संभल: दीवार के मलबे में दफन हुई किशोरी की जिंदगी
असमोली थाना इलाके में भरभरा कर गिरी घर की पक्की दीवार के मलबे में दबकर किशोरी की दर्दनाक मौत हो गई। किशोरी की मौत से परिवारजनों में कोहराम मच गया। तहसीलदार ने घटनास्थल का मौका मुआयना किया। थानांतर्गत...
असमोली थाना इलाके में भरभरा कर गिरी घर की पक्की दीवार के मलबे में दबकर किशोरी की दर्दनाक मौत हो गई। किशोरी की मौत से परिवारजनों में कोहराम मच गया। तहसीलदार ने घटनास्थल का मौका मुआयना किया। थानांतर्गत गांव मढ़न निवासी जाबिर बढ़ई का काम करके परिवार का पालन पोषण करता है।
शनिवार सुबह को जाबिर, उसकी पत्नी शकीला और आठ बच्चे चाय पीने के बाद घर में इधर-उधर हो गए जबकि दस वर्षीय बेटी महरीन दीवार के सहारे बैठकर चाय पी रही थी। अचानक भरभरा कर पक्की दीवार गिरने से महरीन मलबे में दब गई। यह देखकर परिजनों ने शोर मचाते हुए मलबे को हटाना शुरु कर दिया। दस मिनट बाद जैसे-तैसे मलबा हटाकर महरीन को बाहर निकाला गया। महरीन खून से लथपथ थी। परिजन आनन फानन में महरीन को लेकर गांव के निजी अस्पताल पहुंचे मगर डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
सबकी चहेती थी महरीन, बिलखे परिजन
संभल। जाबिर के नौ बच्चों में महरीन सबसे छोटी थी। इसलिए महरीन सबकी चहेती थी। मां-बाप और भाई-बहन महरीन को बेहद प्यार करते थे। उसे जरा सी चोट लगती थी तो सभी को दुख होता था। महरीन अब इस दुनिया में नहीं है, ऐसे में परिजन गमजदा है। पिता जाबिर, मां शकीला, बहन तरन्नुम, अंजुम, शाहजहां, अफरोज, अनम, भाई फिरोज, मेहराज, जाने आलम का रो-रो कर बुरा है। सभी उस घड़ी को कोस रहे हैं जबकि हादसा हुआ।
खेत के पानी से कमजोर हुई दीवार
संभल। जाबिर के घर की दीवारें पक्की हैं। फिर भी पक्की दीवार गिर गई। इसकी वजह भी सामने आई। जाबिर के घर के बराबर में मुन्ना पुत्र कल्लू का खेत है। जिसमें फसल खड़ी है। समय-समय पर सिंचाई भी होती रहती है। चूंकि खेत की तरफ से दीवार के निचले हिस्से में ज्यादा मिट्टी नहीं लगी है, सो उसी स्थान से दीवार में लगातार पानी रिस रहा होगा और दीवार कमजोर होने के बाद शनिवार को हादसा हो गया।