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शाहजहांपुर की कटरी में तैयार हो रहे गंगा के बॉटनिकल स्वीपर

गंगा स्वच्छता अभियान में कल्लू की कटरी अहम भूमिका निभाने जा रही है। यहां की रेतीली जमीन में बॉटनिकल स्वीपर तैयार किए जा रहे हैं। जो रामगंगा के कचरे की सफाई कर गंगा की धार को निर्मल बनाएंगे। जिले में...

शाहजहांपुर की कटरी में तैयार हो रहे गंगा के बॉटनिकल स्वीपर
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 May 2016 03:41 PM
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गंगा स्वच्छता अभियान में कल्लू की कटरी अहम भूमिका निभाने जा रही है। यहां की रेतीली जमीन में बॉटनिकल स्वीपर तैयार किए जा रहे हैं। जो रामगंगा के कचरे की सफाई कर गंगा की धार को निर्मल बनाएंगे। जिले में विनोबा सेवा आश्रम के साथ डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया नाम की संस्था ने इस पर काम शुरू किया है। मिर्जापुर व कलान ब्लाक के आठ ऐसे गांवों को चिह्नित किया गया है, जो रामगंगा के किनारे बसे हैं। 

इन गांवों में टर्टल हैचरी बनाकर कछुओं के अंडों का संरक्षण किया जा रहा है। जब इनमें बच्चे निकलेंगे तो उन्हें नदी में छोड़ा जाएगा। विनोबा सेवा आश्रम के मोहित सक्सेना ने बताया कि नदी किनारे होने के कारण इन गांवों के खेतों में कछुए अंडे देते हैं, लेकिन पालेज की फसल के कारण हर साल बड़ी संख्या में नष्ट हो जाते हैं, जिस कारण कछुओं की संख्या कम हो रही है। इस कवायद से कछुओं की संख्या बढ़ेगी। जंतु विज्ञान के प्रोफेसर डा. जमील अहमद बताते हैं कि नदी में अक्सर इंसान व जानवर के शव बहा दिए जाते हैं, जिन्हें कछुए खाते हैं, इससे नदी के अंदर का ईको सिस्टम सही बना रहता है।
 

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