेगा के तहत जिले के विभिन्न विकास खंडों में पौधरोपण कराए गए थे। पौधों की हिफाजत के लिए 6275 ब्रिक गार्ड बने थे। इस मद में 93 लाख रुपए का भुगतान हुआ था। इस भुगतान में अनियमितता की प्रदेश शासन एवं केन्द्र सरकार से शिकायत की गई थी। सीबीआई टीम उसी शिकायत की जांच के लिए 9.30 बजे ही विकास भवन पहुंच गई।

टीम के आधा दर्जन सदस्यों ने उपायुक्त मनरेगा गजेन्द्र तिवारी का दफ्तर खुलने का इंतजार किया। लगभग पौन घंटे बाद तिवारी समेत सभी कर्मचारियों के आने की तस्दीक के बाद सीबीआई टीम दफ्तर में दाखिल हुई। उनका परिचय मिलते ही पूरे दफ्तर को सांप सूंघ गया। टीम ने सभी के मोबाइल बंद करवाने के बाद फाइलों की छानबीन शुरू की। आलमारियों से एक-एक फाइल निकलवाईं गईं। उनमें जरूरत की फाइलें एक ओर रखवाईं। सूत्रों ने बताया कि दोपहर 2 बजे के बाद कर्मचारियों से मामले के संबंध में पूछताछ शुरू हुई।

यह प्रक्रिया रात्रि 10.30 तक चली। इस दौरान किसी कर्मचारी को दफ्तर के बाहर नहीं निकलने दिया गया। सूत्रों के अनुसार, सीबीआई टीम गुरुवार को भी रहेगी। ब्रिक गार्ड के नाम पर मनमाने भुगतान की शिकायत सही मिली तो तत्कालीन सीडीओ, डीडीओ, संबंधित विकास खंडों के बीडीओ समेत कई अधिकारियों व कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है।

बुधवार को शासन में बैठकों के सिलसिले में कमिश्नर आरएम श्रीवास्तव और जिलाधिकारी प्रांजल यादव शहर के बाहर थे। सीडीओ विशाख जी के पास डीएम का चार्ज था। सीबीआई टीम की छापेमारी के संबंध में उनसे संपर्क के कई प्रयास किए गए मगर उनका फोन नहीं उठा। उल्लेखनीय है कि तीन दिनों पूर्व बनारस समेत 60 जिलों में मनरेगा घोटाले के संबंध में एफआईआर दर्ज हुई थी।

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