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Hindi NewsVIDEO: शॉपिंग मॉल के लिए रामपुर की वाल्मीकि बस्ती पर चला हथौड़ा

VIDEO: शॉपिंग मॉल के लिए रामपुर की वाल्मीकि बस्ती पर चला हथौड़ा

यूपी सरकार की ओर से करोड़ों की लागत से बने महात्मा गांधी शॉपिंग मॉल के लिए तोपखाना रोड किनारे बसी वाल्मीकि बस्ती में तोड़फोड़ शुरू कर दी गई है। रामपुर में तोपखाना रोड पर राजकीय रजा इंटर कालेज के पीछे...

VIDEO: शॉपिंग मॉल के लिए रामपुर की वाल्मीकि बस्ती पर चला हथौड़ा
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 22 Aug 2016 10:34 AM
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यूपी सरकार की ओर से करोड़ों की लागत से बने महात्मा गांधी शॉपिंग मॉल के लिए तोपखाना रोड किनारे बसी वाल्मीकि बस्ती में तोड़फोड़ शुरू कर दी गई है। रामपुर में तोपखाना रोड पर राजकीय रजा इंटर कालेज के पीछे वाल्मीकि बस्ती है। यहीं, यूपी के कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खां के प्रयास से करोड़ों की लागत से महात्मा गांधी शॉपिंग मॉल बनवाया गया। मॉल के गेट पर वाल्मीकि बस्ती है। पालिका और प्रशासन का कहना है कि बस्ती सड़क पर अतिक्रमण कर बनाई गई है। अब चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले मॉल का मुख्यमंत्री से उद्घाटन प्रस्तावित है।

इसे हटाने को लेकर पूर्व में बवाल हो चुका है। लिहाजा, चंद रोज पहले ही बस्ती के लोगों से पालिका और प्रशासन के अधिकारियों के बीच समझौता वार्ता हुई। जिसमें तय किया गया कि पूरी बस्ती नहीं हटाएंगे, महज 24 फिट तक के दायरे में आने वाले निर्माण को हटाया जाएगा ताकि सड़क चौड़ी हो जाए। इस पर सहमति के बाद बीते सप्ताह पालिका बोर्ड की बैठक में बकायदा इसका प्रस्ताव पास किया गया और आज दिन निकलते ही पालिका, पुलिस और प्रशासन के अधिकारी बस्ती पहुंच गए। रजा इंटर कालेज, तोपखाना और अस्पताल को जाने वाले मार्ग जेसीबी लगवाकर बंद कर दिए गए। इसके बाद 24 फिट के दायरे में आ रहे निर्माण पर हथौड़ा चलवाना शुरू कर दिया गया है। प्रशासन के चाक-चौबंद सुरक्षा कारणों से खौफजदा वाल्मीकि बस्ती के सड़क के दूसरे ओर खड़े तोड़फोड़ को देखते रहे। 

पिछले वर्ष हुआ था बवाल
बीते वर्ष छह अप्रैल को वाल्मीकि बस्ती पर लाल निशान लगाए गए थे। जिसको लेकर विरोध-प्रदर्शन शुरू हुआ था। डाक्टर तनवीर इस मामले में जेल भी गए थे। वाल्मीकि समाज के लोग अनशन पर बैठ गए थे। मामला इतना गर्माया था कि प्रदेश में जगह-जगह धरना-प्रदर्शन शुरू हो गए थे। लखनऊ में भी अनशन शुरू करने की चेतावनी दी गई थी। वहीं वालमीकि समाज के लोगों ने सामूहिक रूप से धर्मांतरण की लिखित चेतावनी दी थी। जिस पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने यूपी सरकार से रिपोर्ट तलब की थी। सोलह अप्रैल को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष डा. राजकुमार वेरका रामपुर आए थे। उन्होंने तत्कालीन डीएम चंद्र प्रकाश त्रिपाठी, आईजी विजय सिंह मीना और एसपी साधना गोस्वामी को साथ लेकर वाल्मीकि बस्ती के लोगों से लिखित समझौता कराया था कि उनकी बस्ती अब नहीं ढहाई जाएगी। तब जाकर मामला शांत हुआ था।

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