‘सुना हो बहना, सबके वोट देवे के कहना’
वाराणसी में शराब और जुए की लत जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाने वाला संगठन ‘ग्रीन ग्रुप’ अब लोगों को मतदान के लिए प्रेरित कर रहा है। हरी साड़ी पहने संगठन की लगभग 25 महिला सदस्य...
वाराणसी में शराब और जुए की लत जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाने वाला संगठन ‘ग्रीन ग्रुप’ अब लोगों को मतदान के लिए प्रेरित कर रहा है। हरी साड़ी पहने संगठन की लगभग 25 महिला सदस्य लोकगीतों के जरिए लोगों से वोट डालने की अपील कर रही हैं। वे मतदाताओं से कहती हैं, ‘सुना हो भैया, सुना हो बहना, सबके वोट देवे के कहना। अगर कोई रोके-टोके,100 नंबर पर फौरन कॉल करना।’
वाराणसी प्रशासन ने पिछले चुनावों में कम मतदान के मद्देनजर ‘ग्रीन ग्रुप’ की महिलाओं से लोगों को वोटिंग के लिए जागरूक करने की अपील की थी। संगठन में शामिल स्थानीय महिलाओं (अधिकतर गृहणियां) ने लोकगीतों के जरिए मतदाताओं को उनके मताधिकार की अहमियत समझाने की जिम्मेदारी उठाई। ये महिलाएं स्कूल नहीं गई हैं, पर शिक्षित हैं। मार्शल आर्ट में दक्ष होने के साथ ही यूपी में ‘पुलिस मित्र’ के तौर पर पंजीकृत भी हैं। वाराणसी की सड़कों पर इन महिलाओं को नियमित रूप से लोकगीत गाते हुए देखा जा सकता है।
‘ग्रीन ग्रुप’ की एक सदस्य आशा देवी कहती हैं, ‘दो साल पहले तक हम रसोई तक सीमित रहने वाली आम ग्रामीण महिलाएं थीं, जो अपने पतियों की शराब और जुए की लत से परेशान थीं। ‘होप वेलफेयर ट्रस्ट’ (एचडब्ल्यूटी) ने हमें ‘ग्रीन ग्रुप’ में शामिल कर हमारा जीवन पूरी तरह बदल दिया है।’ बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कुछ पूर्व छात्र मिलकर इस ट्रस्ट का संचालन कर रहे हैं। वर्ष 2015 में खुशियारी गांव के बच्चों और स्कूल छोड़ चुकी महिलाओं को पढ़ाने के साथ ट्रस्ट ने अपने काम की शुरुआत की थी।
एचडब्ल्यूटी के अध्यक्ष रवि मिश्रा ने बताया कि खुशियारी गांव में काम करने के दौरान हमने जाना कि शराब और जुए की लत परिवारों को बर्बाद कर रही है। महिलाओं को शिक्षित करने के साथ-साथ हम उन्हें सामाजिक मुद्दों के लिए भी तैयार कर रहे हैं, ताकि वे भी बुंदेलखंड के ‘गुलाबी गैंग’ की तरह सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आवाज बुलंद कर सकें।